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सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ की प्राकृतिक सुंदरता सबका मन मोह लेती हैं, सभी भक्तों की होती हैं मनोकामना पूर्ण, प्रभु के होते हैं प्रत्यक्ष दर्शन

 सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ की प्राकृतिक सुंदरता सबका मन मोह लेती हैं, सभी भक्तों की होती हैं मनोकामना पूर्ण, प्रभु के होते हैं प्रत्यक्ष दर्शन 



ढीमरखेड़ा | सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़, जिसे लोढ़ा वाले संत के नाम से भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है। इस पवित्र स्थल की पहचान न केवल इसकी धार्मिक महत्ता से है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे भक्तों के लिए एक अद्वितीय धाम बनाती है। यहां स्थित मंदिर श्री श्री 1008 सीता शरण जी महाराज को समर्पित है, जिन्हें लोग "कटाव वाले महाराज" के नाम से भी जानते हैं। यह स्थान अपनी अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति और अलौकिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। लोढ़ा पहाड़ का इतिहास कई दशकों पुराना है। कहा जाता है कि इस स्थान पर संत लोढ़ा धाम वाले महाराज ने तपस्या की थी और यहां उन्हें सिद्धि प्राप्त हुई। उनकी कठोर तपस्या और आध्यात्मिक साधना ने इस पहाड़ को एक दिव्य ऊर्जा का केंद्र बना दिया। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां आकर हर व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। श्री श्री 1008 सीता शरण जी महाराज का यहां स्थित मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, यहां तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन ऊंचाई पार करनी पड़ती है। इस चढ़ाई के दौरान भक्तजन भगवान के नाम का जाप करते हुए अपनी भक्ति को और गहरा करते हैं। पहाड़ी की ऊंचाई पर पहुँचकर भक्तों को एक अद्वितीय शांति और संतोष का अनुभव होता है।

*मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएँ*

सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ पर स्थित मंदिर की वास्तुकला भी इसकी खासियत है। पारंपरिक शैली में निर्मित यह मंदिर स्थानीय पत्थरों और प्राकृतिक सामग्री से बना है। मंदिर परिसर में भगवान राम, सीता, और हनुमान जी की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। मंदिर के चारों ओर हरियाली और पहाड़ी परिदृश्य इसे और भी मनमोहक बनाते हैं। यहां का वातावरण हमेशा शांत और स्वच्छ रहता है, जो लोगों को उनके सांसारिक जीवन के तनावों से मुक्त करता है।

*सीताराम की धुन सबका मन - मोह लेती हैं* 

साल भर यहां धार्मिक आयोजनों की धूम रहती है। विशेष रूप से रामनवमी, हनुमान जयंती, और गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। इन आयोजनों के दौरान यहां विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन यहां का मेला अत्यंत प्रसिद्ध है। इस दिन भक्तजन अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन लोढ़ा पहाड़ की चोटी पर पहुँचकर प्रार्थना करने से भक्तों की सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।

*प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरणीय महत्व*

लोढ़ा पहाड़ केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक अद्भुत प्राकृतिक स्थान भी है। पहाड़ की ऊंचाई और चारों ओर फैली हरियाली यहां के वातावरण को शांत और पवित्र बनाती है। सुबह और शाम के समय पहाड़ से दिखने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। यहां की जलवायु भी बेहद सुखद है, जो हर मौसम में भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती है। बारिश के मौसम में पहाड़ और भी हरा-भरा हो जाता है, जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है।

*आध्यात्मिक अनुभव और चमत्कारिक घटनाएँ*

सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ के बारे में कहा जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभव होते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार भक्तों ने यहां चमत्कारिक घटनाओं का अनुभव किया है। कुछ लोगों का कहना है कि यहां की प्रार्थना से उन्हें असाध्य रोगों से मुक्ति मिली, जबकि अन्य लोग इसे अपने मानसिक तनाव और जीवन की कठिनाइयों से राहत पाने का स्थान मानते हैं। मंदिर के पुजारी और स्थानीय निवासी यह भी बताते हैं कि इस स्थान पर की गई तपस्या और साधना से हर किसी को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। यही कारण है कि यहां न केवल स्थानीय भक्त, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आते हैं। सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ तक पहुँचने के लिए जबलपुर से सिहोरा तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। सिहोरा से यह स्थल लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक पहुँचने के लिए स्थानीय बसें और टैक्सी भी उपलब्ध हैं। पहाड़ की तलहटी तक वाहन पहुँच सकते हैं, लिहाज़ा इस चढ़ाई में आने वाली कठिनाई भक्तों के उत्साह को कम नहीं करती, बल्कि उनकी भक्ति को और प्रगाढ़ करती है।

*हमेशा भक्तो का लगा रहता हैं तांता*

सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को आय के अवसर मिलते हैं। मंदिर परिसर के पास छोटे-छोटे स्टॉल पर प्रसाद, फूल-मालाएँ, और अन्य धार्मिक वस्तुएँ बिकती हैं। इसके अलावा, यह स्थल स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां आने वाले भक्तों को स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर मिलता है गौरतलब हैं कि सिद्धन लोढ़ा पहाड़ न केवल मध्य प्रदेश का एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून का स्थान भी है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व, और अलौकिक ऊर्जा इसे हर व्यक्ति के लिए एक विशेष अनुभव बनाते हैं। यह स्थान हमें यह सिखाता है कि कठिनाई और परिश्रम के बाद ही वास्तविक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं के लिए यह पहाड़ एक ऐसी जगह है, जहां वे अपनी आत्मा को पुनः जीवंत कर सकते हैं और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। सिद्धन धाम लोढ़ा पहाड़ की यात्रा हर किसी के जीवन में एक अमिट छाप छोड़ती है, और यही कारण है कि यह स्थल सदैव श्रद्धालुओं और पर्यटकों का पसंदीदा स्थान रहेगा।

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