पोड़ी कला बी छोटी काशी के नाम से मशहूर में बरसेगी भगवत कृपा, 03 तारीख को शोभा यात्रा मंडप प्रवेश , प्राचीन यज्ञ शाला भूमि पर 60 वे वर्ष में श्री विष्णु महायज्ञ एवं 18 पुराण का होगा आयोजन, पूरा क्षेत्र दिखेगा भक्ति के रस में मग्न
पोड़ी कला बी छोटी काशी के नाम से मशहूर में बरसेगी भगवत कृपा, 03 तारीख को शोभा यात्रा मंडप प्रवेश , प्राचीन यज्ञ शाला भूमि पर 60 वे वर्ष में श्री विष्णु महायज्ञ एवं 18 पुराण का होगा आयोजन, पूरा क्षेत्र दिखेगा भक्ति के रस में मग्न
ढीमरखेड़ा | पोड़ी कला बी, जिसे "छोटी काशी" के नाम से जाना जाता है, इस समय एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है। 03 फरवरी 2025 से लेकर 10 फरवरी 2025 तक यहां एक भव्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें श्री विष्णु महायज्ञ एवं 18 पुराणों का आयोजन विशेष रूप से उल्लेखनीय होगा। इस अवसर पर, यज्ञ सेवक शिब्बू महाराज और यज्ञाचार्य गणेश महाराज गर्ग जी के नेतृत्व में एक महाकुंभ की तरह धार्मिक अनुष्ठान होंगे, और श्री राजकुमार जी चौबे के मार्गदर्शन में इस आयोजन को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ संपन्न किया जाएगा।इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य न केवल क्षेत्रवासियों की भलाई और कल्याण है, बल्कि यह एक विशाल धार्मिक आयोजन के रूप में समुदाय की एकता और सद्भाव को भी बढ़ावा देना है। यह आयोजन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, शांति और सुख की भावना को फैलाने, और धर्म के प्रति समर्पण को प्रोत्साहित करने का एक माध्यम बनेगा । पोड़ी कला बी में आयोजित होने वाला श्री विष्णु महायज्ञ, जो 60वें वर्ष में आयोजित हो रहा है, न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक भी है। यह यज्ञ समाज के प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करेगा।यज्ञ का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह हमारे जीवन में आस्था, विश्वास और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। 18 पुराणों का पाठ इस आयोजन का एक अभिन्न हिस्सा है, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को समझने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। पुराणों के माध्यम से, हम हमारे धार्मिक इतिहास, संस्कृतियों, और देवताओं के बारे में गहन ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, जो हमारे जीवन को एक नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
*श्री विष्णु महायज्ञ का आयोजन*
यह यज्ञ एक विशाल धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्री विष्णु जी की पूजा और आराधना की जाएगी। श्री विष्णु जी का नाम लेकर किए गए यज्ञ से व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है। यज्ञ का आयोजन प्राचीन यज्ञ शाला भूमि पर किया जाएगा, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह भूमि कई वर्षों से धार्मिक अनुष्ठानों का साक्षी रही है और अब इसे फिर से जीवित किया जाएगा, ताकि लोग यहां आकर अपने जीवन को पुण्य से भर सकें। यज्ञ का उद्देश्य न केवल क्षेत्रवासियों को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करना है, बल्कि यह समग्र समाज की समृद्धि और कल्याण के लिए भी आवश्यक है। यह यज्ञ लोगों में धर्म, एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
*समाज में सकारात्मक बदलाव*
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी एक बड़ा कदम है। यज्ञ के दौरान होने वाली प्रवचन, कथा, और भजन के माध्यम से लोग धर्म के बारे में अधिक जान सकेंगे और उन्हें जीवन में सही मार्गदर्शन मिलेगा। यह आयोजन हर व्यक्ति के दिल में आस्था और विश्वास का संचार करेगा, जिससे समाज में एकता और सामूहिक समृद्धि का माहौल बनेगा।
*समाज का योगदान और सहयोग*
इस यज्ञ में पूरे क्षेत्रवासियों का योगदान और सहयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। यह आयोजन केवल यज्ञाचार्यों और आयोजकों के प्रयासों से ही सफल नहीं हो सकता। इसके लिए समाज का सक्रिय समर्थन और सहयोग आवश्यक है। सभी श्रद्धालु और भक्त इस पावन अवसर पर भाग लेकर धर्मलाभ अर्जित कर सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। इस आयोजन का उद्देश्य यही है कि अधिक से अधिक लोग इस यज्ञ में सम्मिलित होकर पुण्य के भागी बने। श्री राजकुमार जी चौबे के नेतृत्व में यज्ञ का आयोजन और यज्ञ संरक्षक शिब्बू महाराज तथा यज्ञाचार्य गणेश महाराज गर्ग जी के मार्गदर्शन में यह आयोजन और भी प्रभावशाली होगा। इन सभी साधु-संतों का आशीर्वाद और आशीर्वाद क्षेत्रवासियों को मिले, यही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
*छोटी काशी पोड़ी कला बी बनी आस्था का केंद्र*
कार्यक्रम की शुरुआत बसंत पंचमी के अवसर पर 03 फरवरी 2025 से होगी, और यह 10 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। इस दौरान यज्ञ स्थल पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन, प्रवचन, और पूजा - अर्चना का आयोजन होगा। भक्तगण इस दौरान अपने घरों से पवित्र जल, फूल, और अन्य पूजा सामग्री लेकर आ सकते हैं, ताकि यज्ञ में सम्मिलित हो सकें। यज्ञ के दौरान प्रत्येक दिन की शुरुआत मंत्रोच्चारण और भगवान विष्णु के भजन से होगी। इस दौरान संत-महात्मा, पंडितों और यज्ञाचार्यों द्वारा धार्मिक प्रवचन और कथा की जाएगी, जो लोगों के जीवन में सकारात्मक्ता और विश्वास को बढ़ावा देंगे।
*आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग*
यह यज्ञ हर भक्त के लिए एक अवसर है, जो उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और आत्मिक उन्नति प्राप्त करने का मार्ग दिखाएगा। जब लोग इस यज्ञ में सम्मिलित होंगे, तो उनका मन और आत्मा शांति और सौम्यता से भर जाएगा। धार्मिक कृत्य, मंत्र जाप और पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करेगा।
*स्थानीय समुदाय का योगदान*
इस आयोजन में क्षेत्र के सभी निवासियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। स्थानीय लोग इस यज्ञ के आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी श्रद्धा और समर्पण को दर्शा सकते हैं। साथ ही, यह आयोजन स्थानीय समुदाय को एकजुट करने का भी एक अवसर प्रदान करेगा, क्योंकि इस तरह के धार्मिक आयोजनों में लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं और सामाजिकता की भावना को बढ़ावा मिलता है। पोड़ी कला बी में आयोजित होने वाला श्री विष्णु महायज्ञ और 18 पुराणों का आयोजन एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है। इस आयोजन में सम्मिलित होकर क्षेत्रवासी न केवल धर्मलाभ प्राप्त करेंगे, बल्कि यह उन्हें अपने जीवन को सुधारने और समाज के कल्याण में योगदान करने का अवसर भी प्रदान करेगा। हम सभी से निवेदन है कि इस पावन यज्ञ में शामिल होकर धर्मलाभ अर्जित करें और अपने जीवन को सफल बनाएं।
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