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मार्च, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ईद पर्व को लेकर थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा मोहम्मद शाहिद खान को थाना स्टॉफ ढीमरखेड़ा ने दी ईद पर्व की बधाई, ईद पर्व खुशियों, सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक

 ईद पर्व को लेकर थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा मोहम्मद शाहिद खान को थाना स्टॉफ ढीमरखेड़ा ने दी ईद पर्व की बधाई, ईद पर्व खुशियों, सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक ढीमरखेड़ा |  ईद पर्व के अवसर पर थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा मोहम्मद शाहिद खान को थाना स्टॉफ ढीमरखेड़ा ने बधाई दी। यह पर्व खुशियों, सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक है, और इस अवसर पर थाना स्टॉफ ने अपने प्रिय थाना प्रभारी को शुभकामनाएँ देकर उनकी सेवा और समर्पण की सराहना की। *मोहम्मद शाहिद खान एक मिलनसार और जनप्रिय अधिकारी* मोहम्मद शाहिद खान अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित और ईमानदार थाना प्रभारी हैं। उनका व्यवहार अत्यंत सौम्य और मिलनसार है, जिसके कारण न केवल उनके अधीनस्थ कर्मचारी बल्कि आम जनता भी उनकी प्रशंसा करती है। उनकी कार्यशैली पारदर्शी और न्यायसंगत है, जिससे क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहती है। *ईद पर्व की बधाइयों का सिलसिला* ईद के मौके पर थाना स्टॉफ ने उन्हें विशेष रूप से शुभकामनाएँ दीं और उनके साथ मिलकर इस पर्व की खुशियों को साझा किया। ईद, जो कि प्रेम, सहिष्णुता और भाईचारे का पर्व है, इस दिन पर सभी ने आपसी सद...

खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं, जब हमाम में सब नंगे तब ज्यूडीसरी जेंटलमैन कैसे ? न्यायिक मूर्ति की आंखों पर शायद इसीलिए पट्टी बांधी गई थी कि सामने कितनी भी बड़ी शख्सियत खड़ी हो मगर न्याय तथ्यों के आधार पर ही किया जायेगा, मगर तत्कालीन सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड को ये रास नहीं आया, उन्होंने न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटा दी कि अब न्याय सामने खड़ी शख्सियत को देख कर ही किया जायेगा

 खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं, जब हमाम में सब नंगे तब ज्यूडीसरी जेंटलमैन कैसे  ? न्यायिक मूर्ति की आंखों पर शायद इसीलिए पट्टी बांधी गई थी कि सामने कितनी भी बड़ी शख्सियत खड़ी हो मगर न्याय तथ्यों के आधार पर ही किया जायेगा, मगर तत्कालीन सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड को ये रास नहीं आया, उन्होंने न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटा दी कि अब न्याय सामने खड़ी शख्सियत को देख कर ही किया जायेगा *केवल  रूपयों  वाली  हराम  की  कमाई  ही भृष्टाचार नहीं कहलाती। हराम की कमाई काम के बदले  अनाज  के रूप में  भी ली  जाती है। जायज हकों की  मांगों से आंखें  मूंद लेना भी भृष्टाचार की श्रेणी में आता है। जिसे अक्सर सत्ता के शिखर पर बैठे हुए लोग करते रहते हैं, फिर वो चाहे  महामहिम हों  या  मंत्रियों का लीडर  और उसके नीचे   लटके हुए मंत्री,  संतरी।  न्यायिक भृष्टाचार के तौर तरीके भी उसी तरह के होते हैं जो लोकतंत्र के बाकी स्तम्भों में नख से शिख तक विष बेल की तरह फैला हुआ है। फिर भी उसके 10 तरीकों का...

एक से चार अप्रैल तक मनाया जायेगा,सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव

 एक से चार अप्रैल तक मनाया जायेगा,सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव ढीमरखेड़ा |  वर्ष 2025 - 26 का अकादमिक सत्र 01 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हो रहा है, जिसके तहत 01से 04 अप्रैल तक शाला स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हुए प्रवेशोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर सत्र 2025-26 में कक्षा 1 से 11 तक अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं के नामांकन की कार्यवाही पूर्ण कर छात्रो को शिक्षा पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी प्रवेशोत्सव आदेश के तहत 01 अप्रैल को जिला,ब्लाक स्तर पर माननीय प्रभारी मंत्री महोदय, सांसद,विधायक महोदय,जन प्रतिनिधियों एवं विद्यालय के पूर्व छात्रों को शाला स्तर पर ससम्मान आमंत्रित कर उनकी उपस्थिति मै उपस्थित बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जायेगा,इस दिन बच्चों को विशेष भोज भी खिलाया जायेगा। *भविष्य से भेट कार्यक्रम* 02 अप्रैल को शाला स्तर पर माननीय जनप्रतिनिधियों,मीडिया,कलाकारों,खिलाड़ियों,अधिकारियों,समाज के विभिन्न क्षेत्रों मै प्रसिद्व प्रबुद्ध एवं सम्मानित व्यक्तियों को एक प्रेरक की भूमिका के लिए आमंत्रित किया जायेगा।इ...

1 अप्रैल को मनाया जाएगा स्कूलों में प्रवेशोत्सव

 1 अप्रैल को मनाया जाएगा स्कूलों में प्रवेशोत्सव कटनी  |  स्कूल चलें हम अभियान 2025 के लिए राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार शुक्रवार को समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारियों विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों एवं समस्त प्राचार्यों  की आनलाइन वर्चुअली मीटिंग का आयोजन किया गया । इस दौरान  1 अप्रैल 2025 को प्रवेश उत्सव मनाने, 2 अप्रैल को भविष्य भेंट एवं 3 अप्रैल को हार के आगे जीत के लिए असफल विद्यार्थियों को शाला में प्रवेश के लिए अभियान हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही यह भी बताया गया की प्रवेश उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया जाए। वह विद्यार्थियों के लिए शासन की योजनाओं आदि की जानकारी भी प्रदान की जाए ।विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में भी उन्हें अवगत कराया जाए एवं प्रवेश हेतु न्यूनतम औपचारिकताएं की जाएं ।बताया गया कि 4 अप्रैल को पालक शिक्षक संघ की बैठक का आयोजन किया जाए । मीटिंग नवीन एजुकेशन पोर्टल 3.0 में किस प्रकार कार्य किया जाना है की विस्तृत जानकारी प्रकाश मिश्रा आईटी कोऑर्डिनेटर द्वारा पी पी टी के माध्यम से ऑनलाइन लाइव डिमोस्ट्रे...

दो माह बाद भी डीईओ नही ले सके फैसला, लंबित क्रमोन्नति के लिए शिक्षक करेंगे आंदोलन

 दो माह बाद भी डीईओ नही ले सके फैसला, लंबित क्रमोन्नति के लिए शिक्षक करेंगे आंदोलन सिहोरा |  जिले के सैकड़ों माध्यमिक शिक्षकों की द्वितीय क्रमोन्नति और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के द्वितीय समयमान वेतनमान के लाभ को  डीईओ  और जेडी कार्यालय लगातार लंबित रखा जा रहा है।विभाग से लगातार पत्राचार करने के बाद भी अधिकारी द्वय द्वारा अड़ियल रवैया अपनाने से आक्रोशित शिक्षको ने अब क्रमोन्नति आदेश होने तक लगातार आंदोलन की घोषणा की है। *दो अप्रैल को कलेक्टर को ज्ञापन* तत्संबंध में अध्यापक शिक्षक संयुक्त मोर्चा जबलपुर के नरेन्द्र त्रिपाठी,रत्नेश मिश्रा,उमाशंकर पटेल,दीपक पटेल,अजय सिंह,आशीष उपाध्याय,महेंद्र अहवासी ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि आगामी दो अप्रैल को जबलपुर कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन दे कार्यवाही की मांग की जावेगी।आगामी आंदोलन की घोषणा माननीय कलेक्टर जबलपुर से मिलने के पश्चात दो अप्रैल को ही की जावेगी। *क्या है पूरा मामला*  जिले में  सैकड़ों की संख्या में पूर्व में पदोन्नति प्राप्त और वर्तमान में माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर पद...

ढीमरखेड़ा में अग्निशमन दल की जरूरत और जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे की पहल, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने दिए निर्देश तत्काल उपलब्ध होना चाहिए अग्निशमन दल

 ढीमरखेड़ा में अग्निशमन दल की जरूरत और जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे की पहल, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने दिए निर्देश तत्काल उपलब्ध होना चाहिए अग्निशमन दल ढीमरखेड़ा |  ढीमरखेड़ा क्षेत्र में लगातार आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खेतों में लगी फसलें, घरों में अचानक लगने वाली आग, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले अग्निकांड इस क्षेत्र के लिए एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। इन घटनाओं के मद्देनजर जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने इस समस्या के समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से पहल करते हुए कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से मुलाकात की और अग्निशमन दल की तैनाती की मांग उठाई। उनकी इस सक्रियता से क्षेत्रवासियों को उम्मीद जगी है कि अब आगजनी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा। *तहसील ढीमरखेड़ा में आगजनी की घटनाओं की गंभीरता* ढीमरखेड़ा एक ग्रामीण क्षेत्र है जहां मुख्य रूप से कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था है। यहां के किसानों की मेहनत से उगाई गई फसलें अक्सर आगजनी की चपेट में आकर नष्ट हो जाती हैं। गर्मी के मौसम में सूखे खेतों में आग तेजी से फैलती है और कई बार पूरा गांव इसकी चपेट ...

अग्निवीर में चयनित हुए रवि चौरसिया का उमरिया पान पुलिस द्वारा किया गया उत्साहवर्धन

 अग्निवीर में चयनित हुए रवि चौरसिया का उमरिया पान पुलिस द्वारा किया गया उत्साहवर्धन ढीमरखेड़ा |  देश की सेवा करने का जज्बा रखने वाले युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती होना एक गर्व की बात होती है। जब कोई युवा कड़ी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है, तो उसका सम्मान किया जाना न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व की बात होती है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण उमरिया पान निवासी रवि चौरसिया का है, जिनका चयन अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में हुआ है। रवि चौरसिया, जो लालू राम चौरसिया के पुत्र हैं, अपनी मेहनत, संघर्ष और देशभक्ति की भावना के चलते अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर थाना उमरिया पान पुलिस ने उनका सम्मान कर उत्साहवर्धन किया, जिससे न केवल रवि बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिली है। *अग्निवीर योजना युवाओं के लिए सुनहरा अवसर* भारत सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिए भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में भर्ती होने का अवसर दिया जाता है। इस योजना के तहत चयनित ज...

इरफ़ान खान, उमरियापान के गरीबों और असहायों के मसीहा

 इरफ़ान खान, उमरियापान के गरीबों और असहायों के मसीहा ढीमरखेड़ा |  मध्य प्रदेश के उमरियापान निवासी इरफ़ान खान, जो पूर्व में अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष रह चुके हैं, आज न केवल अपने क्षेत्र में बल्कि पूरे जिले में अपनी दरियादिली और सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व एक ऐसे नेता का है, जो राजनीति को सिर्फ सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि सेवा का मंच मानते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाई है, जिससे वे पूरे क्षेत्र में आदर और सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। *गरीबों और असहायों की मदद में अग्रणी* इरफ़ान खान का जीवन समाज सेवा के प्रति समर्पित रहा है। वे हर समय जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार रहते हैं, चाहे वह आर्थिक सहायता हो, किसी गरीब के इलाज की व्यवस्था करना हो, या फिर किसी परिवार को भुखमरी से बचाना हो। वे न केवल अपनी ओर से सहायता करते हैं बल्कि अन्य संपन्न लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करते हैं कि वे अपने आस-पास जरूरतमंद लोगों का सहारा बनें। उनका मानना है कि समाज में असमानता को समाप्त करने के लिए एकता और ...

पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त, सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम

 पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त,  सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम  ढीमरखेड़ा |   "सच्चे प्रहरी, अडिग संकल्प, निर्भीक कर्म" इन शब्दों को अगर किसी एक व्यक्ति पर लागू किया जाए, तो वह हैं अवध भूषण दुबे। अपराध की दुनिया में जिनका नाम सुनते ही अपराधियों के दिल कांप उठते थे, आम जनता जिन्हें एक रक्षक के रूप में देखती थी, और जिनकी उपस्थिति मात्र से ही लोग सुरक्षित महसूस करते थे ऐसे थे ढीमरखेड़ा थाने के सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे। 01 मार्च 1982 को जब उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की सेवा में कदम रखा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह व्यक्ति आने वाले चार दशकों तक अपने साहस, कर्तव्यपरायणता और निडरता के लिए बब्बर शेर के नाम से जाना जाएगा। 43 वर्षों से अधिक की सेवा के बाद, 31 मार्च 2025 को वे ढीमरखेड़ा थाने से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनके किए गए कार्य और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी। *अपराधियों के लिए काल "बब्बर शेर"* अपराध की दुनिया में कुछ प...

आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा में पूरा बागरी समाज सिलौड़ी क्षेत्र के मैदान मे, जिसको मानते हैं दिल से आपके लिए तो जान न्यौछावर कर डालेंगे, सिलौड़ी में बागरी समाज ने किया विरोध प्रदर्शन, प्रदीप अहिरवार का किया पुतला दहन, बागरी समाज की गौरव हैं मंत्री प्रतिमा सिंह बागरी

 आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा में पूरा बागरी समाज सिलौड़ी क्षेत्र के मैदान मे, जिसको मानते हैं दिल से आपके लिए तो जान न्यौछावर कर डालेंगे, सिलौड़ी में बागरी समाज ने किया विरोध प्रदर्शन, प्रदीप अहिरवार का किया पुतला दहन, बागरी समाज की गौरव हैं मंत्री प्रतिमा सिंह बागरी ढीमरखेड़ा |  सिलौड़ी में बागरी समाज ने 26 मार्च को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया और कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार का पुतला जलाकर अपना रोष व्यक्त किया। यह प्रदर्शन 25 मार्च को प्रदीप अहिरवार द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने मंत्री प्रतिमा सिंह बागरी और बागरी समाज के खिलाफ अपशब्दों का उपयोग किया था। इस घटना से पूरे समाज में आक्रोश फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप समाज के नेताओं और गणमान्य नागरिकों ने एकजुट होकर नायब तहसीलदार दिनेश असाटी को ज्ञापन सौंपा और सख्त कार्यवाही की मांग की। बागरी समाज एक सम्मानित और प्रभावशाली समुदाय है, जो मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में फैला हुआ है। समाज के लोग मेहनतकश, ईमानदार और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहते है...

आरक्षण समाप्त कर समान अधिकार देने की आवश्यकता, आरक्षण नीति केवल 10 वर्षों के लिए लागू की गई थी कई वर्ष हों गए लेकिन आरक्षण समाप्त नही किया जा रहा है वोट बैंक की राजनीती ने देश को किया बर्बाद

 आरक्षण समाप्त कर समान अधिकार देने की आवश्यकता, आरक्षण नीति केवल 10 वर्षों के लिए लागू की गई थी कई वर्ष हों गए लेकिन आरक्षण समाप्त नही किया जा रहा है वोट बैंक की राजनीती ने देश को किया बर्बाद  ढीमरखेड़ा |  भारत एक लोकतांत्रिक और सामाजिक न्याय पर आधारित राष्ट्र है, जहां संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करने की बात करता है। हालांकि, आजादी के बाद से लागू किए गए आरक्षण नीति का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाना था, लेकिन वर्तमान समय में यह नीति कई चुनौतियों और विवादों का कारण बन रही है। अब समय आ गया है कि आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कर समाज के हर वर्ग को समान अवसर दिए जाएं।आरक्षण की शुरुआत भारतीय संविधान के निर्माण के समय हुई थी। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इसे एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में प्रस्तावित किया था, जिसका उद्देश्य दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को समाज में बराबरी का स्थान दिलाना था। संविधान में अनुच्छेद 15 और 16 के तहत अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को शिक्षा और सरकारी नौकरियो...

पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष डॉक्टर सुशील राय के पिता श्री जवाहर लाल राय का निधन, सिलौड़ी क्षेत्र में शोक की लहर

 पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष डॉक्टर सुशील राय के पिता श्री जवाहर लाल राय का निधन, सिलौड़ी क्षेत्र में शोक की लहर ढीमरखेड़ा |  धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने वाले श्री जवाहर लाल राय का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष डॉक्टर सुशील राय के पिता थे। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, पूरे सिलौड़ी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के गणमान्य लोग और आम नागरिक उनके निवास पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुँचने लगे। श्री राय का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 10 बजे सिलौड़ी में किया जाएगा। *जवाहर लाल राय एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व* श्री जवाहर लाल राय न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत थे। वे धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और समाज सेवा में विशेष रुचि रखते थे। उनका जीवन सादगी, ईमानदारी और परोपकार की मिसाल था। वे हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहते थे और समाज के कल्याण के लिए कार्य करते थे। सिलौड़ी क्षेत्र में उनका बहुत सम्मान था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यों में योगदान दिया। वे हमेशा युवाओं क...

"हुनर झुकने का मुझ में भी बहुत है मगर, हर चौखट पर सजदा करुं यह मुझे गवारा नहीं"

 "हुनर झुकने का मुझ में भी बहुत है मगर, हर चौखट पर सजदा करुं यह मुझे गवारा नहीं" ढीमरखेड़ा | दैनिक ताज़ा खबर के सहसंपादक योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर का कहना है कि आत्मसम्मान, स्वाभिमान और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। इसमें झुकने की क्षमता को स्वीकारा गया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि यह झुकाव हर किसी के आगे नहीं होगा। यह एक मजबूत व्यक्तित्व की पहचान है जो केवल सही कारणों और उचित परिस्थितियों में ही नमन करता है। आज के समय में यह विचारधारा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है, जब समाज में लोग अवसरवादिता, स्वार्थ, और परिस्थितियों के आगे समर्पण करने को मजबूर हो जाते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने सिद्धांतों और मूल्यों से कभी समझौता नहीं करते। वे जानते हैं कि झुकना कमजोरी नहीं है, बल्कि यह एक कला है, लेकिन यह केवल उन जगहों पर होना चाहिए जहाँ इसका महत्व हो। *झुकने का हुनर और उसका महत्व* झुकना एक गुण भी हो सकता है और कमजोरी भी, यह इस पर निर्भर करता है कि आप किसके आगे झुक रहे हैं और किस उद्देश्य से। जब कोई व्यक्ति बड़ों का सम्मान करता है, ज्ञान के आगे नतमस्तक होता है, और प्रेम व रि...

स्मार्ट क्लब ने धूमधाम से मनाया होली मिलन समारोह

 स्मार्ट क्लब ने धूमधाम से मनाया होली मिलन समारोह ढीमरखेड़ा |  कटनी में महिलाओं की अग्रणी संस्था स्मार्ट क्लब ऑफ कटनी ने होली मिलन समारोह को बेहद धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। यह कार्यक्रम क्लब की संस्थापक और संचालक नीलम अरोरा के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें क्लब की सभी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समारोह में नृत्य, संगीत, रंगारंग प्रस्तुतियां और क्विज प्रतियोगिता जैसे आकर्षक आयोजन किए गए, जिससे कार्यक्रम का उल्लास दोगुना हो गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को एकजुट करना, होली के त्योहार को मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाना और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहकर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना था। इस समारोह में महिलाओं ने रामायण आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और धार्मिक ज्ञान का परिचय दिया। साथ ही, राधा-कृष्ण की जीवंत झांकी प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। *होली मिलन समारोह की भव्य शुरुआत* कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलन और भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की वंदना से हुई। क्लब की प्रमुख नीलम अरोरा न...

भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की गिरफ्तारी पर विवाद, कटारा हिल्स टीआई लाइन अटैच, पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन, लेखनी और पत्रकारों पर हाथ डालने वालों को होना चाहिए फांसी, सस्पेंड करना एक उपाधी के बराबर

  भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की गिरफ्तारी पर विवाद, कटारा हिल्स टीआई लाइन अटैच, पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन, लेखनी और पत्रकारों पर हाथ डालने वालों को होना चाहिए फांसी, सस्पेंड करना एक उपाधी के बराबर  ढीमरखेड़ा |  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की गिरफ्तारी ने पत्रकारिता जगत में उबाल ला दिया है। कटारा हिल्स थाना पुलिस ने कुलदीप सिंगोरिया को एक एक्सीडेंट और अड़ीबाजी (जबरन उगाही) के आरोप में गिरफ्तार किया। हालांकि, पत्रकार समुदाय का कहना है कि यह मामला झूठा है और पत्रकार को फंसाने के लिए पुलिस ने दबाव में कार्रवाई की है। *गिरफ्तारी और विरोध प्रदर्शन* सोमवार देर रात पुलिस ने कुलदीप सिंगोरिया को उनके निवास से हिरासत में लिया। पुलिस का दावा है कि सिंगोरिया एक सफेद बोलेरो गाड़ी से जुड़े एक्सीडेंट और जबरन उगाही के मामले में संलिप्त थे। हालांकि, पत्रकारों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि जिस वाहन का जिक्र किया गया है, वह न तो सिंगोरिया का है और न ही वह उसमें सवार थे। इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में पत्रकार कटारा ...

खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं) विशेष विचारधारा के जजों से मुक्ति चाहती है भारत की न्यायपालिका

 खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं)  विशेष विचारधारा के जजों से मुक्ति चाहती है भारत की न्यायपालिका *भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने एकबार फिर अफलातून के इस कथन को सत्य की तराजू पर तौल दिया है कि "कानून के जाल में सिर्फ मछलियां फंसती हैं मगरमच्छ तो जाल फाड़ कर बाहर निकल आते हैं" । तोते की जान (ताकत) किसी दूसरे की मुठ्ठी में कैद होती है वैसे ही न्यायाधीशों को बाहर का रास्ता दिखाने वाली ताकत (जान) सीजेआई की जगह संसद की मुठ्ठी में कैद है। मतलब कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट एक परकटे पक्षी की तरह है जो फड़फड़ा तो सकता है मगर अपने कलीग्स का कुछ बिगाड़ नहीं सकता। सुप्रीम कोर्ट को अपने खिलाफ की गई आलोचना से मिली संवैधानिक ताकत कोर्ट की अवमानना उसके सारे पापों का सुरक्षा कवच अभेद्य है जिसे भेदने के लिए कोई अभिमन्यु, अर्जुन, कृष्ण का अवतरण नहीं हुआ है।* *न्यायपालिका के न्यायाधीशों पर लगने वाले भृष्टाचार के आरोप कोई नये नहीं हैं। 2009 में तो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम अधिवक्ता स्व शांति भूषण और उनके पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने तो न्यायपालिका के भृष्ट जजों की संख्या मय नाम जारी ...

विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक द्वारा ग्रामीण स्कूलों के उन्नयन की मांग, शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

 विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक द्वारा ग्रामीण स्कूलों के उन्नयन की मांग, शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम ढीमरखेड़ा |  शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है, और जब बात ग्रामीण शिक्षा की आती है, तो इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की स्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता आज भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस संदर्भ में, विजयराघवगढ़ विधानसभा के विधायक संजय पाठक द्वारा विधानसभा में कैमोर, गुड़ेहा, डोकरिया सहित अन्य ग्रामों के स्कूलों के उन्नयन की पुरजोर मांग उठाना एक सराहनीय कदम है। श्री पाठक ने विधानसभा में जोर देकर कहा कि इन स्कूलों को शीघ्र हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर उन्नत किया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अपने ही गांव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए अन्य गांवों या शहरों की ओर न जाना पड़े। यह पहल न केवल छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण समाज में शिक्षा को नई दिशा और गति भी प्रदान करेगी। *अधूरी बुनियादी सुविधाएँ* ग्रामीण स्कूलों की सबसे बड़ी समस्या...

क्या किसी को शर्म आयी...?जस्टिस यशवंत वर्मा के भ्रष्टाचार कृत्य से नहीं, नहीं, नहीं और ना कभी आएगी.अब तो वक़्त आ गया है जन आंदोलन का इस भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ

 क्या किसी को शर्म आयी...?जस्टिस यशवंत वर्मा के भ्रष्टाचार कृत्य से नहीं, नहीं, नहीं और ना कभी आएगी.अब तो वक़्त आ गया है जन आंदोलन का इस भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ ढीमरखेड़ा |  भारत की इस भ्रष्ट न्याय व्यवस्था न केवल लचर और पंगु है बल्कि विश्व की सबसे भ्रष्ट न्याय व्यवस्थाओं मे से एक है दैनिक ताज़ा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय की कलम कहती है कि एक वकील जो कोलेजियम के चलते न्यायाधीश बन बैठा और वहां से उगाही करके 10 - 15 करोड़ तो अपने घर मे रखे थे बाकी और कहाँ हैं उसका पता इन भ्रष्टों की जमात के रहते पता नहीं चलेगा । देश मे किसी को आश्चर्य या दुख नहीं हुआ इस आग के लगने से बल्कि आम जनता मे एक खुशी और उम्मीद की लहर है की शायद अब कुछ होगा इस सफेद दिखने वाली काली चादर का । ये सही मौका है एक जन आंदोलन का जिसमें इन भ्रष्ट अन्यायमूर्तियों ने जो अपने मौज मस्ती का तंत्र न्यायालय की स्वतंत्रता के नाम पे खड़ा किया हुआ है। मेरी कलम कहती है कि इस प्रकरण में एक भी अभी के 1000 के लगभग वर्तमान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अन्यायमूर्तियों ने इस पर शर्म जाहिर की हो या इस्तीफा दिया हो की या म...

कलयुग की विडंबना, झूठ की ऊँचाई और सत्य की नीचाई

 कलयुग की विडंबना, झूठ की ऊँचाई और सत्य की नीचाई ढीमरखेड़ा |  भारतीय संस्कृति और दर्शन में चार युगों का वर्णन किया गया है, सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। इनमें कलयुग को सबसे अधिक पतित युग माना गया है, जहाँ नैतिकता, सत्य और धर्म का ह्रास होता है। हमारे ग्रंथों में इसे झूठ, कपट, छल और अधर्म के बढ़ते प्रभाव का युग बताया गया है। इस युग की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि "जो झूठा सो ऊंचा होगा, सच वाला ही नीचा होगा।" यानी, जो व्यक्ति छल-कपट, धोखाधड़ी और असत्य के मार्ग पर चलेगा, उसे समाज में सम्मान, धन, और सफलता मिलेगी, जबकि सत्यनिष्ठ, ईमानदार और धर्मपरायण व्यक्ति संघर्ष करते रह जाएंगे। *कलयुग की सच्चाई झूठ की जय-जयकार* आज के समाज को देखें तो यह पंक्तियाँ बिल्कुल सटीक बैठती हैं— "करेंगा जो जितनी भी बुराई, उसी की होगी जग में बड़ाई।" यानी, जो लोग भ्रष्टाचार, अपराध और अनैतिक कार्यों में संलिप्त हैं, वे ही समाज में ऊँचे पदों पर आसीन हैं। राजनीति से लेकर व्यापार और शिक्षा से लेकर धर्म तक, हर क्षेत्र में छल-कपट और धोखाधड़ी करने वालों को ही सफलता मिल रही है।  *राजनीति में झूठ...