ढीमरखेड़ा पुलिस और थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान सेवा, समर्पण और न्याय की मिसाल, लहू में लावा होगा उसके दिल में आग रही होगी लाठी लेकर कही जुल्म के पीछे भाग रही होगी , हम सपनो के रंग महल में आराम से सोते होगे तो वर्दी कहीं रात में जाग रही होगी
ढीमरखेड़ा पुलिस और थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान सेवा, समर्पण और न्याय की मिसाल, लहू में लावा होगा उसके दिल में आग रही होगी लाठी लेकर कही जुल्म के पीछे भाग रही होगी , हम सपनो के रंग महल में आराम से सोते होगे तो वर्दी कहीं रात में जाग रही होगी
ढीमरखेड़ा | जब हम अपने घरों में सुरक्षित और निश्चिंत होकर सोते हैं, तब कहीं न कहीं हमारी सुरक्षा का भार ढीमरखेड़ा जैसे क्षेत्रों के पुलिस अधिकारियों पर होता है। पुलिसकर्मियों की यही मेहनत, लगन और त्याग हमें न केवल सुरक्षित महसूस कराता है, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसी ही मिसाल पेश कर रहे हैं ढीमरखेड़ा थाने के थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान, जो न केवल कानून की रक्षा में जुटे हैं, बल्कि अपनी सेवा, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से समाज के लिए प्रेरणा बन गए हैं। मोहम्मद शाहिद खान के कार्यकाल को ढीमरखेड़ा क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाला माना जाता है। उनकी कार्यशैली में कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और न्यायप्रियता का अनूठा मिश्रण है। एक पुलिस अधिकारी के रूप में वे केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने अपने प्रयासों से समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त करने का भी काम किया।उनकी तत्परता और सेवा भाव का एक बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब भारी बारिश के कारण ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप छाया। कई लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए, सैकड़ों परिवार भोजन और पानी के लिए तरस रहे थे। ऐसे समय में थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने न केवल बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद की, बल्कि राहत कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
*रातों की नींद और दिन का आराम त्यागने वाले रक्षक*
“लहू में लावा होगा, उसके दिल में आग रही होगी; लाठी लेकर कहीं जुल्म के पीछे भाग रही होगी।” यह पंक्तियां सही मायने में मोहम्मद शाहिद खान और उनकी टीम पर लागू होती हैं। जब अपराधी रात के अंधेरे में अपने कृत्यों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, तब पुलिस अपनी नींद और आराम त्यागकर समाज की सुरक्षा के लिए जागती है। ढीमरखेड़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। यहां न केवल अपराध का स्वरूप बदलता है, बल्कि संसाधनों की कमी भी एक चुनौती बनती है। इसके बावजूद, मोहम्मद शाहिद खान ने यह साबित किया है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
*बाढ़ राहत कार्य में उत्कृष्ट योगदान*
हाल ही में, ढीमरखेड़ा में आई बाढ़ के दौरान मोहम्मद शाहिद खान का योगदान सराहनीय रहा। उन्होंने न केवल अपनी टीम को संगठित किया, बल्कि अपने नेतृत्व कौशल से यह सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर मदद मिले। बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, भोजन और दवाओं की व्यवस्था करने, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उनकी इस निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें राज्य शिक्षा एवं परिवहन मंत्री और कटनी जिले के प्रभारी उदय प्रताप सिंह, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, और पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी मेहनत का प्रतीक है, बल्कि यह उनके द्वारा समाज के प्रति किए गए योगदान की स्वीकृति भी है।
*अपराधियों में भय*
मोहम्मद शाहिद खान ने अपने कार्यों से यह दिखा दिया है कि एक पुलिस अधिकारी केवल अपराधियों को पकड़ने वाला नहीं होता, बल्कि वह समाज का एक अभिन्न अंग होता है। उन्होंने अपनी वर्दी का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया है। चाहे वह युवाओं को प्रेरित करना हो, बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाना हो, या फिर महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास हों, उन्होंने हर क्षेत्र में अपने कर्तव्यों से बढ़कर काम किया है।
*न्यायप्रियता और अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख*
अपराधियों के खिलाफ उनके सख्त रुख ने ढीमरखेड़ा क्षेत्र में अपराध की दर को कम करने में मदद की है। उनके नेतृत्व में पुलिस ने कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया है और अपराधियों को कानून के कटघरे में खड़ा किया है। उनकी इस सक्रियता ने न केवल अपराधियों में डर पैदा किया है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी पुलिस व्यवस्था में बढ़ाया है।
*एक पुलिस अधिकारी से अधिक*
मोहम्मद शाहिद खान केवल एक थाना प्रभारी नहीं हैं, वे समाजसेवक, मार्गदर्शक, और प्रेरणा के स्रोत हैं। उनकी ईमानदारी और निष्ठा ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया है। लोग उन्हें न केवल अपनी समस्याओं का समाधान करने वाला मानते हैं, बल्कि उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो हर समय उनके साथ खड़ा है।
*चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता की ओर*
एक पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी यात्रा चुनौतियों से भरी रही है। ढीमरखेड़ा जैसे क्षेत्र में काम करना, जहां अपराध, गरीबी, और संसाधनों की कमी प्रमुख समस्याएं हैं, वहां उन्होंने न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखा, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई।
*अधिकारियों और जनता का विश्वास*
उनके कार्यों को न केवल उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा है, बल्कि आम जनता ने भी उन्हें अपने दिलों में जगह दी है। उनकी कार्यशैली और सेवाभाव ने पुलिस और जनता के बीच की खाई को कम करने में मदद की है। मोहम्मद शाहिद खान का कार्यकाल केवल वर्तमान के लिए ही नहीं, बल्कि भविष्य के पुलिस अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और समर्पण से निभाएं, तो वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।ढीमरखेड़ा के थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने अपनी सेवा, समर्पण और न्यायप्रियता से यह सिद्ध कर दिया है कि पुलिस व्यवस्था केवल कानून लागू करने वाली संस्था नहीं है, बल्कि समाज की रक्षा और विकास में भी उसकी अहम भूमिका है। उनकी निस्वार्थ सेवा और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें न केवल ढीमरखेड़ा क्षेत्र में, बल्कि पूरे जिले में एक आदर्श पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया है। उनकी कहानी न केवल पुलिस विभाग के लिए, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा है। जब तक ऐसे अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे, तब तक समाज में न्याय और सुरक्षा का परचम लहराता रहेगा।
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