लोगों के दिलों में राज करने वाले बड़वारा विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को लिखा पत्र, जनपद ढीमरखेड़ा के बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए की आवास की मांग, योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने भी विधायक के साथ किया था क्षेत्र का दौरा
लोगों के दिलों में राज करने वाले बड़वारा विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को लिखा पत्र, जनपद ढीमरखेड़ा के बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए की आवास की मांग, योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने भी विधायक के साथ किया था क्षेत्र का दौरा
ढीमरखेड़ा | बड़वारा विधानसभा के जनपद ढीमरखेड़ा में 24 से 25 जुलाई 2024 को हुई भारी वर्षा और अतिवृष्टि ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। इस दौरान न केवल लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए बल्कि उनके जीवनयापन के साधनों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
*हर कार्य को लेकर रहते हैं सजग*
ढीमरखेड़ा जनपद में 24-25 जुलाई को हुई भारी वर्षा से पोड़ी खुर्द, सिमरिया, पोड़ी कला, छोटा कछारगांव, पिपरिया शुक्ल, घुघरी, घुघरा, परसवारा, टोपी, बनहरी, ठिर्री, धौरेसर, सिलौड़ी, घाना और सुनारखेड़ा जैसे 15 गांवों में व्यापक क्षति हुई। इन गांवों के सैकड़ों परिवारों के मकान पूरी तरह से ढह गए, जिससे वे बेघर हो गए। अनेक स्थानों पर पानी के तेज बहाव ने खेती की जमीन, फसल और अन्य परिसंपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया।
*विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह का प्रयास*
क्षेत्र की जनता के दर्द को समझते हुए विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने तुरंत प्रभाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वहां की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने देखा कि प्रभावित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। उनके पास न तो पुनर्निर्माण के लिए संसाधन हैं और न ही अस्थायी आश्रय की सुविधा।विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को एक विस्तृत पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने यह अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जाए, जिनके घर इस आपदा में पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। अतिवृष्टि के कारण न केवल मकान ढहे हैं, बल्कि इससे जुड़े कई सामाजिक और आर्थिक संकट भी उत्पन्न हुए हैं। प्रभावित लोग अब अस्थायी आश्रयों में या खुले में रह रहे हैं, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। विधायक ने सुझाव दिया कि जिन परिवारों के घर गिर गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शीघ्रता से नए घर दिए जाएं।
*योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने भी क्षेत्र का किया दौरा*
उन्होंने भी विधायक से आग्रह किया कि प्रभावित परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था की जाए। उनका यह मानना था कि यदि समय पर मदद नहीं पहुंची, तो ये परिवार और अधिक कष्ट झेलने को मजबूर होंगे। बड़वारा विधानसभा के जनपद ढीमरखेड़ा में अतिवृष्टि से हुई तबाही ने यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाएं किस प्रकार आम जनता के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में न केवल समस्या की गंभीरता का वर्णन किया गया है, बल्कि इसके समाधान के लिए ठोस सुझाव भी दिए गए हैं। तहसील अंतर्गत बाढ़ की विभीषका से गुजरे दर्जनों गांवों में बाढ़ के जख्म आज भी नजर आ रहे है। प्रशासन के द्वारा इस संबंध में सर्वे कराकर मुआवजे का वितरण भी कर दिया गया है लेकिन कई लोगों को अब भी मुआवजा नहीं मिला है। इस संबंध में क्षेत्रीय नागरिकों के द्वारा विधायक धीरेन्द्र सिंह एवं योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर को अवगत कराया गया था। जिसके तारतम्य में विगत दिवस भोपाल प्रवास के दौरान विधायक ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को ढीमरखेड़ा तहसील में आई बाढ़ से अवगत कराकर बाढ़ से प्रभावित हुये गांव पोडीखुर्द, सिमरिया, पोडीकलां, छोटा कछारगाँव, पिपरिया शुक्ल, घुघरी, घुघरा, परसवारा, टोपी, बनहरी, ठिरी, धौरेसर, सिलौडी, घाना, सुनारखेड़ा के वाशिंदों को मुआवजा देने की मांग की है। विधायक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि 15 ग्राम व हजारों की संख्या में परिवार प्रभावित हुए है। निवासरत् लोगों का अर्थिक नुकसान हुआ है। लिहाजा पुन: सर्वे कराकर पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक व जिन पीड़ित परिवारों के आवास गिर गये है उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास प्रदान कर दिया जावे। जिससे काफी हद तक ग्रामीणों को मदद मिलेगी।
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