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क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह कर रहें हैं भव्य कार्यक्रम का आयोजन, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ उत्सव, सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का एक ऐतिहासिक कदम, योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने सभी कार्यकर्ताओं से समय पर पहुंचने की अपील की हैं

 क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह कर रहें हैं भव्य कार्यक्रम का आयोजन, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ उत्सव, सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का एक ऐतिहासिक कदम, योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने सभी कार्यकर्ताओं से समय पर पहुंचने की अपील की हैं  ढीमरखेड़ा |  धर्म, संस्कृति और परंपरा को सहेजने के प्रयासों में बड़वारा क्षेत्र के विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इनके नेतृत्व में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और उसके मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने की अनूठी पहल के तहत राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ उत्सव को भव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाने का कार्य भी करेगा।अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और धर्म की एक गौरवशाली उपलब्धि है। यह केवल एक मंदिर नहीं है, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। वर्षों के संघर्ष और प्रयासों के बाद यह सपना साकार हुआ, और 2024 में इसकी प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस ...

सांसद की एक चिट्ठी से पॉच रूपये किलो सस्ते हो जायेंगे कुछ फल-सब्जी के दाम, जबलपुर-सतना-रीवा के सांसदों ने तो अपनी जनता को दिला दी सुविधा, डीआरएम ने कटनी में सब्जी-फल की अनलोडिंग की है प्रतिबंधित

 सांसद की एक चिट्ठी से पॉच रूपये किलो सस्ते हो जायेंगे कुछ फल-सब्जी के दाम, जबलपुर-सतना-रीवा के सांसदों ने तो अपनी जनता को दिला दी सुविधा, डीआरएम ने कटनी में सब्जी-फल की अनलोडिंग की है प्रतिबंधित कटनी ।  बहुत-बहुत-बहुत ही दुष्कर कार्य है कि कटनी खजुराहो के शक्तिशाली सांसद बीडी भैया से डिवीजनल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) को चार पंक्तियों का एक खत लिखवा दिया जाए कि हे अधिकारी कटनी स्टेशन पर भी सब्जी और फलों की अनलोडिंग करने की वैसी ही अनुमति प्रदान कर देवें  जैसी अनुमति जबलपुर, सतना, रीवा स्टेशनों को आपके द्वारा दी गई है। बस चंद लाइनों का यह खत कटनी में कुछ फल सब्जियों के दाम 4 से 5 रूपये प्रति किलो कम करा देगा और बीडी भैया, दीपक (टंडन) भैया के भरोसे बैठी जनता को राहत मिल जाएगी।दरअसल बात यह है कि कुंभ मेला के चलते प्राइवेट मालवाहक ठेकेदारों को 12 जनवरी से 28 फरवरी तक ट्रेन के लगेज डिब्बे (एसएलआर) में माल की लोडिंग-अनलोडिंग बंद करने के आदेश दिये गये हैं। जैसे ही यह प्रतिबंध लागू हुआ तो जबलपुर, रीवा, सतना के सांसद भैयों ने डीआरएम को खत लिख दिया और डीआरएम ने उन स्टेशनों पर माल की ल...

इंजीनियर सुमित कुमार साहू पंचायतों में लेते हैं कमीशन, कमीशन के कारण निर्माण कार्यों में होती हैं अनियमितता,इंजीनियर सुमित कुमार साहू और पंचायतों में कमीशनखोरी का खेल, निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की कहानी

 इंजीनियर सुमित कुमार साहू पंचायतों में लेते हैं कमीशन, कमीशन के कारण निर्माण कार्यों में होती हैं अनियमितता,इंजीनियर सुमित कुमार साहू और पंचायतों में कमीशनखोरी का खेल, निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की कहानी ढीमरखेड़ा |  भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सड़क, जल आपूर्ति, भवन निर्माण, और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण होता है। लेकिन, भ्रष्टाचार की बढ़ती प्रवृत्ति इन योजनाओं की सफलता में बाधा डालती है। पंचायतों में कमीशनखोरी की प्रथा, जिसमें सरकारी अधिकारी ठेकेदारों और ग्राम सरपंचों से कमीशन की मांग करते हैं, न केवल विकास कार्यों की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि ग्रामीण जनता के विश्वास को भी कमजोर करती है। इन्हीं अनियमितताओं में इंजीनियर सुमित कुमार साहू का नाम बार-बार उभर कर आता है। उनके ऊपर आरोप है कि वे पंचायतों में चलने वाले निर्माण कार्यों में ठेकेदारों और सरपंचों से कमीशन मांगते हैं, जिसके कारण काम की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्...

समाजसेवी राहुल दुबे एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं, जब लोग सोच रहें होते हैं तब राहुल दुबे उस कार्य को कर रहे होते हैं, राहुल दुबे की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं

 समाजसेवी राहुल दुबे एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं, जब लोग सोच रहें होते हैं तब राहुल दुबे उस कार्य को कर रहे होते हैं, राहुल दुबे की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं  ढीमरखेड़ा | शीर्षक पढ़कर दंग मत होना यह कहानी है समाजसेवी राहुल दुबे की, बचपन से ही कुछ करने की ललक और समाज सेवा का कार्य करने की जिद तो राहुल दुबे ने सोचा कि पत्रकारिता से समाज सेवा का कार्य प्रारंभ किया जाए तो कुछ कर दिखाना हों तो कदम भी आगे की ओर बढ़ चले, फिर क्या था पत्रकारिता में इतना नाम कमाया कि लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गए। पत्नी रिया दुबे को देवरी बिछिया से चुनाव सरपंच का लड़वाया तो भारी मतों से विजय श्री का माला पहनाया। इनकी रणनीति और कार्य करने का तरीका एक दम अलग हैं। सोच छोटे कार्यों की नहीं बल्कि इनका लक्ष्य हमेशा से ही बहुत बड़ा रहा हैं। गौरतलब हैं कि समाजसेवी राहुल दुबे का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिया है, जहां लोग उन्हें न केवल प्रेरणा स्रोत मानते हैं, बल्कि उनके मार्गदर्शन में समाधान की तलाश भी करते हैं। जब सामान्य लोग ...

भमका नर्सरी में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम एक यादगार पल, कुछ समय गुजारे हुए पल यादगार बन जाते हैं अधिकारी कर्मचारियों के लिए , मैं भी बाघ हम हैं बदलाव थीम पर आधारित अनुभूति कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल

 भमका नर्सरी में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम एक यादगार पल, कुछ समय गुजारे हुए पल यादगार बन जाते हैं अधिकारी कर्मचारियों के लिए , मैं भी बाघ हम हैं बदलाव थीम पर आधारित अनुभूति कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल ढीमरखेड़ा |    कुंडम परियोजना मंडल के अंतर्गत रामपुर क्षेत्र की बेलकुंड नर्सरी में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम "मैं भी बाघ , हम हैं बदलाव" थीम पर आधारित था और इसका उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति प्रेम, और स्थायी जीवन शैली के प्रति जागरूक करना था। इस कार्यक्रम में माध्यमिक शाला भमका और उच्चतर माध्यमिक शाला झिन्ना पिपरिया के 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और बच्चों को मिशन लाइफ अनुरूप जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था ताकि वे "प्रो प्लानेट पीपल" बन सकें। कार्यक्रम की शुरुआत आत्मीय स्वागत और उद्देश्यों के परिचय के साथ हुई। बच्चों को "अनुभूति कार्यक्रम" के महत्व को समझाया गया। यह पहल न केवल पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देती ...

कैसे टॉयलेट साफ करें हम - शिक्षा का यह एक नया पाठ्यक्रम है क्या ?शासन की हालत खस्ता है क्या जो छात्रों को बनाया सफाई वीर सफाई कर्मचारी रखने लायक न राशि है न है प्रावधान

 कैसे टॉयलेट साफ करें हम - शिक्षा का यह एक नया पाठ्यक्रम है क्या ?शासन की हालत खस्ता है क्या जो छात्रों को बनाया सफाई वीर सफाई कर्मचारी रखने लायक न राशि है न है प्रावधान ढीमरखेड़ा । विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन चुके भारत की आर्थिक हालत ऐसी खस्ता है कि सरकारी शाला में पढऩे वाले बच्चों का टायलेट सफाई के अघोषित कोर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। गंदगी साफ करने के लिए म.प्र. के स्कूल शिक्षा विभाग के पास संभवत: बजट नहीं है कि वह प्रत्येक स्कूल में सफाई मित्र रख सके इसलिए शालाओं का स्टाफ भी लाचार है कि कैसे टायलेट साफ करें हम। इसलिए सरकारी स्कूलों में प्रायमरी कक्ष में पढऩे वाले विद्यार्थियों से स्कूल के टॉयलेट साफ कराए जा रहे हैं, धर्म का डंका बज रहा है। ढ़ीमरखेड़ा तहसील के तहत एक गांव है लालपुर, यहां बनी है सरकारी नवीन मिडिल स्कूल की बिल्डिंग। जहां पर चौथी, पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी मल मूत्र साफ करते हैं। जब मिडिया ने इस कु-पाठ्यक्रम को कैमरे में कैद किया तो शाला के एक अतिथि शिक्षक ने बताया कि बच्चे नहीं हम शिक्षक लोग ही बाथरूम को साफ करते हैं। उस समय शाला में प्रधानाध्यापक आदि मौजूद...

धरवारा निवासी अमित गर्ग, एक आदर्श उपसरपंच और जनता के सेवक काम ऐसा कि हर विभाग में इनके नाम की दहशत क्यूंकि इनका नाम नहीं काम बोलता हैं शिक्षित होने के कारण हर कार्य में रहते हैं सजग

 धरवारा निवासी अमित गर्ग, एक आदर्श उपसरपंच और जनता के सेवक काम ऐसा कि हर विभाग में इनके नाम की दहशत क्यूंकि इनका नाम नहीं काम बोलता हैं शिक्षित होने के कारण हर कार्य में रहते हैं सजग ढीमरखेड़ा |  धरवारा गांव के अमित गर्ग का जीवन एक प्रेरणा है, जो न केवल अपनी शिक्षा और मेहनत से उच्च शिखर तक पहुंचे, बल्कि अपने गांव और समाज के लिए एक मिसाल कायम की। अमित गर्ग की कहानी साधारण नहीं है। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे अमित ने असाधारण मेहनत और लगन के बल पर पहले यूपीएससी (UPSC) और फिर पीएससी (PSC) जैसी कठिन परीक्षाओ की तैयारी की। लेकिन उनकी असली पहचान उनके पद और शिक्षा से नहीं, बल्कि उनके द्वारा किए गए कार्यों से है। शिक्षित और जागरूक अमित गर्ग ने जनता की सेवा का मार्ग अपनाने के लिए उपसरपंच का पद ग्रहण किया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को केवल एक औपचारिक भूमिका तक सीमित नहीं रखा, बल्कि हर विभाग और हर कार्यक्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आज धरवारा में कोई भी विभाग ऐसा नहीं है, जहां उनके कार्यों की चर्चा न हो। *शिक्षा और संघर्ष की प्रेरक यात्रा* अमित गर्ग ने शिक्षा के महत्व को बचपन से...