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ग्राम रामपुर स्थित गैवी नाथ धाम में चालू है रुद्र महायज्ञ , भगवत कृपा के लिए हैं प्रसिद्ध, हनुमान जी की कृपा से लोगों के होते हैं हर कार्य

 ग्राम रामपुर स्थित गैवी नाथ धाम में चालू है रुद्र महायज्ञ , भगवत कृपा के लिए हैं प्रसिद्ध, हनुमान जी की कृपा से लोगों के होते हैं हर कार्य



ढीमरखेड़ा |  सनातन धर्म में यज्ञ को एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठान माना जाता है, जो न केवल विश्व कल्याण और जनकल्याण के लिए किया जाता है, बल्कि समाज को धर्म और आध्यात्म की दिशा में प्रेरित करने का कार्य भी करता है। ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम रामपुर स्थित गैवी नाथ धाम में इन दिनों रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

*गैवी नाथ धाम, एक प्राचीन सिद्ध स्थान*

गैवी नाथ धाम को प्राचीन सिद्ध स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह स्थान आध्यात्मिक उन्नति के इच्छुक साधकों और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पावन है। यहां निरंतर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता रहता है, और इसी परंपरा को बनाए रखते हुए पिछले तीन वर्षों से यहां रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

*रुद्र महायज्ञ का आयोजन और उसकी महत्ता*

रुद्र महायज्ञ का आयोजन विशेष रूप से विश्व शांति, जनकल्याण और सनातन धर्म की रक्षा के लिए किया जाता है। इसमें यज्ञ, कथा श्रवण, भजन-कीर्तन और रासलीला का आयोजन किया जाता है। इस बार के महायज्ञ में 18 पुराणों का श्रवण भक्तों के लिए विशेष आकर्षण बना हुआ है।रुद्र महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन शिव महापुराण कथा का पाठ किया जा रहा है, जिसका वाचन आकाश कृष्ण बृजवासी महाराज कर रहे हैं। शिव महापुराण में भगवान शिव की महिमा, उनकी लीला और भक्ति के महत्व को बताया गया है। यज्ञाचार्य पंडित सुरेश त्रिपाठी के मार्गदर्शन में प्रतिदिन वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा यज्ञशाला में वेद मंत्रों के साथ पूजन और अर्चन किया जा रहा है। यह यज्ञ वैदिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए किया जाता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।रुद्र महायज्ञ के दौरान हर रात वृंदावन की रासलीला मंडली द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन किया जा रहा है। यह आयोजन भक्तों को आध्यात्मिकता से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें भगवान की लीलाओं से परिचित कराता है।

*अमोल खोह आश्रम वाले भगत गिरी बच्चू महाराज का आगमन*

शनिवार को अमोल खोह आश्रम के प्रसिद्ध संत भगत गिरी बच्चू महाराज का आगमन हुआ। उनके आगमन से भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया। उन्होंने श्रद्धालुओं को धर्म और भक्ति का संदेश दिया तथा समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की प्रेरणा दी।

*महायज्ञ में उपस्थित विशिष्ट जन*

इस महायज्ञ में अनेक प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही, जिनमें ग्राम पंचायत सरपंच सरोज राजेश त्रिपाठी, रुद्र दुबे, राम नरेश त्रिपाठी, रामशरण शुक्ला, नंदू त्रिपाठी, वीरेंद्र मिश्रा, राजेश त्रिपाठी, रितेश त्रिपाठी और सागर दुबे शामिल थे। इन सभी ने यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डाला और समाज में धर्म के प्रचार-प्रसार के महत्व पर बल दिया। रुद्र महायज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह समाज में आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने और लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। ऊर्जाओं को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाता है। इससे समाज में शांति और सौहार्द का वातावरण बनता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यज्ञ से वायुमंडल शुद्ध होता है और उसमें मौजूद हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है। रुद्र महायज्ञ जैसे आयोजनों से समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता बढ़ती है। लोग धर्म और आध्यात्म के प्रति जागरूक होते हैं और नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा लेते हैं।

*यज्ञों की सनातन परंपरा*

सनातन धर्म में यज्ञों की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में यज्ञों के महत्व का उल्लेख किया गया है। यज्ञों के माध्यम से देवताओं को प्रसन्न किया जाता है और लोककल्याण की भावना को जागृत किया जाता है। गैवी नाथ धाम में आयोजित रुद्र महायज्ञ न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह सनातन धर्म की रक्षा, विश्व शांति और जनकल्याण का महत्वपूर्ण माध्यम भी है। ऐसे आयोजनों से समाज में धार्मिक जागरूकता बढ़ती है और लोगों में नैतिकता और सदाचार की भावना विकसित होती है। यह यज्ञ सनातन धर्म की महान परंपरा को जीवंत बनाए रखने का प्रयास है, जिससे समाज को एक नई दिशा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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