हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला (कक्का बाबू) पंचतत्व में विलीन, कटनी के लिए तीन प्रमुख सुविधाएं रिट दायर कर दिलवाई - स्वार्थी शहर को उनकी याद भी न आई
हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला (कक्का बाबू) पंचतत्व में विलीन, कटनी के लिए तीन प्रमुख सुविधाएं रिट दायर कर दिलवाई - स्वार्थी शहर को उनकी याद भी न आई
कटनी । मूलतः उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह के प्रतिष्ठित नागरिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला (कक्का बाबू) का 29 जनवरी 2025, बुधवार(मौनी अमावस्या) की सुबह दुःखद हो गया। 97 वर्षीय कक्का बाबू पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे तथा चिकित्सकों की सलाह पर घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। अपने वक़ालत के पेशे के कारण वो काफी पहले छपरवाह छोड़कर जबलपुर के ब्यौहार बाग में रहने लगे थे। जबलपुर में रहने के बावजूद उनका कटनी से लगाव कम नहीं हुआ तथा वो लगातर कटनी के विकास के लिए प्रयास करते रहे।
*मुड़वारा फुट ओवर ब्रिज रेलवे से बनवा लिया*
मुड़वारा स्टेशन के पास फुट ओवर ब्रिज का निर्माण रेल्वे को उन्हीं के द्वारा हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका के कारण कराना पड़ा।
*लकड़ी का समपार पुल*
एसीसी आयुध निर्माणी के बीच एक संकरा ब्रिज भी उन्होंने कई दशक पहले बनवाकर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई थी l
*कर्व लाइन जिससे जबलपुर -मुरवारा स्टेशन कनेक्ट हुआ*
साऊथ स्टेशन के पास से एक नई कर्व लाइन बिछाकर उसे कटनी मुड़वारा स्टेशन से जोड़ने का पहला प्रस्ताव श्री शुक्ला जी का था इसके लिए उन्होंने डीआरएम, जोनल पमरे और केंद्रीय रेल मंत्रालय से निरंतर पत्राचार किया इस कार्य में कटनी के कुछ पत्रकारों को भी उन्होंने सेवा का अवसर दिया और उनके ज्ञापन समय समय पर कटनी से गुजरने वाले उच्च अधिकारियों के आगमन पर उनके स्पेशल सैलून ( ट्रेन ) में पहुंचाए गए जो मुख्यतः कर्व लाइन निर्माण से जुड़े थे l अंततः रेलवे ने इसे माना और आज इसका फायदा सबको मिला l
*मंगलनगर झर्रा टिकुरिया रोड चौडीकरण भी उनके प्रयास से*
इसके अलावा मिशन चौक क्षेत्र और झर्रा टिकुरिया, मंगलनगर में अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद सड़क का चौड़ीकरण भी प्रशासन ने उन्हीं के प्रयासों से किया।
*नर्मदा जल ठरका टैंक लाने का प्रयास करते रहे डिजाइन भी भेजी*
जीवन के अंतिम दिनों में भी वो नर्मदा नहर के माध्यम से नर्मदा जल ठरका जलाशय में पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहे। उनका मानना था कि ठरका जलाशय के माध्यम से नर्मदा जल शहर से होकर गुजरी जीवन दायनी नदियों क्रमशः कटनी नदी, कौहारी नदी, सिमरोल नदी (माई नदी), निवार नदी में पहुंच जाएगा और कटनी शहर की पेयजल समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। नदियों से जल किसानों और मवेशियों के लिए भी आसानी से उपलब्ध होगा। इसके लिए उन्होंने खिरहनी स्लीमनाबाद से ठरका टैंक तक नहर बनाने का बेहद कम खर्चीला प्रस्ताव मय नक्शे एस्टीमेट के साथ भेजा लेकिन तुच्छ राजनीति आड़े आई और उनके सदप्रयास विफल कर दिए गए l भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वज़ह से उन्हें राष्ट्रपति ने भी राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया था। अफ़सोस कृतघ्न शहर ने उनके सेवा भाव की गरिमा को याद ही नहीं किया, कहीं कोई जिक्र नहीं चला , श्रद्धांजलि तक नहीं दी गई l जबलपुर के रानीताल मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला (कक्का बाबू) का अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे सुपुत्र अधिवक्ता रमा शंकर शुक्ला ने मुखाग्नि दी। इस दौरान उन्हें गाड ऑफ आनर भी दिया गया। अंतिम संस्कार में परिजनों, गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
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