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कचनारी में बनना चाहिए हाई स्कूल, कचनारी में हाई स्कूल की आवश्यकता, बच्चों की शिक्षा के अधिकार की अनदेखी, 7 ग्राम की एक पंचायत कचनारी

 कचनारी में बनना चाहिए हाई स्कूल, कचनारी में हाई स्कूल की आवश्यकता, बच्चों की शिक्षा के अधिकार की अनदेखी, 7 ग्राम की एक पंचायत कचनारी 



ढीमरखेड़ा |  शिक्षा एक मौलिक अधिकार है, जो प्रत्येक बच्चे को समान अवसर प्रदान करता है। लेकिन जब किसी क्षेत्र में शैक्षिक सुविधाएं अपर्याप्त होती हैं, तो वहां के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मध्य प्रदेश के कचनारी गाँव की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। यहाँ के बच्चों को हाई स्कूल की पढ़ाई करने के लिए लगभग 15 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस कारण कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, और गाँव में अशिक्षा की समस्या गंभीर रूप से बनी हुई है।कचनारी में हाई स्कूल की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, लेकिन सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण आज भी यह गाँव शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यदि यहाँ एक हाई स्कूल स्थापित किया जाता है, तो यह न केवल गाँव के बच्चों के भविष्य को संवारने में मदद करेगा, बल्कि आसपास के गाँवों के विद्यार्थियों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा । कचनारी में हाई स्कूल न होने की समस्या बेहद गंभीर है। यहाँ के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए लगभग 15 किलोमीटर दूर दूसरे गाँव या कस्बे में जाना पड़ता है। इतनी लंबी दूरी तय करना बच्चों के लिए मुश्किल होता है, और कई बार उनके माता - पिता भी उन्हें भेजने से हिचकिचाते हैं। विशेषकर लड़कियों के लिए यह समस्या और भी बड़ी हो जाती है, क्योंकि सामाजिक और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण माता - पिता उन्हें दूरस्थ स्थानों पर भेजने से कतराते हैं। बच्चों को पैदल या साइकिल से 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, जो बेहद कठिन और थकाने वाला होता है। गाँव से शहर या नजदीकी हाई स्कूल तक जाने के लिए परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं हैं। कई माता-पिता अपनी बेटियों को इतनी लंबी दूरी तय करने की अनुमति नहीं देते, जिससे लड़कियाँ शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। कई गरीब परिवार अपने बच्चों को दूर स्थित स्कूलों में भेजने का खर्च वहन नहीं कर सकते, जिससे वे पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

 *शिक्षा से वंचित रहने के दुष्प्रभाव*

कचनारी में हाई स्कूल न होने के कारण यहाँ के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कई समस्याएँ आती हैं। अशिक्षा के कारण गाँव के विकास में भी बाधा उत्पन्न होती है। शिक्षा का मूल उद्देश्य समाज को प्रगति की ओर ले जाना है, लेकिन जब बच्चों को पढ़ने का अवसर ही नहीं मिलता, तो वे अशिक्षित रह जाते हैं। अशिक्षा के कारण वे बेहतर रोजगार के अवसरों से वंचित रह जाते हैं और गाँव की आर्थिक स्थिति भी कमजोर बनी रहती है। जब बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते, तो वे या तो खेतों में काम करने लगते हैं या किसी अन्य श्रम कार्य में लग जाते हैं। वहीं, लड़कियों की शिक्षा बाधित होने से उनका कम उम्र में विवाह कर दिया जाता है, जिससे उनके भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अशिक्षा के कारण बेरोजगारी बढ़ती है और बेरोजगारी कई बार अपराध को जन्म देती है। यदि बच्चे शिक्षा से दूर रहेंगे, तो वे गलत संगति में पड़ सकते हैं और गाँव में अपराधों की संख्या बढ़ सकती है।

 *कचनारी में हाई स्कूल बनने के लाभ*

यदि कचनारी में हाई स्कूल स्थापित किया जाता है, तो इसके अनेक लाभ होंगे, जो गाँव के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाएंगे। हाई स्कूल बनने से बच्चों को दूर जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उनकी शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी। खासकर लड़कियों के लिए यह एक वरदान साबित होगा। शिक्षा गाँव के विकास की कुंजी है। जब बच्चे शिक्षित होंगे, तो वे गाँव के विकास में योगदान देंगे और विभिन्न सरकारी नौकरियों में अपनी जगह बना सकेंगे। जब बच्चे पढ़ाई करेंगे, तो वे मजदूरी करने या कम उम्र में विवाह करने से बचेंगे। इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। शिक्षा मिलने से युवाओं को अच्छे रोजगार मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और गाँव में गरीबी कम होगी।

*शिक्षा को देना चाहिए बढ़ावा*

कचनारी में हाई स्कूल न होने का मुख्य कारण प्रशासन और सरकार की उदासीनता है। शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग होती है। ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था पर सरकार का ध्यान कम रहता है, जिससे गाँव के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की संख्या बढ़ाए। यदि कचनारी में हाई स्कूल बनाया जाता है, तो यह पूरे क्षेत्र के लिए लाभदायक साबित होगा। गाँव के लोग मिलकर प्रशासन से हाई स्कूल स्थापित करने की मांग करें। सरकार की विभिन्न शिक्षा योजनाओं का लाभ लेकर हाई स्कूल की स्थापना की जा सकती है। विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर इस मुद्दे को विधानसभा और लोकसभा में उठाने के लिए प्रेरित किया जाए। यदि सरकार ध्यान नहीं देती, तो ग्रामीणों को संगठित होकर आंदोलन करना चाहिए, ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके। कचनारी में हाई स्कूल की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। यह केवल शिक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि गाँव के विकास और बच्चों के उज्जवल भविष्य का सवाल है। यदि यहाँ हाई स्कूल नहीं बनाया गया, तो आने वाले वर्षों में यह गाँव शिक्षा के मामले में और पिछड़ता जाएगा। सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हर बच्चा अपने अधिकार के रूप में शिक्षा प्राप्त कर सके। हमें यह समझना होगा कि शिक्षा एक अनमोल संपत्ति है, जिसे सभी को समान रूप से उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य है। कचनारी के बच्चों को भी यह हक मिलना चाहिए कि वे बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकें।

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