सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

उमरियापान थाना प्रभारी दिनेश तिवारी का कार्य ऐसा कि सब लोग कर रहे तारीफ़,उमरियापान में अपराध पर लगाम

 उमरियापान थाना प्रभारी दिनेश तिवारी का कार्य ऐसा कि सब लोग कर रहे तारीफ़,उमरियापान में अपराध पर लगाम



ढीमरखेड़ा |  उमरियापान थाना प्रभारी दिनेश तिवारी के पदभार ग्रहण करने के बाद क्षेत्र में अपराधों पर प्रभावी रोकथाम देखी गई है। उनके नेतृत्व में शराब, गांजा, सट्टा जैसे अवैध धंधों पर सख्ती से कार्रवाई की गई है, जिससे आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। उनके आने से पहले यह क्षेत्र अवैध गतिविधियों का गढ़ बनता जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपनी सख्त नीति और निष्पक्ष कार्यशैली से इसे नियंत्रित किया।

*शराब और नशीले पदार्थों के विरुद्ध अभियान*

दिनेश तिवारी ने थाना प्रभारी बनते ही सबसे पहले शराब और नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार पर शिकंजा कसा। उन्होंने कई छापेमारी अभियान चलाए और अवैध शराब विक्रेताओं को जेल भिजवाया। गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए उन्होंने रणनीति बनाकर कार्य किया, जिससे कई नशीले पदार्थों के तस्कर पकड़े गए। उनकी सख्त नीति के कारण अब उमरियापान क्षेत्र में अवैध शराब और गांजे की बिक्री में भारी कमी आई है।

*सट्टे पर प्रभावी कार्रवाई*

उमरियापान क्षेत्र में सट्टे का कारोबार भी लंबे समय से फल-फूल रहा था। कई युवा इसमें फंसकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे थे। दिनेश तिवारी ने सट्टे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया। उनके इस कदम की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है। अब लोग खुलकर कहने लगे हैं कि थाना प्रभारी के इस कदम से सट्टे के धंधे पर रोक लगी है और युवा पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाया जा रहा है।

*सहज स्वभाव और जनसेवा की भावना*

दिनेश तिवारी केवल सख्त पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक सहज और मिलनसार व्यक्ति भी हैं। वे आम नागरिकों की समस्याओं को ध्यान से सुनते हैं और उन्हें त्वरित समाधान देने का प्रयास करते हैं। उनकी कार्यशैली के कारण लोग बिना किसी डर के अपनी शिकायतें लेकर थाने पहुंचते हैं। उन्होंने पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम किया है और जनहित में कार्य करने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

*अपराधियों में भय, जनता में विश्वास*

उनकी सख्ती के कारण अपराधियों में भय का माहौल है। पहले जो अपराधी खुलेआम अवैध कार्य करते थे, वे अब छिपने को मजबूर हो गए हैं। दूसरी ओर, ईमानदार और मेहनती नागरिकों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। आम जनता अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है और इस परिवर्तन के लिए दिनेश तिवारी की जमकर सराहना कर रही है। उमरियापान क्षेत्र में यातायात की स्थिति पहले अनियंत्रित थी, लेकिन दिनेश तिवारी ने इसमें भी सुधार लाने का प्रयास किया है। उन्होंने यातायात नियमों का पालन सख्ती से करवाया, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। हेलमेट अनिवार्यता, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई जैसी कई महत्वपूर्ण पहल उन्होंने की हैं।

*उमरियापान थाना प्रभारी की एक अलग पहचान*

दिनेश तिवारी जनता से सीधे संवाद स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। वे नियमित रूप से जनसंवाद कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जहां लोग अपनी समस्याएं बेझिझक रख सकते हैं। उनके इस खुले संवाद प्रणाली से पुलिस और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता मजबूत हुआ है। उमरियापान थाना प्रभारी दिनेश तिवारी ने अपनी कार्यशैली से पूरे क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने अपराधों पर लगाम लगाने के साथ-साथ पुलिस और जनता के बीच की दूरी को भी खत्म किया है। उनकी ईमानदारी, निष्पक्षता और जनसेवा की भावना के कारण वे जनता के बीच लोकप्रिय बन गए हैं। लोग उनकी कार्यशैली की तारीफ कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वे इसी तरह समाज की सेवा करते रहेंगे।

टिप्पणियाँ

popular post

झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख

 झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत भटगवां के आश्रित ग्राम भसेड़ा में एक हृदयविदारक घटना सामने आई। गांव के बाहरी हिस्से में स्थित घनी झाड़ियों में एक नवजात शिशु लावारिस अवस्था में पड़ा मिला। उसकी किलकारियों ने वहां से गुजर रहे ग्रामीणों का ध्यान खींचा और जल्द ही यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। आनन-फानन में सरपंच अशोक दाहिया ने अपनी सक्रियता दिखाई और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरियापान पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है।यह घटना केवल एक बच्चे के मिलने भर की नहीं है; यह उस सामाजिक विडंबना की ओर इशारा करती है जहां अनैतिक संबंधों, देह व्यापार और सामाजिक डर के कारण नवजातों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया जाता है। ग्राम भसेड़ा में सुबह के समय कुछ ग्रामीण लकड़ी बीनने निकले थे। तभी उन्हें झाड़ियों से किसी नवजात की रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उन्हें भ्रम हुआ, पर जब वे पास पहुंचे तो वहां एक नवजात शिशु खून और माटी से सना हुआ पड़ा मिला। उसे देखकर सबके रोंगटे खड़े हो गए...

तीसरी संतान होने पर गई महिला शिक्षक की नौकरी, मध्यप्रदेश के शिक्षकों में मचा हड़कंप लेकिन ढीमरखेड़ा में कार्रवाई से क्यों बच रहे हैं दोषी? ढीमरखेड़ा तहसील के एक बाबू पर बहुत जल्द गिरेगी तीन संतान पर गाज

 तीसरी संतान होने पर गई महिला शिक्षक की नौकरी, मध्यप्रदेश के शिक्षकों में मचा हड़कंप लेकिन ढीमरखेड़ा में कार्रवाई से क्यों बच रहे हैं दोषी? ढीमरखेड़ा तहसील के एक बाबू पर बहुत जल्द गिरेगी तीन संतान पर गाज  ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से आई एक खबर ने पूरे राज्य के सरकारी शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा दिया है। छतरपुर के धमौरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की महिला शिक्षक रंजीता साहू को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने तीसरी संतान होने की बात को छिपाया था। ये घटना ना सिर्फ नियमों के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि कुछ जिलों में सख्त प्रशासनिक रवैया अपनाया जा रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर, जैसे ढीमरखेड़ा विकासखंड में, ऐसे नियमों को पूरी तरह नज़रअंदाज किया जा रहा है। रंजीता साहू, जो कि छतरपुर जिले के धमौरा क्षेत्र में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ थीं, उन पर 2022 में यह आरोप लगा कि उन्होंने तीसरी संतान होने के बावजूद यह जानकारी विभाग से छुपाई और अपनी नौकरी जारी रखी। जबकि 2001 में राज्य सरकार द्वारा यह नियम लागू कि...

पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त, सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम

 पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त,  सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम  ढीमरखेड़ा |   "सच्चे प्रहरी, अडिग संकल्प, निर्भीक कर्म" इन शब्दों को अगर किसी एक व्यक्ति पर लागू किया जाए, तो वह हैं अवध भूषण दुबे। अपराध की दुनिया में जिनका नाम सुनते ही अपराधियों के दिल कांप उठते थे, आम जनता जिन्हें एक रक्षक के रूप में देखती थी, और जिनकी उपस्थिति मात्र से ही लोग सुरक्षित महसूस करते थे ऐसे थे ढीमरखेड़ा थाने के सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे। 01 मार्च 1982 को जब उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की सेवा में कदम रखा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह व्यक्ति आने वाले चार दशकों तक अपने साहस, कर्तव्यपरायणता और निडरता के लिए बब्बर शेर के नाम से जाना जाएगा। 43 वर्षों से अधिक की सेवा के बाद, 31 मार्च 2025 को वे ढीमरखेड़ा थाने से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनके किए गए कार्य और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी। *अपराधियों के लिए काल "बब्बर शेर"* अपराध की दुनिया में कुछ प...