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लोगों के दिलों में राज करने वाले अनिल बागरी को सिलौड़ी का मंडल अध्यक्ष बनाने की उठी मांग, अनिल सिंह बागरी जैसा नेता न हुआ न होगा जनता के दिलों में बसता हैं अनिल बागरी, गरीबों के मसीहा के रुप में करते हैं कार्य

 लोगों के दिलों में राज करने वाले अनिल बागरी को सिलौड़ी का मंडल अध्यक्ष बनाने की उठी मांग, अनिल सिंह बागरी जैसा नेता न हुआ न होगा जनता के दिलों में बसता हैं अनिल बागरी, गरीबों के मसीहा के रुप में करते हैं कार्य 




ढीमरखेड़ा | सिलौड़ी क्षेत्र के समीप स्थित ग्राम पंचायत खमरिया बागरी के सरपंच अनिल सिंह बागरी का नाम भाजपा संगठन में एक समर्पित, कर्तव्यनिष्ठ, और कर्मठ नेता के रूप में विशेष पहचान रखता है। राजनीतिक क्षेत्र में उनकी सक्रियता और प्रतिबद्धता ने उन्हें जनता और कार्यकर्ताओं के बीच एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया है। यही कारण है कि खमरिया बागरी सहित गौरा, कछार गांव बड़ा, इटौली, तिलमन, कुंसरी, और गनियारी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष बनाने की पुरजोर मांग उठाई है।

*राजनीतिक सफर की शुरुआत और उपलब्धियां*

अनिल सिंह बागरी ने मात्र 17 वर्ष की उम्र में सक्रिय राजनीति की शुरुआत की। 2004 से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में उन्होंने संगठन की विचारधारा और कार्यों को जमीनी स्तर पर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। उनके समर्पण और लगन ने उन्हें 2013 से 2016 तक सिलौड़ी मंडल उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। इस दौरान उन्होंने पार्टी संगठन के विस्तार और सुदृढ़ीकरण में उल्लेखनीय योगदान दिया। 2016 से 2019 तक अनुसूचित जाति के मंडल अध्यक्ष के रूप में अनिल सिंह बागरी ने अपने नेतृत्व कौशल और प्रबंधन क्षमता का परिचय दिया। उनकी कुशलता और प्रतिबद्धता के कारण पार्टी संगठन ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

*समाज में भूमिका और पहचान*

अनिल सिंह बागरी का योगदान केवल राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा। 2014 में बागरी समाज कटनी और जबलपुर जिला के उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने समाज के हित में उल्लेखनीय कार्य किए। उनकी कार्यशैली और समाज के प्रति उनकी सेवा भावना के कारण 2020 में बागरी समाज ने उन्हें कटनी और जबलपुर जिला का अध्यक्ष चुना। यह उनकी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक पहचान का प्रमाण है।

*ग्राम पंचायत में नेतृत्व*

खमरिया बागरी की जनता ने भी अनिल सिंह बागरी पर बार-बार विश्वास जताया है। 2005 में उपसरपंच, 2010 में उन्हें भारी बहुमत से सरपंच चुना गया। 2015 में आरक्षण के कारण सरपंच पद बदलने पर भी पंचों ने उन्हें उपसरपंच बनाया। यह उनके नेतृत्व कौशल और गांव के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। 2022 में फिर से खमरिया बागरी की जनता ने भारी मतों से उन्हें सरपंच चुना।

*मंडल अध्यक्ष पद की मांग*

भाजपा संगठन में लंबे समय से सक्रिय और समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले अनिल सिंह बागरी को सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष बनाने की मांग तेजी से बढ़ रही है। गौरा, खमरिया बागरी, कछार गांव बड़ा, इटौली, तिलमन, कुंसरी, और गनियारी के भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके पक्ष में खुलकर समर्थन जताया है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि अनिल सिंह बागरी का नेतृत्व संगठन को और अधिक मजबूत करेगा और जनता तक पार्टी की योजनाओं को प्रभावी रूप से पहुंचाने में मदद करेगा।

*नेतृत्व की विशेषताएं*

अनिल सिंह बागरी की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सरलता और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता है। वह न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बल्कि आम जनता के साथ भी गहराई से जुड़े हुए हैं। उनकी लोकप्रियता का मुख्य कारण उनका जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुनना और समाधान करना है।

*कार्यकर्ताओं की उम्मीदें और संगठन की जिम्मेदारी*

भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि अनिल सिंह बागरी जैसे समर्पित और कर्मठ नेता को मंडल अध्यक्ष बनाकर संगठन को नई ऊर्जा दी जा सकती है। उनके नेतृत्व में पार्टी न केवल सिलौड़ी मंडल में बल्कि पूरे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और मजबूती को और बढ़ा सकती है। अनिल सिंह बागरी का राजनीतिक और सामाजिक सफर उनकी कर्मठता, समर्पण, और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। जनता और कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए भाजपा संगठन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अनिल सिंह बागरी का मंडल अध्यक्ष बनना न केवल पार्टी के लिए लाभदायक होगा बल्कि क्षेत्र की जनता को भी उनकी समस्याओं का समाधान मिल सकेगा। उनकी नियुक्ति से संगठन को नया दृष्टिकोण और ऊर्जा मिलेगी, जिससे भाजपा को आगामी चुनौतियों से निपटने में सहायता मिलेगी।

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