ढीमरखेड़ा में किए भ्रष्टाचार का परिणाम जबलपुर में जाकर भोग रहे अधिकारी ढीमरखेड़ा जैसे कार्य जबलपुर में किए तो निपटाए जा रहे हैं, ढीमरखेड़ा के अगर दूसरे अधिकारी जबलपुर स्थानांतरण करवाना चाहते हैं तो निश्चित ही वो भी निपटेगे , रिश्वतकांड मामला, शहपुरा एसडीएम रही नदीमा शीरी की भूमिका संदिग्ध, जल्द गिरेजी निलंबन की गाज, लोकायुक्त शहपुरा एसडीएम पर दर्ज करेंगी भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला रिश्वतकांड के बाद ड्राईवर और किसान का आडियो हुआ वायरल
ढीमरखेड़ा में किए भ्रष्टाचार का परिणाम जबलपुर में जाकर भोग रहे अधिकारी ढीमरखेड़ा जैसे कार्य जबलपुर में किए तो निपटाए जा रहे हैं, ढीमरखेड़ा के अगर दूसरे अधिकारी जबलपुर स्थानांतरण करवाना चाहते हैं तो निश्चित ही वो भी निपटेगे , रिश्वतकांड मामला, शहपुरा एसडीएम रही नदीमा शीरी की भूमिका संदिग्ध, जल्द गिरेजी निलंबन की गाज, लोकायुक्त शहपुरा एसडीएम पर दर्ज करेंगी भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला रिश्वतकांड के बाद ड्राईवर और किसान का आडियो हुआ वायरल
ढीमरखेड़ा। शहपुरा एसडीएम नदीमा शीरी के ड्राइवर को लोकायुक्त पुलिस के द्वारा किसान से डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद सिर्फ ड्राइवर पर की गई कार्यवाही से सवाल खड़े होने लगे हैं। किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ ने प्रशासन के द्वारा की गई कार्यवाही के बाद एसडीएम नदीमा शीरी के निलंबन व उनकी संपत्ति की जाँच की माँग की है। वहीं जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मामले की जानकारी मिलते ही तत्काल प्रभाव से एसडीएम को शहपुरा अनुविभाग से हटाकर मुख्यालय में पदस्थ कर दिया है और प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को शहपुरा अनुविभाग का अतिरिक्त प्रभार देने के निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि लोकायुक्त से प्राप्त होने वाले जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अगर भूमिका संदिग्ध पाई जाती है या कुछ जाँच संबंधी बिंदु उभर कर सामने आते हैं तो निश्चित रूप से विभागीय जाँच भी करवाई जाएगी। वर्तमान में लोकायुक्त की जाँच जारी है और वह जाँच के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं जैसे साक्ष्य सामने आएंगे उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच लोकायुक्त के द्वारा ट्रैप किये गये ड्राईवर और किसान का आडियो भी वायरल हो रहा है जो यह साबित कर रहा है कि रिश्वत के मामले में और भी कई किरदार बाकी है जिन पर लोकायुक्त जल्द ही मामला दर्ज करेंगी। चूंकि एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का औहदा इतना बड़ा नहीं होता कि वह डेढ़ लाख रूपये की रिश्वत ले, कही न कहीं शहपुरा एसडीएम रही नदीमा शीरी की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। ड्राईवर के द्वारा दिये गये बयानों को आधार बनाकर लोकायुक्त के द्वारा आगे की कार्यवाही की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को कुछ ऐसे सबूत मिले है जिससे यह स्पष्ट होता है कि एसडीएम के इशारे पर ड्राईवर के द्वारा रिश्वत ली गई है। लोकायुक्त के द्वारा ट्रेप की कार्यवाही के उपरांत जबलपुर कलेक्टर के द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुये ड्राईवर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुये एसडीएम नदीमा शीरी को भी शहपुरा एसडीएम के पद से हटाते हुये कलेक्टर कार्यालय अटैच किया है।
भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में अधिकारी व कर्मचारियों को समाप्त करने की आवश्यकता है। पटवारी,आर,आई, एस डी एम, कलेक्टर,सब पकड़ में आ रहें हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही शर्मनाक
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