अवैध खनन और ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से हुई मौतें, ढीमरखेड़ा पुलिस द्वारा दो आरोपी गिरफ्तार, योगेंद्र यादव कुख्यात अपराधी गया जेल, अति का अंत कर दिया थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने, रोड से घुमाती हुई जेल लेकर गई पुलिस
अवैध खनन और ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से हुई मौतें, ढीमरखेड़ा पुलिस द्वारा दो आरोपी गिरफ्तार, योगेंद्र यादव कुख्यात अपराधी गया जेल, अति का अंत कर दिया थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने, रोड से घुमाती हुई जेल लेकर गई पुलिस
ढीमरखेड़ा | अवैध खनन भारत के कई हिस्सों में एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है बल्कि जानमाल का भी भारी नुकसान होता है। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में स्थित ढीमरखेड़ा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। हाल ही में 4 मार्च 2025 को ग्राम जिर्री-डुढहा रोड पर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और विवेचना के दौरान यह खुलासा हुआ कि अवैध खनन से जुड़े लोगों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना हरकत के कारण यह दुर्घटना हुई। ढीमरखेड़ा पुलिस ने इस मामले में योगेन्द्र यादव और भागचंद यादव को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ धारा 105, 238, 303(2), 49 बीएनएस और 4/21 खनिज अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। यह घटना न केवल कानून और व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है बल्कि अवैध खनन माफियाओं की मनमानी को भी दर्शाती है। अवैध खनन देशभर में एक व्यापक समस्या बन चुका है। यह प्राकृतिक संसाधनों की लूट के साथ-साथ पर्यावरणीय असंतुलन और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है। ढीमरखेड़ा क्षेत्र में भी लंबे समय से अवैध रेत खनन चल रहा था, और प्रशासनिक सख्ती के बावजूद इस पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है।
*अति का अंत कर दिया थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने*
अवैध रेत खनन से नदियों की गहराई बढ़ती है, जिससे जल स्तर गिरता है और आसपास के क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगता है। रेत खनन से नदी किनारे के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है, जिससे जैव विविधता प्रभावित होती है। अवैध खनन अक्सर माफियाओं और असामाजिक तत्वों के नियंत्रण में रहता है, जो कानून को धता बताकर अपने फायदे के लिए लोगों की जान की परवाह नहीं करते। भारी मात्रा में रेत ढोने वाले ओवरलोडेड वाहन अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। 4 मार्च 2025 को ग्राम जिर्री-डुढहा रोड पर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने की घटना सामने आई, जिसमें दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ट्रैक्टर पर रेत लोड थी और इसे अवैध रूप से ढोया जा रहा था। इस पूरे घटनाक्रम में योगेन्द्र यादव का नाम सामने आया, जो अवैध रूप से रेत खनन करवा रहा था। जब ट्रैक्टर चालक छोटू सिंह को पुलिस द्वारा पकड़े जाने की आशंका हुई, तो उसने ट्रॉली का हाइड्रोलिक उठाकर रेत बिखेर दी। ट्रॉली के अचानक ऊपर उठ जाने से ट्रैक्टर असंतुलित होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे दो युवकों की मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी भागचंद यादव के साथ मिलकर ट्रैक्टर को जंगल में छिपाने की कोशिश की गई।
*पुलिस कार्रवाई और जांच*
इस मामले में ढीमरखेड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराध क्रमांक 93/25 के तहत मामला पंजीबद्ध किया और घटना की विस्तृत विवेचना शुरू की। घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के कारणों को समझने के लिए तकनीकी जांच की गई। प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर यह पुष्टि की गई कि ट्रॉली जानबूझकर उठाई गई थी। प्राथमिक जांच में योगेन्द्र यादव और छोटू सिंह की भूमिका सामने आई, जबकि बाद में भागचंद यादव की संलिप्तता भी उजागर हुई। योगेन्द्र यादव और भागचंद यादव को हिरासत में लिया गया और उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। धारा 105, 238, 303(2), 49 बीएनएस और 4/21 खनिज अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
*अवैध खनन रोकने के लिए आवश्यक कदम*
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी घातक हो सकता है। अवैध खनन क्षेत्रों की नियमित निगरानी की जानी चाहिए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन को खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ट्रैक्टरों और डंपरों में GPS ट्रैकिंग अनिवार्य की जाए ताकि उनकी मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। अवैध खनन वाले क्षेत्रों में ड्रोन निगरानी की जाए। स्थानीय नागरिकों को अवैध खनन की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीणों को खनन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए।
*कड़ी कानूनी कार्रवाई*
खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर दंड का प्रावधान किया जाए। अवैध खनन से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जिम्मेदार लोगों की संपत्ति जब्त की जाए। ग्राम जिर्री-डुढहा रोड पर हुई यह दुर्घटना केवल एक उदाहरण है कि किस तरह अवैध खनन के कारण निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। इस मामले में ढीमरखेड़ा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या प्रशासन ऐसे मामलों को जड़ से खत्म कर पाएगा? सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे अवैध खनन पर सख्त प्रतिबंध लगाएं और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए न केवल पुलिस और प्रशासन को सक्रिय रहना होगा, बल्कि आम जनता को भी जागरूक होकर अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
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