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आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढीमरखेड़ा में डॉक्टर की अनुपस्थिति, आम जनता की उपेक्षा, मरीज़ों की त्रासदी

 आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढीमरखेड़ा में डॉक्टर की अनुपस्थिति, आम जनता की उपेक्षा, मरीज़ों की त्रासदी ढीमरखेड़ा |  भारत सरकार ने "आयुष्मान भारत" योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने हेतु "आयुष्मान आरोग्य मंदिर" की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य था कि हर नागरिक को प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सहजता से उपलब्ध हों। लेकिन जब इन स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ही न हों, तो यह योजना कागज़ी साबित होकर रह जाती है। ऐसा ही एक दर्दनाक उदाहरण है ढीमरखेड़ा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति ने आम जनता को गहरे संकट में डाल दिया है। ढीमरखेड़ा, जो कि मध्यप्रदेश के कटनी जिले का एक जनपद है, प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण लेकिन प्रशासनिक अनदेखी का शिकार इलाका है। यहाँ का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणों के लिए एकमात्र उम्मीद है। लेकिन पिछले कई महीनों से यहां पर स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कभी - कभार एक संविदा डॉक्टर आकर खानापूर्ति कर चला जाता है, लेकिन नियमित इलाज, महिला स्वास्थ्य सेवाएं, प्र...

भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में बिना सरपंच के सील - साइन के हुए बिल पास क्या पंचायत सचिव राजेश पटैल सरकारी धन का कर रहे दुरुपयोग?

 भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में बिना सरपंच के सील - साइन के हुए बिल पास क्या पंचायत सचिव राजेश पटैल सरकारी धन का कर रहे दुरुपयोग? ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले की जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली भनपुरा 1 ग्राम पंचायत इन दिनों एक बड़े विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गई है। यहां के पंचायत सचिव राजेश पटैल पर यह आरोप लगे हैं कि उन्होंने सरपंच कांता बाई कोल की जानकारी और सहमति के बिना लाखों रुपये के बिल पास करवाकर शासकीय राशि की निकासी कर डाली। इस पूरे मामले में गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह कार्यवाही योजनाबद्ध तरीके से की गई एक फर्जीवाड़ा है, और क्या इसके पीछे अधिकारियों की मिलीभगत है? सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में विकास कार्यों और निर्माण योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये की राशि पंचायत के खाते से निकाली गई है। लेकिन जब इन कार्यों से संबंधित बिलों की पड़ताल की गई तो यह पाया गया कि अधिकतर बिलों पर न तो पंचायत सचिव राजेश पटैल के हस्ताक्षर हैं और न ही ग्राम पंचायत की निर्वाचित सरपंच कांता बाई कोल के सील-साइन। यह एक अत्यंत गंभीर प्रशासन...

नरवाई जलाना , एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या, सरकार जो भी प्रावधान लाती हैं वह आपके हित में होता हैं समझदारी से करे कार्य न जलाएं नरवाई प्रदूषण के चलते जीव जंतु भी मौत के मुंह में समा रहे हैं

 नरवाई जलाना , एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या, सरकार जो भी प्रावधान लाती हैं वह आपके हित में होता हैं समझदारी से करे कार्य न जलाएं नरवाई प्रदूषण के चलते जीव जंतु भी मौत के मुंह में समा रहे हैं  ढीमरखेड़ा |  भारत में कृषि प्रधानता होने के कारण बड़े पैमाने पर फसल कटाई होती है, जिसके बाद खेतों में फसल अवशेष जैसे नरवाई (धान, गेहूं, ज्वार, मक्का आदि की डंठलें) खेत में बच जाती हैं। कई किसान खेत की अगली फसल की तैयारी के लिए इन फसल अवशेषों को जलाने का आसान और सस्ता तरीका अपनाते हैं। लेकिन यह तरीका जितना सस्ता है, उतना ही हानिकारक भी है। यह न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ाता है, बल्कि मृदा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य, और जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाता है। *वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि* नरवाई जलाने से सबसे बड़ा नुकसान वायुमंडल को होता है। जब किसान फसल अवशेष जलाते हैं, तो उसमें से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) तथा अन्य विषैली गैसें निकलती हैं। ये गैसें वायुमंडल में जाकर धुंध और स्मॉग का निर्माण करती हैं। इ...

बिना नज़राना के नहीं होता कोई कार्य, नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण ढीमरखेड़ा तहसील की सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया, नज़राना दो तभी काम होगा" जैसी भ्रष्ट मानसिकता प्रशासन की रीढ़ को तोड़ देगी

 बिना नज़राना के नहीं होता कोई कार्य, नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण ढीमरखेड़ा तहसील की सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया, नज़राना दो तभी काम होगा" जैसी भ्रष्ट मानसिकता प्रशासन की रीढ़ को तोड़ देगी ढीमरखेड़ा |  लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नियमों और प्रक्रियाओं का पालन सर्वोच्च माना जाता है। सरकारी नौकरियों में नियुक्ति से लेकर कार्यान्वयन तक एक निर्धारित प्रक्रिया होती है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और योग्यता सुनिश्चित करना होता है। किंतु जब इन नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं, तब यह न केवल शासन की साख को चोट पहुँचाता है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी टूटता है। मध्यप्रदेश के कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया का मामला इसी तरह का गंभीर उदाहरण है। *नियमों की अवहेलना तीन संतान होने का मामला* राज्य शासन द्वारा यह स्पष्ट निर्देश है कि वर्ष 2001 के बाद जिन शासकीय सेवकों के तीन या उससे अधिक संतानें हैं, उन्हें शासकीय सेवा में नियुक्त नहीं किया जा सकता। यह नीति जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से लागू की गई थी और सभी सरकारी सेवाओं में इसका पालन अन...

ब्राह्मण ज्ञान, त्याग, और तपस्या का जीवंत प्रतीक, ब्राह्मण होते हैं बहुत दयालु लेकिन जब बात प्रतिष्ठा की आ जाए तो बन जाते हैं बब्बर शेर

 ब्राह्मण ज्ञान, त्याग, और तपस्या का जीवंत प्रतीक, ब्राह्मण होते हैं बहुत दयालु लेकिन जब बात प्रतिष्ठा की आ जाए तो बन जाते हैं बब्बर शेर ढीमरखेड़ा |  भारत एक ऐसी पवित्र भूमि है, जहाँ ऋषियों, मुनियों और विद्वानों ने ज्ञान, धर्म और संस्कृति का दीप जलाकर समस्त मानवता को दिशा दी। इस धरा पर ब्राह्मणों का स्थान सर्वोच्च रहा है। ब्राह्मण न केवल वेदों के ज्ञाता रहे हैं, बल्कि समाज के नैतिक मार्गदर्शक, गुरु और तपस्वी भी रहे हैं। ब्राह्मण कोई जाति नहीं, बल्कि वह चेतना है जो सृजन, संस्कार और सेवा में विश्वास रखती है। ब्राह्मणों की महिमा शास्त्रों, इतिहास और आधुनिक भारत के निर्माण तक फैली हुई है। *ब्राह्मण की उत्पत्ति: ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न* मनुस्मृति और वेदों के अनुसार, ब्राह्मण ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न हुए हैं, जो ज्ञान और वाणी का स्रोत है। इसका तात्पर्य है कि ब्राह्मण को सृष्टि में ज्ञान, धर्म और नीति का मार्गदर्शक बनाया गया। उनका कार्य केवल यज्ञ, पूजन और संस्कार नहीं था, बल्कि समाज को सही दिशा देना, राजनीति में संतुलन बनाना, और राजा को धर्मसम्मत मार्ग पर चलाना भी था।  *ब्राह...

फर्जी वसीयत के आधार पर किये गये नामांतरण पर अपर कमिश्नर की रोक अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने की पैरवी

 फर्जी वसीयत के आधार पर किये गये नामांतरण पर अपर कमिश्नर की रोक  अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने की पैरवी ढीमरखेड़ा। जिले की ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत नायब तहसीलदार सिलौड़ी के द्वारा फर्जी वसीयत के आधार पर नामांतरण किया गया। चूंकि जो वसीयत की गई है वह प्रारंभिक रूप से ही संदिग्ध प्रतीत हो रही है। बावजूद इसके नायब तहसीलदार सिलौड़ी के द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फर्जी वसीयत के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही की गई। तत्पश्चात अपीलार्थी के द्वारा एसडीएम ढीमरखेड़ा के समक्ष अपील प्रस्तुत कर गुण-दोष के आधार पर निराकरण करके नायब तहसीलदार के आदेश को निरस्त करने   निवेदन किया गया लेकिन एसडीएम ढीमरखेडा के द्वारा भी अधिनस्थ न्यायालय के आदेश को यथावथ रखा गया। लिहाजा अपीलार्थी की ओर से संभागीय आयुक्त के समक्ष धारा 44(2) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत अपील प्रस्तुत की गई। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार मिश्रा ने न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा, प्रस्तुत तथ्यों से सहमत होते हुये न्यायालय अपर कमिश्नर अमर बहादुर सिंह की कोर्ट ने अधिनस्थ न्यायालय के निर्णय पर रोक...

कटनी में नव पदस्थ डीपीसी प्रेम नारायण तिवारी से उम्मीदें शिक्षा सुधार की ओर एक नई पहल

 कटनी में नव पदस्थ डीपीसी प्रेम नारायण तिवारी से उम्मीदें शिक्षा सुधार की ओर एक नई पहल ढीमरखेड़ा |  कटनी जिले के शिक्षा जगत में एक नया अध्याय उस समय प्रारंभ हुआ जब मंगलवार को प्रेम नारायण तिवारी ने जिला शिक्षा केन्द्र में जिला परियोजना समन्वयक (DPC) के रूप में अपना कार्यभार संभाला। इस अवसर पर जिला शिक्षा केन्द्र कटनी के समस्त सहायक परियोजना समन्वयक (APCs), प्रोग्रामर और कार्यालयीन स्टाफ उपस्थित रहा। यह दिन केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक नई उम्मीदों, अपेक्षाओं और बदलावों की दस्तक भी थी। जिले में लंबे समय से रुकी पड़ी समस्याएं और शिकायतें, अब समाधान की राह देख रही हैं। प्रेम नारायण तिवारी एक अनुभवी शैक्षिक प्रशासक हैं, जो इसके पूर्व जबलपुर जिला शिक्षा केन्द्र में एपीसी मोबिलाइज़र के पद पर कार्यरत थे। उनके पास विभिन्न शैक्षिक योजनाओं के क्रियान्वयन का अनुभव है। वे विशेष रूप से शासकीय योजनाओं की मॉनिटरिंग, छात्रों की उपस्थिति, छात्रवृत्ति वितरण, और बालक - बालिका छात्रावासों के संचालन से जुड़े विषयों में दक्षता रखते हैं। *कार्यभार ग्रहण का अवसर संवाद और योजना* कार्यभार ग्रहण क...