धान के परिवहन में हो रही देरी को ध्यान में रखते हुए उमरियापान जनपद सदस्य शैलेंद्र पौराणिक एवं दबंग नेता सिद्धार्थ दीक्षित ने ढीमरखेड़ा अनुविभागीय अधिकारी को सौपा ज्ञापन, फांसी लगाने को तैयार किसान और खरीदी प्रभारी अगर कोई प्रभारी या किसान खत्म होगा तो ज़िम्मेदार होगा प्रशासन
धान के परिवहन में हो रही देरी को ध्यान में रखते हुए उमरियापान जनपद सदस्य शैलेंद्र पौराणिक एवं दबंग नेता सिद्धार्थ दीक्षित ने ढीमरखेड़ा अनुविभागीय अधिकारी को सौपा ज्ञापन, फांसी लगाने को तैयार किसान और खरीदी प्रभारी अगर कोई प्रभारी या किसान खत्म होगा तो ज़िम्मेदार होगा प्रशासन ढीमरखेड़ा | भारत में कृषि न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह लाखों किसानों और उनके परिवारों की आजीविका का मुख्य स्रोत भी है। देश की अधिकांश जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। ऐसे में धान जैसी प्रमुख फसल के परिवहन में हो रही देरी किसानों के लिए एक चुनौती बन गई हैं, विदित हों कि हाल ही में उमरियापान जनपद सदस्य शैलेन्द्र पौराणिक द्वारा एसडीएम ढीमरखेड़ा को सौंपे गए ज्ञापन में इस मुद्दे को गहराई से उठाया गया है। धान, जिसे भारत का मुख्य खाद्यान्न माना जाता है, खरीफ फसल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह फसल देश के कई हिस्सों में लाखों किसानों की आय का मुख्य स्रोत है। फसल कटाई के बाद, किसानों को सरकार या निजी खरीदारों को अपनी फसल बेचने की आवश्यकता होती है। इसके लिए समय पर परिवहन ...