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अहंकार का ताज पहन कर खुद को ऊंचा समझते हैं, अपनी झूठी शान में खोकर कुछ लोग सबको छोटा समझते हैं, किसी के प्यार और जज्बातों की कहां ये फिक्र करते हैं, ढूंढते हैं सब में गलतियां ख़ुद को खुदा समझते हैं, रखना भरोसा खुद पर, मन को घबराने ना देना, बहुत मिलेंगे उंगली उठाने वाले, तुम हौसलो को डगमगाने ना देना हां वक्त लगता हैं अक्सर ही ऊंचे मुकाम पाने में रखना नज़र अपनी मंजिल पर मन को कहीं भटकने न देना

 अहंकार का ताज पहन कर खुद को ऊंचा समझते हैं, अपनी झूठी शान में खोकर कुछ लोग सबको छोटा समझते हैं, किसी के प्यार और जज्बातों की कहां ये फिक्र करते हैं, ढूंढते हैं सब में गलतियां ख़ुद को खुदा समझते हैं, रखना भरोसा खुद पर, मन को घबराने ना देना, बहुत मिलेंगे उंगली उठाने वाले, तुम हौसलो को डगमगाने ना देना हां वक्त लगता हैं अक्सर ही ऊंचे मुकाम पाने में रखना नज़र अपनी मंजिल पर मन को कहीं भटकने न देना



ढीमरखेड़ा | अहंकार वह अदृश्य ताज है जो व्यक्ति को सत्य और वास्तविकता से दूर कर देता है। जब लोग अपने झूठे अभिमान में डूब जाते हैं, तो वे दूसरों की भावनाओं और उनकी कीमत को समझने में असफल हो जाते हैं। यह व्यक्ति को असंवेदनशील बनाता है और उसे यह भ्रम होता है कि वह दूसरों से श्रेष्ठ है। ऐसे लोग जो खुद को "खुदा" समझने लगते हैं, वे समाज के साथ अपने रिश्ते खराब कर देते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो अहंकार ने कई महान साम्राज्यों को नष्ट किया है।

 *झूठी शान और उसके परिणाम*

झूठी शान एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति दिखावे के लिए अपने मूल्यों और आदर्शों को भूल जाता है। सोशल मीडिया, महंगे कपड़े, और भौतिक चीजों के पीछे भागने की प्रवृत्ति। इस प्रकार की जीवनशैली अक्सर अकेलेपन, तनाव और रिश्तों में खटास का कारण बनती है। व्यक्ति को आंतरिक शांति और वास्तविक खुशी के लिए सच्चाई के साथ जीने का प्रयास करना चाहिए।

 *दूसरों की भावनाओं की अनदेखी*

अहंकारी लोग अक्सर दूसरों की भावनाओं और जज्बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। वे न केवल दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि अपने आसपास के लोगों से भी दूर हो जाते हैं। जब समाज में संवेदनशीलता की कमी होती है, तो सामूहिक प्रगति रुक जाती है। किसी ने अपने अहंकार में एक दोस्त को खो दिया, लेकिन बाद में महसूस किया कि वास्तविक संबंध पैसे और शक्ति से नहीं, बल्कि विश्वास और सम्मान से बनते हैं । अहंकार और आत्मविश्वास में बड़ा अंतर है। जहां अहंकार व्यक्ति को दूसरों से श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश करता है, आत्मविश्वास व्यक्ति को अपने आप में बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है। यह जीवन की हर चुनौती को पार करने में मदद करता है। दूसरों की आलोचनाओं को सुनकर अपने आत्मविश्वास को कम न होने दें। महात्मा गांधी, जिन्होंने आलोचनाओं को नजरअंदाज कर सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया । समाज में हमेशा ऐसे लोग मिलेंगे जो आपकी कमियां ढूंढते रहेंगे, सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, जो उपयोगी हो उसे स्वीकार करें, बाकी को नजरअंदाज करें। आलोचना को आत्म-सुधार का जरिया बनाएं। कई महान व्यक्ति आलोचनाओं के बावजूद सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे।

 *मंजिल पर ध्यान केंद्रित रखना*

जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना, खासकर जब बाहरी दुनिया आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। आपकी मंजिल ही आपकी असली पहचान बनाती है। कठिन समय में खुद को प्रेरित रखना।असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ना । ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा मेहनत और समर्पण से काम किया।बड़े लक्ष्य अक्सर समय और धैर्य की मांग करते हैं। सफलता रातों-रात नहीं मिलती। मेहनत करते रहें, अपनी गलतियों से सीखें अपने प्रयासों पर विश्वास रखें। अब्राहम लिंकन, जिन्होंने बार-बार असफलताओं का सामना किया लेकिन अंततः अमेरिका के राष्ट्रपति बने।

 *जीवन के सबक अहंकार से दूर रहना*

अहंकार न केवल आपके रिश्तों को खराब करता है, बल्कि आपके व्यक्तिगत विकास को भी रोकता है।अपनी कमजोरियों को पहचानें,

अहंकार को त्यागकर नम्रता अपनाएं।यह आपको दूसरों से जोड़ती है।

यह आपको आंतरिक शांति प्रदान करती है। "विनम्रता ही सच्चा ज्ञान है। जीवन में सफलता पाने के लिए अहंकार से बचना, आत्मविश्वास बनाए रखना, और अपनी मंजिल पर ध्यान केंद्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपने जीवन को सच्चाई, ईमानदारी और मेहनत से सार्थक बनाएं। अपनी गलतियों से सीखें और हमेशा आगे बढ़ते रहें। दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें और उनके साथ सहानुभूति रखें। अपने भीतर की ताकत को पहचानें, अहंकार और झूठी शान से बचें, और अपने हौसलों को कभी डगमगाने न दें। सफलता की राह कठिन हो सकती है, लेकिन आपका आत्मविश्वास और धैर्य आपको आपकी मंजिल तक अवश्य पहुंचाएगा।

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