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मां विरासन देवी मंदिर कचनारी, मंदिर समिति की वित्तीय पारदर्शिता, पुजारी नियुक्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जनता की मांग, कलेक्टर की जनसुनवाई मे उठा मामला, यहां भक्तो को मिलते थे पैसे उधार ऐसा क्या हुआ कि भगवती ने पैसे उधार देने बंद कर दिए, ईश्वर के पैसे में भी लोगों की नज़र

 मां विरासन देवी मंदिर कचनारी, मंदिर समिति की वित्तीय पारदर्शिता, पुजारी नियुक्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जनता की मांग, कलेक्टर की जनसुनवाई मे उठा मामला, यहां भक्तो को मिलते थे पैसे उधार ऐसा क्या हुआ कि भगवती ने पैसे उधार देने बंद कर दिए, ईश्वर के पैसे में भी लोगों की नज़र 



ढीमरखेड़ा |  मध्य प्रदेश के कचनारी गांव में स्थित मां विरासन देवी का मंदिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। वर्षों से यह मंदिर स्थानीय भक्तों की श्रद्धा का केंद्र रहा है, लेकिन हाल ही में मंदिर प्रशासन, वित्तीय पारदर्शिता, पुजारी की नियुक्ति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

*मंदिर समिति का गठन और वित्तीय पारदर्शिता का अभाव*

वर्ष 2017 में मां विरासन देवी मंदिर समिति का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य मंदिर की देखरेख, पूजा-पाठ, वित्तीय प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करना था। हालांकि, समिति के गठन के सात साल बाद भी इसका कोई सार्वजनिक हिसाब-किताब नहीं दिया गया है। स्थानीय भक्तों का आरोप है कि समिति को अब तक कितनी धनराशि दान के रूप में प्राप्त हुई और इसका कितना उपयोग मंदिर के विकास में किया गया, इसकी जानकारी जनता के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि मंदिर के चढ़ावे और दान की राशि का सही उपयोग हो रहा है या नहीं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मंदिर समिति की वित्तीय स्थिति को लेकर एक सार्वजनिक ऑडिट किया जाए और इसका विवरण श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए समिति की आय-व्यय रिपोर्ट हर साल सार्वजनिक की जानी चाहिए, जिससे भक्तों में विश्वास बना रहे।

*मंदिर ट्रस्ट के अधीन, लेकिन नियमित पुजारी की नियुक्ति नहीं*

एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह भी है कि मां विरासन देवी मंदिर अब एक ट्रस्ट के अधीन कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद मंदिर में नियमित रूप से किसी स्थायी पुजारी की नियुक्ति नहीं की गई। श्रद्धालु और स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर में नवरात्रि और अन्य विशेष पर्वों पर अस्थायी पुजारी रखे जाते हैं, लेकिन स्थायी पुजारी की व्यवस्था नहीं है। इससे मंदिर में पूजा-अर्चना की प्रक्रिया में व्यवधान आता है और श्रद्धालुओं को भी कठिनाई होती है। एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर में नियमित पुजारी का होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि श्रद्धालुओं को प्रतिदिन विधिवत पूजा-अर्चना करने का अवसर मिल सके।

*सीसीटीवी कैमरे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल*

मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन यह सिर्फ नवरात्रि के दौरान ही चालू रहते हैं और बाकी समय बंद कर दिए जाते हैं। यह एक गंभीर लापरवाही है, क्योंकि मंदिर में लगातार भक्तों का आना-जाना रहता है और कई बार दानपेटी से चोरी जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं। अगर सीसीटीवी कैमरे हमेशा चालू रहें, तो मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सकती है और किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना पर निगरानी रखी जा सकती है।श्रद्धालु चाहते हैं कि सीसीटीवी कैमरों को 24x7 चालू रखा जाए और इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी मंदिर समिति को दी जाए। इससे मंदिर परिसर में अनुशासन और सुरक्षा बनी रहेगी।

*जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष रखी गई मांगे*

मंदिर की अव्यवस्थाओं को देखते हुए, सोनू दुबे, बलराम बागरी, आनंद साहू, दिनेश मिश्रा, बिहारी, गोलू, शंकर और महिंद्रा ने कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में मंदिर की समस्याओं को लेकर गुहार लगाई। वर्ष 2017 से अब तक मंदिर में प्राप्त दान और उसके उपयोग का विस्तृत विवरण सार्वजनिक किया जाए। मंदिर में नियमित रूप से एक स्थायी पुजारी नियुक्त किया जाए, ताकि प्रतिदिन विधिवत पूजा-अर्चना हो सके। सीसीटीवी कैमरों को केवल नवरात्रि में नहीं, बल्कि सालभर चालू रखा जाए, जिससे मंदिर में सुरक्षा बनी रहे। मंदिर के चढ़ावे का उपयोग मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकास में किया जाए और इसकी जानकारी समय-समय पर श्रद्धालुओं को दी जाए।

*क्षेत्र की जनता की एकजुटता और आंदोलन की चेतावनी*

मां विरासन देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। यहां पूरे क्षेत्र के लोग माता की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन मंदिर में अव्यवस्थाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि इन समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे एक बड़ा आंदोलन करेंगे और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। जनता की यह भी मांग है कि यदि मंदिर समिति अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पा रही, तो इसे भंग कर एक नई समिति का गठन किया जाए, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो। कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और जनता की मांगों पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। मां विरासन देवी मंदिर क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और इसकी देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं है। यदि प्रशासन समय पर उचित कदम उठाए और मंदिर की वित्तीय स्थिति, पुजारी नियुक्ति और सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए, तो यह पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश होगा और श्रद्धालुओं में विश्वास भी बना रहेगा।मंदिर सिर्फ ईंट और पत्थरों की संरचना नहीं होता, बल्कि वह श्रद्धा और आस्था का केंद्र होता है। इसलिए इसकी देखरेख और संचालन में पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी आवश्यक है। मां विरासन देवी मंदिर, कचनारी की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि मंदिर समिति को अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। जनता ने जो सवाल उठाए हैं, वे पूरी तरह से जायज हैं और प्रशासन को इस दिशा में जल्द निर्णय लेना चाहिए। यदि समिति की वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित हो, पुजारी की नियुक्ति की जाए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए, तो यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना रहेगा, बल्कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को भी ध्यान में रखते हुए एक आदर्श धार्मिक स्थल बन सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन जनता की इन मांगों पर कब तक कार्रवाई करता है और मंदिर के संचालन में आवश्यक सुधार लाता है। अगर यह मुद्दा जल्द हल नहीं हुआ, तो जनता को मजबूरन बड़े आंदोलन का सहारा लेना पड़ सकता है।

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