सांसद की एक चिट्ठी से पॉच रूपये किलो सस्ते हो जायेंगे कुछ फल-सब्जी के दाम, जबलपुर-सतना-रीवा के सांसदों ने तो अपनी जनता को दिला दी सुविधा, डीआरएम ने कटनी में सब्जी-फल की अनलोडिंग की है प्रतिबंधित
सांसद की एक चिट्ठी से पॉच रूपये किलो सस्ते हो जायेंगे कुछ फल-सब्जी के दाम, जबलपुर-सतना-रीवा के सांसदों ने तो अपनी जनता को दिला दी सुविधा, डीआरएम ने कटनी में सब्जी-फल की अनलोडिंग की है प्रतिबंधित
कटनी । बहुत-बहुत-बहुत ही दुष्कर कार्य है कि कटनी खजुराहो के शक्तिशाली सांसद बीडी भैया से डिवीजनल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) को चार पंक्तियों का एक खत लिखवा दिया जाए कि हे अधिकारी कटनी स्टेशन पर भी सब्जी और फलों की अनलोडिंग करने की वैसी ही अनुमति प्रदान कर देवें जैसी अनुमति जबलपुर, सतना, रीवा स्टेशनों को आपके द्वारा दी गई है। बस चंद लाइनों का यह खत कटनी में कुछ फल सब्जियों के दाम 4 से 5 रूपये प्रति किलो कम करा देगा और बीडी भैया, दीपक (टंडन) भैया के भरोसे बैठी जनता को राहत मिल जाएगी।दरअसल बात यह है कि कुंभ मेला के चलते प्राइवेट मालवाहक ठेकेदारों को 12 जनवरी से 28 फरवरी तक ट्रेन के लगेज डिब्बे (एसएलआर) में माल की लोडिंग-अनलोडिंग बंद करने के आदेश दिये गये हैं। जैसे ही यह प्रतिबंध लागू हुआ तो जबलपुर, रीवा, सतना के सांसद भैयों ने डीआरएम को खत लिख दिया और डीआरएम ने उन स्टेशनों पर माल की लगाई चढ़ाई के लिए रेल्वे स्टॉफ को अनुमति दे दी और दिल्ली, जलगांव, नासिक, उज्जैन आदि से आने वाली सब्जियों, फल की आवक बनी हुई है, और वहां की जनता को फल सब्जी पूर्ववत दामों में मिल रही है। किंतु डबल सांसद का पॉवर रखने वाली कटनी डबल अनाथ होने का श्राप भुगतती आई है। बीडी भैया तो पूर्णत: बैरागी भाव वाले संत प्रतिनिधि हैं। जो जनता के स्वार्थों की रक्षा करने की मोहमाया के बंधनों से खुद को सदैव आजाद रखते हैं। इसलिए न तो मेडिकल कॉलेज बनेगा, न वाशिंग यार्ड, न राजरानी एक्सप्रेस और चंदिया, विश्रामपुर जैसी गाडिय़ां कभी कटनी आऐंगी। शहडोल सांसद और दमोह सांसद दोनों रेल मंत्रालय को लिख चुके हैं कि इन गाडिय़ों का विस्तार कटनी तक करने से जनता को बहुत-बहुत राहत मिलेगी। ग्रामीणों को अपने लघु व्यापार करने से अजीविका मिलेगी। खैर, जनहितों से वैराग्य भाव रखने वाले संतमूर्ति बीडी भैया के मन में जिस युग में जनहितों की माया का मोह का जाग्रत होगा उस दिन उपरोक्त सभी जनकामनाओं की पूर्ति पलक झपकते हो जानी हैं, इसमें किंचित संदेह नहीं है।
*किराया और घूंस से मंहगी पड़ती है फल-सब्जी*
कटनी में उतरने वाली फल-सब्जी अब संस्कारधानी (जबलपुर ) में उतरती है। थोक फल-सब्जी विक्रेताओं को संस्कार प्रधान जबलपुर में उतारे गये पार्सल को उठाना और भाड़े से कटनी लाना पड़ता है। संस्कारधानी के स्टेशन पर घूंस की दरें भी स्मार्ट बनाई गई हैं और रोजाना पिकअप ट्रक से कटनी का ढुलाई खर्चा भी शानदार है। इस वजह से हर वस्तु के दाम 4 से 5 रूपये प्रतिकिलो महंगे पड़ रहे हैं। कटनी स्टेशन तक यदि फल सब्जी उतरने लगेगी तो जनता को राहत मिल जाएगी।
*रेल समितियों के मनोनीत सदस्यों, विधायकों की सामर्थ्य सीमित*
इस संबंध में जिले के विधायकों रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समितियों में मनोनीत सदस्य मूर्तियों की सबकी सामर्थ्य बेहद सीमित है। डीआरएम ऑफिस उन पर कोई तवज्जो नहीं देता।
*दीपक भैया कर सकते हैं जगमग*
बीडी भैया के एकलौते दुलारे भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टंडन भैया तो व्यापारी जनता को रोशनी पहुंचा सकते हैं। उनकी सिफारिश को बीडी भैया इग्नोर नहीं करेंगे। इंतजार है सांसद कुछ कर दिखायेंगे अन्यथा एक-डेढ़ माह का कष्ट जनता भुगतकर दिखायेगी।
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