ढीमरखेड़ा क्षेत्र में परीक्षा निरीक्षण, नकलचियों पर गिरी गाज, सहायक केंद्र अध्यक्ष पर भी मंडराया खतरा
ढीमरखेड़ा क्षेत्र में परीक्षा निरीक्षण, नकलचियों पर गिरी गाज, सहायक केंद्र अध्यक्ष पर भी मंडराया खतरा
ढीमरखेड़ा | माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाओं का संचालन 25 फरवरी से किया जा रहा है। इस दौरान परीक्षाओं में अनुशासन बनाए रखने और नकल रोकने के उद्देश्य से विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। शुक्रवार को जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक (जेडी) प्राचीश जैन अपनी टीम सहित ढीमरखेड़ा क्षेत्र में पहुंचे और परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान कई चौंकाने वाले मामले सामने आए, जिनमें सबसे प्रमुख मामला नकल प्रकरण से जुड़ा रहा।
*हायर सेकेंडरी स्कूल दशरमन में नकल प्रकरण*
निरीक्षण के दौरान जेडी की टीम सबसे पहले हायर सेकेंडरी स्कूल दशरमन परीक्षा केंद्र पहुंची। यहां चल रही बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर के दौरान दो छात्रों के पास से नकल सामग्री (पर्ची) बरामद की गई। यह देखकर संयुक्त संचालक और उनकी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों छात्रों के खिलाफ नकल प्रकरण दर्ज कर दिया। इतना ही नहीं, परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी निभा रहे पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) की भी भूमिका को संदेहास्पद मानते हुए उनके खिलाफ भी कार्यवाही के लिए उनका नाम अंकित कर लिया गया। परीक्षा केंद्र पर नकल प्रकरण दर्ज होने के बाद अन्य परीक्षार्थियों और स्टाफ के बीच दहशत फैल गई।
*झिन्ना पिपरिया परीक्षा केंद्र में भी नकल का मामला उजागर*
इसके बाद संयुक्त संचालक की टीम ने झिन्ना पिपरिया परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया। यहां भी तीन छात्रों को नकल करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इन छात्रों के पास से भी अंग्रेजी विषय की नकल सामग्री पाई गई, जिसके बाद टीम ने तत्काल तीनों छात्रों के खिलाफ नकल प्रकरण दर्ज कर दिया। ढीमरखेड़ा क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर हो रही नकल की घटनाओं को देखते हुए संयुक्त संचालक ने सख्त रवैया अपनाया और इस तरह की गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
*दशरमन सहायक केंद्र अध्यक्ष पर कार्यवाही संभव*
सूत्रों के अनुसार, हायर सेकेंडरी स्कूल दशरमन परीक्षा केंद्र में नकल प्रकरण दर्ज होने के बाद सहायक केंद्र अध्यक्ष पर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है। संयुक्त संचालक प्राचीश जैन द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि नकल को रोकने में विफल रहने वाले केंद्र के प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।इसके तहत सहायक सुपरिंटेंडेंट की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है और उनके ऊपर भी जल्द ही प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है। जेडी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद ढीमरखेड़ा क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों में डर और तनाव का माहौल है।
*संयुक्त संचालक की सख्ती, नकलचियों और जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्यवाही*
संयुक्त संचालक संभाग जबलपुर प्राचीश जैन ने स्पष्ट किया कि परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान कुल पांच छात्रों पर नकल प्रकरण दर्ज किया गया, जिनमें दशरमन से दो और झिन्ना पिपरिया से तीन छात्र शामिल हैं। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी में तैनात पर्यवेक्षकों, सहायक केंद्र अध्यक्ष और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
*ढीमरखेड़ा क्षेत्र में परीक्षा प्रणाली पर उठे सवाल*
संयुक्त संचालक की इस कार्रवाई के बाद ढीमरखेड़ा क्षेत्र में परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। लगातार सामने आ रहे नकल के मामलों ने यह साबित कर दिया है कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर शिक्षा की गुणवत्ता से ज्यादा नकल का बोलबाला है। नकलचियों को खुली छूट मिलना दर्शाता है कि कक्ष निरीक्षक अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं निभा रहे हैं। नकल रोकने के लिए जो सतर्कता अपेक्षित है, वह कहीं न कहीं शिक्षक और स्टाफ की लापरवाही के कारण कमजोर पड़ रही है। परीक्षा केंद्रों के प्रमुख अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। नकलचियों पर कोई सख्ती नहीं होने से छात्रों में नकल करने का भय समाप्त हो गया है। निरीक्षण में कम सक्रियता के कारण नकल करने वालों को बढ़ावा मिलता है। यदि नियमित रूप से सख्त निरीक्षण हो और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, तो इस समस्या को कम किया जा सकता है।
*परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी*
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर उड़नदस्ता टीमों को तैनात किया जाए। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाए और नकल करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। ड्यूटी में तैनात शिक्षकों और पर्यवेक्षकों को परीक्षा कक्ष में सख्ती से अपनी जिम्मेदारी निभाने के निर्देश दिए जाएं। यदि किसी केंद्र पर नकल पकड़ी जाती है, तो वहां तैनात संपूर्ण स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
*नकलचियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई*
नकल करने वाले छात्रों पर न केवल परीक्षा से निष्कासन बल्कि भविष्य की परीक्षाओं में भी प्रतिबंध लगाया जाए। दोषी पाए गए छात्रों के परिणाम रद्द किए जाएं। छात्रों को यह समझाने की आवश्यकता है कि नकल से उनका भविष्य अंधकारमय हो सकता है। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम और अनुशासन अनिवार्य हैं। संयुक्त संचालक जबलपुर प्राचीश जैन द्वारा की गई यह औचक निरीक्षण ढीमरखेड़ा क्षेत्र में परीक्षा प्रणाली में व्याप्त खामियों को उजागर करता है। इस निरीक्षण के दौरान कुल पांच छात्रों के खिलाफ नकल प्रकरण दर्ज किया गया और सहायक केंद्र अध्यक्ष, पर्यवेक्षक समेत अन्य स्टाफ पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।उल्लेखनीय हैं कि यदि परीक्षा प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, तो नकल पर सख्ती से रोक लगानी होगी। जब तक परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी और जवाबदेही तय नहीं की जाएगी, तब तक शिक्षा का स्तर सुधरना मुश्किल है।
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