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बीते वर्ष ने नए वर्ष को सौंपी गगनचुंबी घूस दरों की विरासत और कहा -इन्हें नई ऊंचाइयां देना, प्रभावशाली खनन माफिया की जी हुजूरी में शत -प्रतिशत सफल रहा जिला खनिज विभाग , 42 करोड़ का चूना एक दांव में लगाया, नए साल में गुंडो ने जीप पर किया पथराव -पुलिस ने रिपोर्ट ना लिखकर किसका किया बचाव, नागरिकों को दुह -दुहकर खोखों - पेटीयों से भरी खाकी गागर छलक उठी

 बीते वर्ष ने नए वर्ष को सौंपी गगनचुंबी घूस दरों की विरासत और कहा -इन्हें नई ऊंचाइयां देना, प्रभावशाली खनन माफिया की जी हुजूरी में शत -प्रतिशत सफल रहा जिला खनिज विभाग , 42 करोड़ का चूना एक दांव में लगाया, नए साल में गुंडो ने जीप पर किया पथराव -पुलिस ने रिपोर्ट ना लिखकर किसका किया बचाव, नागरिकों को दुह -दुहकर खोखों - पेटीयों से भरी खाकी गागर छलक उठी




कटनी l सन 2023 ने जो प्रभार 2024 को सौपकर उन्नति करने का दायित्व दिया था उसे सन 2024 ने शिद्दत से निभाया और चार दिन पहले सन 2025 को पारम्परिक आशय के साथ फुल चार्ज देकर रिटायर होकर चला गया l 2024 ने सिस्टम के समानांतर चल रही नॉन सिस्टमैटिक व्यवस्था को गगनचुंबी बुलंदियों से नवाजते हुए 2025 के ऊपर यह जिम्मेदारी दी है कि वह  ऐसी ही (कु )-व्यवस्था के कोहराम से पूरी आकाशगंगा में डंका बजाकर रख दे l इसकी शुरुआत भी बेहतरी से हुई ज़ब 1 जनवरी को गुंडा भाई ने एक जीप का कांच पत्थर मार कर फोड़ दिया साथ में पवित्र रिश्तों पर कीचड फेंकते अपशब्दों के बेशर्म उच्चारणों से जीप चालक  को अभिभूत कर दिया l इस दरम्यान भीतर बैठी महिला शक्ति उस लफंगे के सामने गिड़गिड़ाती रही कि ऐसा मत करो और कर भी क्या सकती थी lबेचारी अपने सशक्तिकरण की महिमा को याद नहीं कर पाई जो राजनीतिक- सामाजिक और पुलिस की सभा में आए दिन बड़े बड़े मुखों से गाई जाती है l नव वर्ष पर  लफंगों से अपमानित भारतीय नागरिक जन सेवा आश्रम (थाना ) माधव नगर पहुंचा जहां उसकी रिपोर्ट जनसेवाधारी ने नहीं लिखी l भगवान जाने किन-किन के मार्गदर्शन अथवा दिग्दर्शन में नए वर्ष 2025 में ऐसी जनसेवा आयोजित की जा रही है अलबत्ता यह संकेत तो मिल ही गया कि 2024 की विरासत को सन 2025 भी अखिल विस्तार देने वाला है, प्रतिज्ञा धारण कर चुका है l

 *टुट-पुंजियों के ओवरलोड खनिज पर कार्यवाही*

 नए साल में खनिज विभाग ने फिर संकेत दिए हैं कि वह प्रभावशाली खनन माफिया के आगे नतमस्तक रहने की सनातन प्रथा को निभाएगा भले ही एक दो ट्रैक्टर ट्राली खनिज की पकड़कर जिले वासियों के सामने यह प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है कि- खनिज कार्यालय जीवित है उसे मुर्दा मत समझिए l लेकिन पुलिस और राजस्व महकमा खनन माफिया पर कार्यवाही करके मुर्दा खनिज विभाग को जगा देता है कि आगे वह कार्यवाही करे l  विजयराघौगढ़ एसडीएम महेश मंडलोई ने बिना ट्रांजिट पास वाले अति भारित खनिज लदे वाहन को नए साल कि शुरुआत में पकड़ लिया और कैमूर थाने में खड़ा कर दिया अब बेचारा खनिज दफ्तर फर्ज अदायगी के लिए मजबूर हो गया lपुलिस भी वर्षान्त में खनिज के अवैध खनन कर रहे वाहनों को पकड़ चुकी थी l वेंटिलेटर पर सांसें गिन रहे जिला खनिज कार्यालय ने टूटती नब्ज के बीच किसी तरह छुटपुट कार्रवाई कर दी l गत 15 वर्षों से अवैध- खनन- परिवहन- गैर लाइसेंसी भंडारण आदि के मामलों को रफा दफा कर सैकड़ों करोड़ की रॉयल्टी को खनिज कार्यालय के अधिकारी लील चुके हैं l

*अथाह गहराई है खनिज विभाग के पापी पेट की*

कटनी जिला खनिज विभाग ने भी मनमानी के झंडे आकाश से भी ज्यादा  ऊंचाई तक 2024 में लहराए हैं। शिव की सत्ता से लेकर मोहन के राज्य में खनिज माफिया की सेवा आष्टांग-योग के साथ जिला खनिज कार्यालय कर रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव को यह भेद जानकर गर्व होगा अथवा नहींं,  कोई नहीं जानता लेकिन उन्हें ज्ञान रखना जरूरी होगा कि वर्ष 2024 में जिला खनिज दफ्तर में कॉरपोरेट घराने की बड़वारा स्थित फेक्ट्री में अवैध भंडारण की कार्यवाहियों को श्रद्धा भाव से सम्मान दिया। 60-70 हजार टन अवैध भंडारण पर 42 करोड़ का जुर्माना नहीं लगाया और भाजपा-शासन को धूर्त बनाकर मार्गदर्शन मांगता रहा। जबकि एक साधारण व्यापारी को मात्र 170 टन अवैध भंडारण पर छह लाख रूपए की पेनाल्टी ठोंक दी। 

स्लीमनाबाद में विवादित रकवा पर हुए अवैध खनन की पेनाल्टी नहीं लगाई जिसमें इतनी रकम बनती है कि भाजपा शासन का बजट तैयार हो जाए।

*रेल व सडक़ निर्माण में करोड़ों की रायल्टी चोरी*

खनिज विभाग के संरक्षण में रेलवे में चले रहे निर्माण कार्य और एनएच पर बन रही सडक़ के निर्माण में बिना टीपी के बिना अनुमति के गिट्टी-रेत-मुरूम की सप्लाई चलती रही। सूत्र की माने तो पांच फीसदी रायल्टी ही शासन के पेट में डाली गई और शेष नेता-अफसर के अथाह गहरे पेट में यूं समा गई, जैसे ऊट के मुंह में जीरा। आज भी अफसरशाही का पेट खाली है, भुखमरी से चीत्कार कर रहा है। भैया जी के  चमचों को शहरी क्षेत्र में मुरूम-खनिज के अवैध काम करने  की छूट 2025 में कितनी हदों तक पहुंचाई जाएगी कोई कल्पना नहीं कर सकता।

*खाकी -घूस में आया ज्वार-भाटा शायद ही उतरे*

पुलिस का संबंध जनता से रोजाना का है। खाकी सबसे ज्यादा पॉवरफुल है, इसका जितना दुरूपयोग होगा उतना ही भयादोहन होगा।रिश्वत-समझौता-सेटलमेंट अथवा बलात-उपहार के ये लेनदेन वैसे तो पीएम केयर-फंड अथवा इलेक्टोरल बाण्ड की तरह गुप्त रहते हैं, लेकिन जब गागर छलकती है तो समझ में आ जाता है कि गागर का आकार कितने खोखे का, कितनी पेटी होगा। गर्व की  बात है अंधेरनगरी के लिए कि सन 2024 खाकी-घूस के इंडेक्स को अविश्वसनीय ऊंचाइयों तक ले गया। एक पेटी तो अब रोजाना की छोटी-मोटी गागर है। यह निचली लेयर की गागर है, मध्यम साइज की गागर में25 से 50 पेटियां समाती हैं तो फुल साइज की गागर में जितने खोखे समा जाएं सो कम हैं।

*घूस-उत्पादन की नई विधियां*

सन 2024 खाकी घूस उत्पादन की नई विधियों की खोज के लिए प्रसिद्ध रहा। क्रिकेट सट्टे में युवाओं को मध्यम-गागर में दृव्य भरना पड़ा, दीवाली आदि पर झिंझरी स्थित भव्य होटल में रईस-जुआडिय़ों को भी मध्यम-फुल साइज की गागरें भरनी पड़ी।

*रसिकोपासना और उपासकों से द्रव्यार्जन*

शासकीय रसिकोपासना से बीते वर्ष के दिन-महीने-साल रसाबोर रहे। उच्च श्रेणी के रसिको की उपासना का नाद गूंजता रहा। साधकों के साथ साधिकाओं ने भी समानता के अधिकार के साथ सुर साधे। रसिकों के निजी उपासना केन्द्रों में खाकी -पहुंची तो वहां कुछ रहस्यमयी पांडुलिपियां मिली। इन डायरीनुमा पांडुलिपियों में दर्ज साधकों से संपर्क कर उनसे भी छोटी-मध्यम गागरों में श्रृद्धा-दृव्य भरा गया।

*खाकी -कृपा से दुहा गया माधवनगर*

खाकी-कृपा से माधवनगर को सन 2024 जाते जाते अच्छी तरह दुह गया। जिस तरह सनातनी शासन व्यवस्था में शासन-पक्ष की शरण में जाने वाला उत्तम-पवित्र चरित्र से विभूषित हो जाता है,  ठीक उसी तर्ज पर खूंखार अशिक्षित- अराजक तत्व भी खाकी-कृपा से अफसरों जैसी वसूली में निपुण हो गए l ऐसे दो तत्वों के मेल से नागरिकों को कई पेटियों से दुहा गया, गागरों में भरा गया। सन 2025 में दुहाई का क्रम किस स्तर का रहेगा यह रहनुमा जनप्रतिनिधि की इच्छा पर निर्भर रहेगा।

*अस्पताल की अस्मत का सौदा रद्द*

सन 2024 में बिक्री -पसंद सरकार ने प्रदेश के सरकारी जिला अस्पतालों की अस्मत का सौदा कर लिया, इसमें कटनी जिला अस्पताल भी शामिल था। कटनी जिले के सभ्रांत राजसी शक्तियों से संपन्न पदाधिकारी मौन साधना में डूबे रहे मगर अन्य 11 जिलों में विरोध की दहाडे गूंजी तो सभी बिके अस्पताल के सौदे रद्द हो गए और कटनी अस्पताल भी बलातबिक्री से बच गया। देखना होगा कि 2025 में बकरे की अम्मा की फरियाद बनी रहेगी या नहीं।

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