जो व्यक्ति पद का चुनाव करता हैं वह अपनी सुविधा के अनुसार पदों के दायित्व व्यक्ति को देता हैं, हर पद में व्यक्ति का स्वार्थ छिपा होता हैं, होनहार लोगों को पद देने से परहेज किया जाता हैं, होनहार लोगों को पद न मिलने से प्रतिभा होती हैं खत्म, प्रतिभा के हिसाब से पद का होना चाहिए चयन
जो व्यक्ति पद का चुनाव करता हैं वह अपनी सुविधा के अनुसार पदों के दायित्व व्यक्ति को देता हैं, हर पद में व्यक्ति का स्वार्थ छिपा होता हैं, होनहार लोगों को पद देने से परहेज किया जाता हैं, होनहार लोगों को पद न मिलने से प्रतिभा होती हैं खत्म, प्रतिभा के हिसाब से पद का होना चाहिए चयन
ढीमरखेड़ा | पद और पद का चुनाव सदैव से समाज और संगठनों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। पद किसी व्यक्ति की जिम्मेदारी और कर्तव्य को परिभाषित करता है, लेकिन दुर्भाग्यवश, अधिकतर पदों का वितरण आजकल योग्यता या प्रतिभा के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थ और संबंधों के आधार पर हो रहा है। इससे न केवल योग्य व्यक्तियों की उपेक्षा होती है, बल्कि संस्थाओं और समाज की प्रगति भी बाधित होती है। पद एक ऐसा माध्यम है जो किसी संगठन, समाज, या देश के कार्यों को संचालित करने में मदद करता है। यह नेतृत्व और प्रबंधन का आधार होता है। सही व्यक्ति को सही पद मिलने से न केवल कार्यकुशलता बढ़ती है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा मिलती है। जब पद का चयन प्रतिभा के आधार पर होता है, तो इसके दूरगामी परिणाम अत्यंत लाभदायक होते हैं।
*पद चयन में स्वार्थ की भूमिका*
आज के समय में, अधिकांश पद चयन व्यक्तिगत स्वार्थ, राजनीति, और संबंधों के आधार पर होता है। नेता और अधिकारी अपने करीबी लोगों को पद देना पसंद करते हैं, भले ही वह व्यक्ति उस पद के लिए अयोग्य क्यों न हो। इस प्रक्रिया में, होनहार और योग्य लोगों की उपेक्षा होती है।पद अक्सर उन लोगों को दिया जाता है जिनका चयनकर्ता से करीबी रिश्ता होता है। कई बार पद खरीद-फरोख्त का माध्यम बन जाता है, जहां धन के बल पर अयोग्य व्यक्तियों को जिम्मेदारियां सौंप दी जाती हैं। पदों का उपयोग राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया जाता है। होनहार व्यक्तियों को पद से वंचित रखने के पीछे ईर्ष्या भी एक बड़ा कारण है। प्रतिभा की उपेक्षा से होने वाले नुकसान जब किसी संगठन या समाज में होनहार लोगों को उचित पद नहीं दिए जाते, तो इसका प्रभाव व्यापक और गहरा होता है। योग्य व्यक्ति बिना अवसर के अपनी क्षमताओं का उपयोग नहीं कर पाते। जब मेहनत और योग्यता का सम्मान नहीं होता, तो समाज में असंतोष फैलता है। अयोग्य व्यक्तियों के पद ग्रहण करने से कार्यों की गुणवत्ता और गति प्रभावित होती है। जब युवा देखते हैं कि प्रतिभा की कद्र नहीं होती, तो वे मेहनत करने से कतराते हैं।
*ऊंची उड़ान भरने के लिए योग्यता की ज़रूरत*
पद का चयन केवल संबंधों या स्वार्थ के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्ति की योग्यता और प्रतिभा को ध्यान में रखकर करना चाहिए। सही व्यक्ति को सही पद पर नियुक्त करने से संगठन और समाज दोनों लाभान्वित होते हैं। प्रतिभावान व्यक्ति अपने ज्ञान और अनुभव से कार्यों को कुशलतापूर्वक संपन्न करता है। जब लोग देखते हैं कि पदों का वितरण निष्पक्षता से हो रहा है, तो उनके अंदर संगठन और समाज के प्रति विश्वास बढ़ता है। होनहार व्यक्तियों को मौका देने से नए विचार और तकनीकों का विकास होता है।
*पद चयन में पारदर्शिता और निष्पक्षता होनी चाहिए*
पद चयन के लिए योग्यता और अनुभव के स्पष्ट मापदंड निर्धारित होने चाहिए। चयन प्रक्रिया को सार्वजनिक और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। चयन में व्यक्तिगत संबंधों और राजनीति से बचा जाना चाहिए। पद चयन करने वालों को उनके निर्णयों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। चयन प्रक्रिया में केवल प्रतिभा और योग्यता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पद केवल एक नाम या उपाधि नहीं, बल्कि यह समाज और संगठन की नींव है। यदि पद का चयन स्वार्थ के आधार पर होता रहा, तो यह प्रतिभा का ह्रास और समाज का पतन सुनिश्चित करेगा। सही पद के लिए सही व्यक्ति का चयन न केवल संगठन की सफलता का आधार है, बल्कि समाज की उन्नति का मार्ग भी है। लिहाज़ा हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पद चयन में निष्पक्षता, पारदर्शिता, और प्रतिभा का सम्मान हो। तभी समाज में सच्चे अर्थों में प्रगति और समृद्धि संभव है।
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