उमरियापान खेल मैदान में अस्पताल निर्माण के विरोध में जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने कलेक्टर को लिखा पत्र, खेल और स्वास्थ्य के संतुलन की आवश्यकता, ऐसा जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे जैसा न हुआ न होगा, हर कार्य को लेकर रहती हैं सजग
उमरियापान खेल मैदान में अस्पताल निर्माण के विरोध में जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने कलेक्टर को लिखा पत्र, खेल और स्वास्थ्य के संतुलन की आवश्यकता, ऐसा जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे जैसा न हुआ न होगा, हर कार्य को लेकर रहती हैं सजग
ढीमरखेड़ा | उमरियापान का शासकीय खेल मैदान, जो खसरा नंबर 780/2 पर स्थित है, वर्षों से न केवल खेल-कूद के आयोजनों के लिए प्रसिद्ध रहा है, बल्कि यह स्थानीय बच्चों और खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्थल भी है। खेल मैदान का महत्व केवल भौतिक संरचना तक सीमित नहीं है, यह मानसिक और शारीरिक विकास का आधार है। ऐसे में इस खेल मैदान पर अस्पताल निर्माण की योजना न केवल खिलाड़ियों और छात्रों की भावनाओं को आहत करती है, बल्कि खेल के विकास के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की एक गंभीर चूक है। जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में इस विषय को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से उठाया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि उमरियापान के इस खेल मैदान को बचाए रखना आवश्यक है, क्योंकि यह न केवल स्थानीय खेल गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि संतोष ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों का मंच भी रहा है। इसके अलावा, यह मैदान स्कूली बच्चों के लिए खेल प्रशिक्षण और मनोरंजन का मुख्य स्रोत है।
*सुनीता संतोष दुबे जैसा अध्यक्ष न हुआ न होगा, हर कार्य को लेकर रहती हैं सजग*
उमरियापान खेल मैदान ने वर्षों से संतोष ट्रॉफी जैसे आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जिसमें अन्य जिलों के खिलाड़ी भी हिस्सा लेते रहे हैं। यह मैदान स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और खेलों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र का नाम रोशन करने का साधन रहा है। खेल मैदान केवल मनोरंजन का साधन नहीं होता, यह बच्चों और युवाओं के लिए अनुशासन, टीमवर्क, और शारीरिक स्वास्थ्य का केंद्र होता है। उमरियापान का खेल मैदान इन मूल्यों को बढ़ावा देने में सफल रहा है। इसके अलावा, इस मैदान से जुड़े खिलाड़ी, कोच, और स्थानीय लोग इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर मानते हैं। यह मैदान एक ऐसा स्थान है जहां न केवल खेल, बल्कि सामाजिक मेल-मिलाप और सामुदायिक भावना को भी प्रोत्साहन मिलता है।
*अस्पताल निर्माण की आवश्यकता और स्थान का चयन*
कोई भी यह इनकार नहीं करेगा कि अस्पताल का निर्माण एक समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि यह जनता की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। लेकिन इसके लिए स्थान का चयन अत्यंत सावधानी और दूरदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। जनपद अध्यक्ष ने अपने पत्र में यह सुझाव दिया है कि खेल मैदान को नष्ट करने के बजाय, पास के पकरिया में उपलब्ध शासकीय भूमि पर अस्पताल का निर्माण किया जा सकता है। पकरिया की भूमि खेल मैदान के मुकाबले अधिक उपयुक्त हो सकती है, क्योंकि यह शासकीय संपत्ति है और वहां निर्माण कार्य से किसी खेल गतिविधि को नुकसान नहीं होगा। इसके अतिरिक्त, वर्तमान में उमरियापान अस्पताल खेल मैदान के पास स्थित है। ऐसे में, पास की भूमि का उपयोग कर अस्पताल का विस्तार किया जा सकता है, जिससे खेल मैदान को सुरक्षित रखा जा सके और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विकास हो सके।
*शासन की मंशा और निर्णय का प्रभाव*
शासन की मंशा अक्सर जनता की भलाई के लिए होती है, लेकिन कभी-कभी निर्णय लेने में जमीन पर स्थिति का सही आकलन नहीं हो पाता। खेल मैदान को नष्ट करके अस्पताल का निर्माण करना एक ऐसा निर्णय प्रतीत होता है, जो दूरगामी परिणामों को नजरअंदाज करता है।खेल मैदान को नष्ट करने का निर्णय न केवल स्थानीय बच्चों और खिलाड़ियों की भावनाओं को आहत करेगा, बल्कि यह क्षेत्र के खेल विकास को भी बाधित करेगा। इसके अलावा, यह फैसला संतोष ट्रॉफी जैसे आयोजनों को बंद करने की ओर भी ले जा सकता है, जिससे उमरियापान की पहचान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
*स्थानीय समुदाय और खिलाड़ियों की भावनाएं*
खेल मैदान का मुद्दा केवल संरचना का नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय और खिलाड़ियों की भावनाओं का भी है। जब किसी स्थान से जुड़ी यादें और सपने नष्ट होते हैं, तो यह केवल संरचना का नुकसान नहीं होता, बल्कि समाज की आत्मा पर भी चोट लगती है। उमरियापान के स्थानीय खिलाड़ी और स्कूली बच्चे इस खेल मैदान को न केवल एक स्थान, बल्कि एक प्रेरणा के रूप में देखते हैं। खेल मैदान को बचाए रखने के लिए जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे की पहल इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय नेतृत्व इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है। पास के पकरिया में उपलब्ध शासकीय भूमि पर अस्पताल का निर्माण करना एक व्यवहारिक समाधान है। यह स्थान अस्पताल निर्माण के लिए उपयुक्त है और खेल मैदान को बचाने का भी एक तरीका है। वर्तमान अस्पताल के पास की भूमि का उपयोग करके अस्पताल का विस्तार किया जा सकता है। इससे खेल मैदान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विकास होगा। इस निर्णय में स्थानीय समुदाय, खिलाड़ियों, और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो भी निर्णय लिया जाए, वह जनता की इच्छाओं और भावनाओं के अनुरूप हो। शासन को इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराते हुए खेल मैदान को बचाने और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए आग्रह किया जाना चाहिए। उमरियापान खेल मैदान पर अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव न केवल खेल गतिविधियों को बाधित करेगा, बल्कि यह स्थानीय समुदाय और खिलाड़ियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाएगा। जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे द्वारा उठाई गई इस पहल से यह स्पष्ट है कि खेल मैदान को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।खेल और स्वास्थ्य दोनों समाज के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इन दोनों के बीच संतुलन बनाना सरकार और समाज की जिम्मेदारी है। पकरिया जैसे स्थान का उपयोग करके अस्पताल निर्माण करना इस समस्या का सबसे उपयुक्त समाधान हो सकता है। इससे खेल मैदान भी सुरक्षित रहेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विकास होगा। यह समय है कि शासन, जनप्रतिनिधि, और स्थानीय समुदाय मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालें ताकि उमरियापान न केवल अपने खेल मैदान के लिए जाना जाए, बल्कि एक ऐसे स्थान के रूप में भी पहचाना जाए, जहां खेल और स्वास्थ्य दोनों को समान महत्व दिया जाता है।
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