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Job का उल्टा boj होता हैं जिसे 90% लोगों ने उठा रखा हैं, हमे छोड़कर आप गए तो हम भी ये कह जाएंगे, बीच भंवर में साथ छोड़ने वाले भी बह जाएंगे, यदि युद्ध मे अर्जुन बनना हैं तो पूरी बात सुने, अर्ध - कथाएं सुनने वाले अभिमन्यु रह जाएंगे

 Job का उल्टा boj होता हैं जिसे 90% लोगों ने उठा रखा हैं, हमे छोड़कर आप गए तो हम भी ये कह जाएंगे, बीच भंवर में साथ छोड़ने वाले भी बह जाएंगे, यदि युद्ध मे अर्जुन बनना हैं तो पूरी बात सुने, अर्ध - कथाएं सुनने वाले अभिमन्यु रह जाएंगे



ढीमरखेड़ा |  आज के समय में नौकरी (Job) अधिकतर लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य नौकरी पाना माना जाता है। लेकिन क्या वाकई नौकरी हमारी सफलता की पहचान होनी चाहिए, या यह समाज के बनाए गए एक दायरे का हिस्सा है? उल्लेखनीय हैं कि जब कोई व्यक्ति नौकरी करता है, तो वह अपनी आज़ादी का एक बड़ा हिस्सा त्याग देता है। अधिकांश लोग केवल तनख्वाह के लिए काम करते हैं, भले ही उन्हें वह कार्य पसंद हो या नहीं। यह स्थिति "आर्थिक गुलामी" की तरह लगती है, जहां लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नौकरी में फंसे रहते हैं।

 *नौकरी का बोझ, मानसिक और शारीरिक प्रभाव*

नौकरी के साथ जिम्मेदारियां भी आती हैं, और कई बार ये जिम्मेदारियां बोझ (Boj) बन जाती हैं। कर्मचारी सुबह से शाम तक काम करने के बाद भी मानसिक शांति नहीं पाते। लक्ष्य पूरे करने का दबाव, बॉस की अपेक्षाएं, कार्यस्थल की राजनीति और असुरक्षा की भावना। लंबे समय तक बैठकर या खड़े होकर काम करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परिवार, दोस्त और खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है।

*समाज और नौकरी की मानसिकता*

समाज में नौकरी को स्थिरता और सफलता का पैमाना माना जाता है। कोई व्यक्ति व्यवसाय करे तो कहा जाता है कि वह "रिस्क" ले रहा है, लेकिन वही व्यक्ति अगर कम वेतन की नौकरी भी करता है तो उसे "सेटल" माना जाता है। यह मानसिकता लोगों को नौकरी (Job) में फंसा देती है और वे अपना अधिकांश जीवन दूसरों के लिए काम करने में बिता देते हैं। अपनी रुचि के क्षेत्र में कार्य करें, चाहे वह लेखन, कला, व्यवसाय या कोई अन्य क्षेत्र हो। निवेश, फ्रीलांसिंग, या व्यवसाय के विकल्प तलाशें। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, ताकि नौकरी बोझ न बने। सफलता का मतलब सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि अपने तरीके से जीवन जीना भी सफलता है। "Job" का उल्टा केवल "Boj" शब्द नहीं है, बल्कि यह उस मानसिकता को दर्शाता है, जिससे 90% लोग प्रभावित हैं। यदि हम अपने जीवन में संतुलन बनाएं और अपनी रुचि को प्राथमिकता दें, तो नौकरी बोझ बनने के बजाय एक माध्यम बन सकती है, जिससे हम अपने लक्ष्यों को हासिल करें।

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