सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

प्रशासनिक अधिकारियों ने चाहा नहीं जनता के हालात बदल सकते थे जनता के आंसू अधिकारियों के आँखों से निकल सकते थे, जहाँ शामो-सहर ऐसे माहौल में हम किस तरह ढल सकते थे डर गए हैं जो हवाओं के कसीदे सुनकर वो दिए तुमने जलाये नहीं, जल सकते थे हादसे इतने जियादा थे वतन में अपने खून से छप के भी अख़बार निकल सकते थे

 प्रशासनिक अधिकारियों ने चाहा नहीं जनता के हालात बदल सकते थे जनता के आंसू अधिकारियों के आँखों से निकल सकते थे, जहाँ शामो-सहर ऐसे माहौल में हम किस तरह ढल सकते थे डर गए हैं जो हवाओं के कसीदे सुनकर वो दिए तुमने जलाये नहीं, जल सकते थे हादसे इतने जियादा थे वतन में अपने खून से छप के भी अख़बार निकल सकते थे ढीमरखेड़ा | दैनिक ताजा ख़बर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय का यह बयान वर्तमान समय में देश और समाज की जटिल परिस्थितियों को बयां करता है। उनके शब्द न केवल एक आलोचना हैं, बल्कि एक गहरी संवेदनशीलता और जनभावना की अभिव्यक्ति भी हैं। इस पूरे बयान में प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता, झूठे वादों की हकीकत, और समाज में फैली उदासीनता को बड़े ही प्रभावी ढंग से उजागर किया गया है। राहुल पाण्डेय का यह कथन कि "प्रशासनिक अधिकारियों ने चाहा नहीं, जनता के हालात बदल सकते थे," हमें सोचने पर मजबूर करता है कि यदि अधिकारी अपनी पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ काम करते, तो आज जनता की स्थिति कहीं बेहतर हो सकती थी। प्रशासनिक अधिकारियों का मुख्य कार्य समाज की सेवा और जनकल्याण है। उनके पास अधिकार और स...

वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के जन्म दिवस पर बाइक रैली का आयोजन हुआ संपन्न

 वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के जन्म दिवस पर बाइक रैली का आयोजन हुआ संपन्न  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा तहसील में 16 अगस्त को वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के 193वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य बाइक रैली का आयोजन किया गया। यह आयोजन लोधी क्रांति सेना संगठन के बैनर तले हुआ, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न भागों से आए लोधी समाज के लोगों ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया। रैली का आयोजन स्वामी ब्रह्मानंद जी के पग चिन्ह पर चलकर किया गया, जिसमें वीरांगना रानी अवंती बाई के चरणों में नमन करते हुए दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। *रैली की शुरुआत* रैली की शुरुआत तहसील ढीमरखेड़ा से हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में बाइक सवारों ने हिस्सा लिया। रैली ढीमरखेड़ा से प्रारंभ होकर देवरी, सनकुई, मुरवारी, और गनियारी जैसे स्थानों से होती हुई ग्राम दशरमन पहुंची। रैली में भाग लेने वाले लोग वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की वीरता और उनके योगदान को याद करते हुए उत्साहपूर्वक नारे लगा रहे थे। *वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी का महत्व* रानी अवंती बाई लोधी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में म...

खरी-अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं पहले सत्ता के तराजू में तौले जाते हैं रेप - मर्डर फिर नफा-नुकसान देखकर उठाई जाती है आवाज

 खरी-अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं पहले सत्ता के तराजू में तौले जाते हैं रेप - मर्डर फिर नफा-नुकसान देखकर उठाई जाती है आवाज *लगभग बारह साल बाद एकबार फिर रेप और मर्डर को लेकर देश गुस्से में है मगर इस बीच ना जाने कितने रेप और मर्डर होने की खबरें दफन कर दी गईं। समय के साथ बदलते राजनीतिक परिवेश में बलात्कार और हत्या भी सियासी रंग ले चुकी है। (16 दिसम्बर 2012 की रात में हुआ था चलती सिटी बस में बच्ची के साथ बलात्कार जिसे नाम दिया गया था निर्भया कांड़) । देखने में आता है कि दिल्ली की सरकार वाली पार्टी उसी बलात्कार और हत्या को हवा देती है जहां उसे सियासी लाभ दिखाई देता है। इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि निर्भया कांड़ के दौरान सड़कों पर उतरे लोग कठुआ और हाथरस कांड़ में बलात्कारियों के साथ खड़े नजर आये थे । देशभर में हररोज अधिकारिक तौर पर लगभग एक सैकड़ा रेप की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। सरकार, मीडिया, अदालतों की सेहत पर पड़ने वाला फर्क सियासी रंग में रंगा होता है। सामुदायिक आक्रोश भी दलीय-धार्मिक-जातीय-आर्थिक आधार पर व्यक्त किए जाते हैं।*  *राजनीतिक दलों की नजर में वोट दिलवाने वाली -...

जलजीवन मिशन बना भ्रष्टाचार का मिशन, पंचायत ने पारित किया निंदा प्रस्ताव, पंचायत में लगाया ताला , गांव में बनी दलदल की स्थिति, सुनने को तैयार नहीं जिम्मेदार, ग्राम पंचायत धरवारा का मामला

 जलजीवन मिशन बना भ्रष्टाचार का मिशन, पंचायत ने पारित किया निंदा प्रस्ताव, पंचायत में लगाया ताला , गांव में बनी दलदल की स्थिति, सुनने को तैयार नहीं जिम्मेदार, ग्राम पंचायत धरवारा का मामला  ढीमरखेड़ा | हर घर नल से जल पहुंचाने चल रही जल जीवन मिशन योजना ग्रामीणों के लिए राहत की बजाय मुसीबत बनती जा रही है।योजना के धरातल पर क्रियान्वयन को लेकर विभागीय अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है, जिस कारण समयावधि में कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। हालांकि जिस तरह की दुर्दशा ठेकेदारों के द्वारा हर पंचायत में बनाई गई है वह किसी से छिपी नहीं है। कमीशन के खेल में अधिकारी भी ऐसे रंगे है कि उन्हें भी गलत होने से मतलब नहीं है। ढीमरखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत धरवारा में 75 लाख रूपये की लागत से जल जीवन मिशन योजना के तहत ठेकेदार के द्वारा कार्य करवाया जा रहा है लेकिन ठेकेदार के द्वारा कार्य करने का रवैया ऐसा है कि मजबूरीवश पंचायत को निंदा प्रस्ताव और पंचायत में तालाबंदी करना पड़ रही है। पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर को निंदा प्रस्ताव भेजकर अल्टीमेटम दिया है कि जब तक नल जल योजना क...

बरहटा सचिव चिंतामणि पटैल निलंबित जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत ने जारी किया आदेश पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पड़ी भारी

 बरहटा सचिव चिंतामणि पटैल निलंबित जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत ने जारी किया आदेश पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पड़ी भारी  ढीमरखेड़ा | बरहटा ग्राम पंचायत के सचिव चिंतामणि पटैल का निलंबन हाल ही में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शिशिर गेमावत द्वारा जारी किया गया एक महत्वपूर्ण आदेश है। यह निर्णय मध्यप्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के नियम 4 के अंतर्गत लिया गया है। इस निलंबन के पीछे सचिव पटैल की कार्यशैली में पाई गई गंभीर लापरवाहियों का बड़ा योगदान है, जो राज्य और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा बन रही थीं।चिंतामणि पटैल, जो जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अधीन ग्राम पंचायत बरहटा में सचिव के पद पर कार्यरत थे, के कार्यकाल में उनके द्वारा पदीय दायित्वों का सही से निर्वहन नहीं किया जा रहा था। ग्राम पंचायत में सचिव का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वह ग्राम स्तर पर विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का प्रमुख संचालक होता है। सचिव की लापरवाही का सीधा प्रभाव ग्राम पंचायत के नागरिकों पर पड़ता है, विश...

खरी-अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं अपनी विश्वसनीयता खो रहीं अदालतें सर्वोच्च न्यायालय से बेपरवाह दिखते हैं निचले न्यायालय

 खरी-अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं अपनी विश्वसनीयता खो रहीं अदालतें सर्वोच्च न्यायालय से बेपरवाह दिखते हैं निचले न्यायालय अफलातून का कथन आज भी कालजयी शास्वत सत्य है कि कानून के जाल में छोटी मछलियां फंसती हैं मगरमच्छ नहीं, वे जाल फाड़ कर बाहर निकल आते हैं। कानून सबके लिए बराबर है यह दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है। छोटी अदालतों से लेकर सर्वोच्च अदालत द्वारा समय-समय पर दिए गए फैसले भी इस पर अपनी मुहर लगाते दिखाई देते हैं। आजकल तो हाईकोर्ट और निचले कोर्ट के जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्तियों के दिशा निर्देश ठीक उसी तरह दिखते हैं जैसे" भैंस के आगे बीन बजाओ भैंस पड़ी पगुराय" । सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायमूर्तियों ने यहां तक कि सीजेआई ने अनेकों बार कहा है कि "जमानत नियम है, जेल अपवाद"। मगर देखने में आता है कि हाईकोर्ट और निचली अदालतें सुप्रीम कोर्ट के इस कहे को एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर निकाल देती हैं या कह सकते हैं कि वे वरिष्ठ अदालत के कहे को अपने ठेंगे पर रखती हैं। जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों का अनुपात तकरीबन 4:1 का है। जिसमें सामान्य से लेकर संगीन धाराओ...

सेंटर पॉइंट करौंदी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड मड़ेरा कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा किसानों को बाजार से कम मूल्य पर धान के हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराए गए

 सेंटर पॉइंट करौंदी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड मड़ेरा कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा किसानों को बाजार से कम मूल्य पर धान के हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराए गए ढीमरखेड़ा | सेंटर पॉइंट करौंदी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, मडेरा (कृषक उत्पादक संगठन) ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुनी करना और उनकी खेती की लागत को कम करना है। इस दिशा में, कृषक उत्पादक संगठन ने किसानों को बाजार से कम मूल्य पर धान के हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराए हैं, जिससे उनकी खेती अधिक उत्पादक और लाभकारी बन सके।इसके अलावा, कृषक उत्पादक संगठन ने शासकीय दर पर रासायनिक उर्वरक का वितरण भी किया है, जो किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हुआ है। रासायनिक उर्वरकों की समय पर उपलब्धता से किसानों की फसलों की उपज और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। संगठन का यह प्रयास किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उन्हें कृषि कार्यों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषक उत्पादक संगठन द्वारा अब किसानों को बाजार से कम दाम पर कीटनाशक दवा भी प्रदान की जा रही है। यह...