सब कुछ ऑनलाइन हैं तो कमीशन लेना ऑनलाइन क्यूं नहीं हैं, कमीशन लेना भी होना चाहिए ऑनलाइन तभी अधिकारियों और कर्मचारियों की खुलेगी पोल कमीशन से निर्माण कार्यों मे पड़ता हैं असर, ऑनलाइन सिस्टम में कमीशनखोरी क्या कमीशन भी होना चाहिए ऑनलाइन?
सब कुछ ऑनलाइन हैं तो कमीशन लेना ऑनलाइन क्यूं नहीं हैं, कमीशन लेना भी होना चाहिए ऑनलाइन तभी अधिकारियों और कर्मचारियों की खुलेगी पोल कमीशन से निर्माण कार्यों मे पड़ता हैं असर, ऑनलाइन सिस्टम में कमीशनखोरी क्या कमीशन भी होना चाहिए ऑनलाइन? ढीमरखेड़ा | आज के डिजिटल युग में जब हर चीज़ ऑनलाइन हो रही है बैंकिंग से लेकर सरकारी योजनाओं तक तो सवाल उठता है कि सरकारी कार्यों में लिए जाने वाले कमीशन का सिस्टम भी ऑनलाइन क्यों नहीं किया जाता? अगर कमीशन लेना भी ऑनलाइन कर दिया जाए, तो इससे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की असलियत सामने आ सकती है। इससे यह पता चल सकेगा कि कौन कितना और किससे कमीशन ले रहा है, और इससे सरकारी परियोजनाओं की गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना आसान होगा, गौरतलब हैं कि सरकारी तंत्र में कमीशनखोरी का जाल बहुत गहरा है। किसी भी निर्माण कार्य, सड़क निर्माण, पुल निर्माण, सरकारी भवन निर्माण, जल आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में बिना कमीशन के कोई कार्य संभव नहीं होता। ग्राम पंचायतों में सरपंच और सचिव को काम पास कराने के लिए ठेकेदार से कमीशन मिलता है। जनपद और जि...