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भमका नर्सरी में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम एक यादगार पल, कुछ समय गुजारे हुए पल यादगार बन जाते हैं अधिकारी कर्मचारियों के लिए , मैं भी बाघ हम हैं बदलाव थीम पर आधारित अनुभूति कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल

 भमका नर्सरी में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम एक यादगार पल, कुछ समय गुजारे हुए पल यादगार बन जाते हैं अधिकारी कर्मचारियों के लिए , मैं भी बाघ हम हैं बदलाव थीम पर आधारित अनुभूति कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल



ढीमरखेड़ा |    कुंडम परियोजना मंडल के अंतर्गत रामपुर क्षेत्र की बेलकुंड नर्सरी में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम "मैं भी बाघ , हम हैं बदलाव" थीम पर आधारित था और इसका उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति प्रेम, और स्थायी जीवन शैली के प्रति जागरूक करना था। इस कार्यक्रम में माध्यमिक शाला भमका और उच्चतर माध्यमिक शाला झिन्ना पिपरिया के 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और बच्चों को मिशन लाइफ अनुरूप जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था ताकि वे "प्रो प्लानेट पीपल" बन सकें। कार्यक्रम की शुरुआत आत्मीय स्वागत और उद्देश्यों के परिचय के साथ हुई। बच्चों को "अनुभूति कार्यक्रम" के महत्व को समझाया गया। यह पहल न केवल पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें प्रकृति के करीब लाने का प्रयास भी करती है। इस कार्यक्रम में बच्चों को बताया गया कि कैसे प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ ग्रह छोड़ सकते हैं।

*प्रशिक्षण सत्र और गतिविधियां*

कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर श्रीमती अनुराधा ठाकुर (स्वयंसेवी) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बच्चों को "नेचर ट्रेल" पर ले जाकर विभिन्न प्रकार की वृक्ष प्रजातियों की पहचान करवाई। बच्चों को पत्तों, टहनियों और अन्य प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से पेड़ों और पौधों की प्रजातियों की पहचान करना सिखाया गया। (इकोसिस्टम) और जैव श्रृंखला में बाघ की भूमिका के बारे में बताया गया। बाघ को एक "अंब्रेला प्रजाति" के रूप में महत्व दिया गया क्योंकि इसका संरक्षण अन्य प्रजातियों और पारिस्थितिक तंत्र को सुरक्षित रखने में सहायक होता है। बच्चों को विभिन्न औषधीय पौधों की पहचान और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।

*पर्यावरणीय क्विज़ और पुरस्कार*

नेचर ट्रेल के बाद बच्चों के लिए एक पर्यावरण और वन्यजीव संबंधी क्विज़ का आयोजन किया गया। इस क्विज़ का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरणीय ज्ञान बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहित करना था। क्विज़ के विजेताओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया।

*पर्यावरण संरक्षण की शपथ*

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ ली। उन्होंने प्रण किया कि वे प्रकृति की रक्षा करेंगे, संसाधनों का सही उपयोग करेंगे और दूसरों को भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे।

*मुख्य अतिथियों की उपस्थिति और संबोधन*

कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे, श्री धीरेंद्र सिंह विधायक, बड़वारा उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और बाघ संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री रमाकांत भारके ने बच्चों को कानून और पर्यावरणीय नियमों की जानकारी दी। सुनीता संतोष दुबे जनपद अध्यक्ष ढीमरखेड़ा, उन्होंने स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। 

*अतिरिक्त गतिविधियां और पहल*

 अंतर्वेद गनियारी में सीसी रोड का लोकार्पण और रंगमंच का भूमि पूजन विधायक धीरेंद्र सिंह द्वारा किया गया। यह पहल स्थानीय विकास और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम थी।

*ग्रामवासियों और अधिकारियों की उपस्थिति*

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और अधिकारी उपस्थित रहे। अमित पटौदी संभागीय प्रबंधक अभ्श्वेता रावत उपसंभागीय प्रबंधक देवेश खराड़ी परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी , थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान  इस कार्यक्रम ने बच्चों और समुदाय को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने में मदद की। बच्चों ने न केवल पर्यावरणीय ज्ञान अर्जित किया, बल्कि उन्होंने इसे अपनी दैनिक जीवनशैली में लागू करने का प्रण भी लिया। आयोजकों और अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को प्रकृति के करीब लाते हैं और उनमें जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना पैदा करते हैं। इस प्रकार, "मैं भी बाघ, हम हैं बदलाव" थीम पर आधारित यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठा और प्रेरणादायक कदम था। इस कार्यक्रम ने बच्चों, ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच एक सामूहिक जागरूकता उत्पन्न की और सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा दी। स्मरण रहे कि इसी बीच जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे, सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी, उमरियापान मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया, मंडल अध्यक्ष ढीमरखेड़ा नरेंद्र त्रिपाठी, योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर, सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा, सचिव मनोज लोधी, देवरी बिछिया सरपंच प्रतिनिधि राहुल दुबे, रमन शुक्ला, मीडिया प्रभारी सोनू गौतम, शुभम त्रिपाठी, सरपंच अनिल बागरी, सरपंच भरत शुक्ला, उपसरपंच जयराम कोल, प्रमोद असाटी भूतपूर्व सरपंच जयकारण पटैल, गणेश साहू, जय रामजी, प्रहलाद सोनी, पंडित उमेश पांडे, अशोक पटैल, राकेश पटैल, जयपाल पटैल, रजनीकांत लखेरा, लेखपाल अवध वाजपेई, पूरन लोधी भैया लोधी, मोटू पटैल ,मनोज पटैल,रेंजर अजय मिश्रा, सरोज सिंह वनपाल, अभिषेक शुक्ला वनरक्षक, लोकेश सिंह वनरक्षक, नंदकिशोर मिश्रा वनरक्षक, विकास शर्मा वनरक्षक, राहुल सिंह क्षेत्र रक्षक, शिवम चक्रवर्ती क्षेत्र रक्षक, अनामिका बात्रे की रही उपस्थिति।

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