थाना ढीमरखेड़ा की प्रभावी कार्रवाई, अवैध मादक पदार्थ गांजा के साथ आरोपी की गिरफ्तारी
ढीमरखेड़ा | मादक पदार्थों का अवैध व्यापार समाज के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इस व्यापार से युवा पीढ़ी को प्रभावित करने वाले कई मामले सामने आए हैं, जिससे न केवल व्यक्तियों का भविष्य खतरे में पड़ता है बल्कि समाज की संरचना भी कमजोर होती है। ऐसे में कटनी जिले के पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के नेतृत्व में मादक पदार्थों के व्यापार में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान ने एक बड़ा कदम उठाया है। कटनी जिले के पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने के लिए अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया और एसडीओपी स्लीमनाबाद अखिलेश गौर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा, निरीक्षक मोहम्मद शाहिद ने एक विशेष टीम का गठन किया। दिनांक 16 नवंबर 2024 को, इस अभियान के तहत थाना ढीमरखेड़ा की पुलिस टीम ने ग्राम पहरूआ में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना प्राप्त की। इस सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने अखराड़ रोड पर संदिग्ध व्यक्ति की घेराबंदी की।
*आरोपी की गिरफ्तारी*
पुलिस की कार्रवाई के दौरान, संदिग्ध व्यक्ति ने पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे घेरकर पकड़ लिया। आरोपी की पहचान रमेश प्रसाद सोनी, उम्र 42 वर्ष, निवासी ग्राम कौड़िया, थाना चंदिया, जिला उमरिया के रूप में हुई। तलाशी के दौरान, आरोपी के पास से 1 किलो 250 ग्राम अवैध मादक पदार्थ गांजा बरामद किया गया। यह गांजा उसकी मोटरसाइकिल (हीरो एच.एफ. डीलक्स) की डिक्की में गेरूआ रंग के गमछे में लिपटा हुआ मिला। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी के पास से बरामद अवैध गांजा और मोटरसाइकिल को जप्त कर लिया। आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 462/24 के तहत धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई।
*पुलिस टीम का योगदान*
इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद शाहिद के साथ-साथ उप निरीक्षक एम.एल. करण, आरक्षक देवेन्द्र अहिरवार, आरक्षक पंकज सिंह और आरक्षक अजय धुर्वे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कुशलता, तत्परता और टीम वर्क ने इस अभियान को सफल बनाया।
*मादक पदार्थों के खिलाफ चुन - चुनके होगी कार्रवाई*
यह कार्रवाई केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी भर नहीं है, बल्कि यह समाज में मादक पदार्थों के खिलाफ एक सख्त संदेश भी है। मादक पदार्थों का व्यापार युवाओं को अपराध और नशे की दलदल में धकेलता है, जिससे उनका व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन बर्बाद हो सकता है। ऐसे में, पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल कानून के पालन का उदाहरण है बल्कि समाज को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।इस मामले में आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों के लिए सख्त प्रावधान करता है। इस कानून के तहत, दोषी पाए जाने पर आरोपी को कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें लंबी सजा और भारी जुर्माना शामिल है।
*एक के ऊपर हुई कार्यवाही सभी अपराधी दहशत में*
मादक पदार्थों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई तभी प्रभावी हो सकती है, जब समाज इस समस्या के प्रति जागरूक हो। इसके लिए जनसहभागिता, शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम, और सामाजिक संगठनों की भागीदारी जरूरी है। इस तरह के अभियानों से लोग न केवल मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों को समझ सकते हैं, बल्कि उनके खिलाफ खड़े होने का साहस भी कर सकते हैं। थाना ढीमरखेड़ा की यह कार्रवाई पुलिस की प्रतिबद्धता और कुशलता को दर्शाती है। थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा मोहम्मद शाहिद खान के नेतृत्व में पुलिस ने मादक पदार्थों के खिलाफ जिस दृढ़ता और प्रभावी रणनीति का प्रदर्शन किया है, वह अन्य पुलिस इकाइयों के लिए भी प्रेरणादायक है। ऐसी कार्रवाइयों से न केवल अपराधियों पर नकेल कसी जा सकती है, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय का भरोसा भी मजबूत किया जा सकता है। इस कार्रवाई ने यह साबित किया है कि पुलिस और समाज के संयुक्त प्रयास से मादक पदार्थों के खतरे को रोका जा सकता है। यह घटना उन तमाम पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रेरणा है, जो समाज को सुरक्षित और अपराधमुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
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