सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जनभागीदारी समिति शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा अध्यक्ष अटल बिहारी बाजपेई की अगुवाई में शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में जनभागीदारी समिति की बैठक हुई संपन्न, सदस्यों ने दिया सुझाव

 जनभागीदारी समिति शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा अध्यक्ष अटल बिहारी बाजपेई की अगुवाई में शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में जनभागीदारी समिति की बैठक हुई संपन्न, सदस्यों ने दिया सुझाव 




ढीमरखेड़ा | शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में जनभागीदारी समिति की बैठक का आयोजन जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अटल बिहारी बाजपेई एडवोकेट की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। यह बैठक शिक्षा और छात्र हितों से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने और महाविद्यालय के विकास के लिए प्रभावी निर्णय लेने के उद्देश्य से आयोजित की गई। बैठक में शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य सुनील बाजपेई, शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा के प्रभारी प्राचार्य रजनीश कुशवाहा, और जनभागीदारी समिति के विशेष आमंत्रित सदस्यगण जैसे शंकर तिवारी, पंडित सुरेश त्रिपाठी, विजय सोनी, रामखिलावन मिश्रा, ब्रजेश सोनी, स्वाति तिवारी, विनय ज्योतिषी (सरपंच सिमरिया), और जगदीश झारिया (सरपंच पोंडी कला बी) की उपस्थिति रही। महाविद्यालय स्टॉप के सुझावों और सामूहिक विचार-विमर्श से छात्र हित में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इस बैठक का उद्देश्य महाविद्यालय में चल रही शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा करना, छात्रों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाना था। साथ ही, महाविद्यालय के बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए संभावित योजनाओं पर चर्चा की गई।महाविद्यालय में छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त कक्षाओं की आवश्यकता पर विचार किया गया। लाइब्रेरी के विस्तार और उसमें नवीनतम पुस्तकों और डिजिटल संसाधनों को जोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया।महाविद्यालय परिसर में पेयजल सुविधा और शौचालयों के रखरखाव को प्राथमिकता दी गई। शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से गेस्ट लेक्चर और सेमिनार आयोजित करने का निर्णय लिया गया। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग सत्र प्रदान करने की योजना बनाई गई। महाविद्यालय के शिक्षकों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। छात्रों के लिए सस्ती दरों पर कैंटीन की व्यवस्था करने का प्रस्ताव पारित किया गया। खेलकूद गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता के प्रावधान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया। महाविद्यालय की गतिविधियों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। ग्राम पंचायतों के सहयोग से महाविद्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया गया।महाविद्यालय में नई कक्षाओं के निर्माण के लिए जनभागीदारी निधि का उपयोग किया जाएगा। छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए कंप्यूटर लैब को अपग्रेड किया जाएगा। महाविद्यालय में वृक्षारोपण अभियान चलाकर हरित परिसर बनाने की पहल की जाएगी। छात्रों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाएगी। महाविद्यालय में नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे।

*आमंत्रित सदस्यों ने भी रखा अपना सुझाव*

विशेष आमंत्रित सदस्यगण ने अपनी-अपनी विशेषज्ञता के आधार पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। शंकर तिवारी और पंडित सुरेश त्रिपाठी ने महाविद्यालय के सांस्कृतिक और शैक्षणिक विकास के लिए सुझाव दिए। विजय सोनी और रामखिलावन मिश्रा ने महाविद्यालय के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उपाय बताए। ब्रजेश सोनी और स्वाति तिवारी ने छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने पर बल दिया। छात्र हित को सर्वोपरि मानते हुए समिति ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इनमें लाइब्रेरी के समय को बढ़ाने, छात्रों को इंटरनेट सुविधाएं उपलब्ध कराने, और मेधावी छात्रों को सम्मानित करने की योजना शामिल है। इसके अलावा, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए विशेष सहायता कार्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। 

*महाविद्यालय स्टॉप की भागीदारी*

महाविद्यालय के स्टॉप ने बैठक में सक्रिय भागीदारी दिखाई और छात्रों की समस्याओं को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों और सुविधाओं की मांग की। यह बैठक महाविद्यालय के विकास और छात्रों के हितों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। जनभागीदारी समिति की सक्रियता और स्थानीय समुदाय के सहयोग से शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा को एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।

टिप्पणियाँ

popular post

उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

 उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं ढीमरखेड़ा | उमरियापान क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत हैं लेकिन यहां के लोग अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहरों से गहरे जुड़े हुए हैं। इस विवाह ने न केवल दो परिवारों को एक किया, बल्कि गाँव की सामाजिक स्थिति और सामूहिक उत्सवों की परंपरा को भी उजागर किया। आदित्य और जूही का विवाह एक ऐसे मिलन का प्रतीक था जो भविष्य में गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं । आदित्य, उमरियापान के सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र हैं। उनके पिता ने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आदित्य ने भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। वह एक मेहनती, ईमानदार, और समर्पित व्यक्ति हैं। वहीं, जूही एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवती हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व ने उन्हें समाज मे...

पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी

 पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी ढीमरखेड़ा | पिड़रई की निवासी वकील स्वाति तिवारी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का जज़्बा रखते हैं। बचपन से लेकर वकालत की शिक्षा पूरी करने तक, स्वाति तिवारी का सफर कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश की है। *संघर्षों से भरा बचपन* स्वाति तिवारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता। उनके पिता जिनकी आय इतनी नहीं थी कि परिवार की सभी जरूरतें पूरी कर सकें। बचपन में स्वाति को पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। किताबो के लिए पैसे जुटाना उनके लिए हमेशा एक चुनौती रही। लेकिन स्वाति ने कभी हार नहीं मानी। उनके दृढ़ निश्चय और पढ़ाई के प्रति जुनून ने उन्हें अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रखा। उनके शिक्षकों ने भी उनकी प्रतिभा और मेहनत को पहचाना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की। *शिक्षा और वकालत का सपना* स्वाति को बचप...

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े, बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े,  बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित ढीमरखेड़ा | धीरेंद्र बहादुर सिंह, जो वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हैं, ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने बच्चियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े वितरित किए और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उनके इस कदम ने न केवल बच्चियों को सर्दी से राहत दी, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया। इसके साथ ही, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने इन बच्चियों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए उनके पैर पड़कर आशीर्वाद लिया, जो उनके सरल और सच्चे दिल की भावना को दर्शाता है। विधायक ने इस दौरान बच्चियों से कहा कि "मैं विधायक नहीं, बल्कि आपका बड़ा भाई हूं", इस संदेश के साथ उन्होंने बच्चियों को विश्वास दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। उनके इस वक्तव्य ने बच्चियों के दिलों में एक नया आत्मविश्वास भरा और उनके सामने एक नायक का उदाहरण प्रस्तुत किया। व...