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उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

 उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं



ढीमरखेड़ा | उमरियापान क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत हैं लेकिन यहां के लोग अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहरों से गहरे जुड़े हुए हैं। इस विवाह ने न केवल दो परिवारों को एक किया, बल्कि गाँव की सामाजिक स्थिति और सामूहिक उत्सवों की परंपरा को भी उजागर किया। आदित्य और जूही का विवाह एक ऐसे मिलन का प्रतीक था जो भविष्य में गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं । आदित्य, उमरियापान के सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र हैं। उनके पिता ने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आदित्य ने भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। वह एक मेहनती, ईमानदार, और समर्पित व्यक्ति हैं। वहीं, जूही एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवती हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व ने उन्हें समाज में सम्मान दिलवाया है। वह अपने परिवार की परंपराओं को मानते हुए आगे बढ़ने के साथ-साथ आधुनिकता को भी अपनाती हैं।विवाह के मुख्य समारोह की शुरुआत सात फेरे से हुई, जो भारतीय विवाहों में सबसे महत्वपूर्ण परंपरा मानी जाती है। आदित्य और जूही ने एक-दूसरे के साथ सात फेरे लिए, और इन सात फेरों के साथ उन्होंने न केवल प्रेम का वचन लिया, बल्कि जीवन के हर सुख-दुःख में एक-दूसरे का साथ देने का संकल्प भी लिया। प्रत्येक फेरे के साथ उनका रिश्ता और भी मजबूत होता गया। पहले फेरे में, उन्होंने एक-दूसरे से शारीरिक स्वास्थ्य और सुखी जीवन का वचन लिया। दूसरे फेरे में, उन्होंने मानसिक और आत्मिक सहयोग का संकल्प लिया। तीसरे फेरे में, आदित्य और जूही ने एक-दूसरे के साथ मिलकर अपने परिवार की सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने का संकल्प लिया। चौथे फेरे में, वे अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए साथ काम करने का वचन देते हैं। पांचवे फेरे में, उन्होंने अपने रिश्ते में प्रेम और विश्वास की मजबूती का संकल्प लिया। छठे फेरे में, दोनों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर जीवन के कठिन समय में एक-दूसरे का सहारा बनने का वचन लिया। और सातवें फेरे में, उन्होंने पूरे जीवनभर एक-दूसरे के साथ रहने का वचन दिया, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

 *उमरियापान मंगल भवन में आयोजित की गई पार्टी*

विवाह के बाद, उमरियापान के भव्य मंगल भवन में एक पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें गाँव के प्रत्येक व्यक्ति को आमंत्रित किया गया था। इस पार्टी का उद्देश्य न केवल विवाह के उत्सव को साझा करना था, बल्कि यह एक सामूहिक मिलन समारोह भी था, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हो सके। पार्टी का आयोजन भव्य तरीके से किया गया था। मंगल भवन को सुंदर तरीके से सजाया गया था, जिसमें रंग-बिरंगे फूल, शानदार लाइटिंग और संगीत की मधुर ध्वनियों से वातावरण को जीवंत बना दिया गया था। वहाँ के प्रत्येक व्यक्ति को आदित्य और जूही के विवाह में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था, जिससे गाँव के लोग इस खुशी में बराबरी से शामिल हो सके। पार्टी में विभिन्न प्रकार के व्यंजन थे, जिनमें स्थानीय और पारंपरिक पकवानों का विशेष ध्यान रखा गया था। खास तौर पर, उमरियापान की मशहूर पनीर और अनेकों प्रकार के व्यंजन जो पार्टी में परोसे गए थे, ने लोगों के दिलों को छू लिया। संगीत का आयोजन भी शानदार था। जिसमें उमरियापान थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय भी मंच में गाना गाते हुए नज़र आए । पारंपरिक और आधुनिक संगीत के मिश्रण से उत्सव का माहौल और भी उत्साही हो गया। कुछ स्थानीय कलाकारों ने अपनी गायकी और नृत्य से पार्टी में रंग जमा दिया। आदित्य और जूही ने भी इस अवसर पर अपनी पहली जुगलबंदी के रूप में एक साथ डांस किया, जो सभी के लिए अविस्मरणीय पल साबित हुआ।

*जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों रिश्तेदारों की दिखी झलक*

इस विवाह के बाद, आदित्य और जूही का जीवन एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा। दोनों ने साथ मिलकर न केवल व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने का वचन लिया, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाने का संकल्प लिया। आदित्य का नेतृत्व और जूही का आत्मविश्वास, दोनों मिलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।आदित्य और जूही मजबूत साझेदारी का आधार केवल उनके प्रेम और विश्वास पर नहीं, बल्कि उनके आपसी सहयोग और समझ पर भी है। उनके इस रिश्ते को देखकर युवा पीढ़ी को यह संदेश मिलेगा कि केवल प्रेम ही नहीं, बल्कि संघर्ष और सहयोग भी किसी रिश्ते की मजबूती का आधार होते हैं। उमरियापान में आदित्य और जूही का विवाह न केवल दो दिलों का मिलन था, बल्कि यह एक समृद्ध सामाजिक पहल भी थी। इस विवाह ने यह साबित कर दिया कि एक स्थिर और मजबूत समाज का निर्माण केवल प्रेम और पारिवारिक बंधनों से नहीं, बल्कि आपसी समझ, सहयोग और संघर्ष के साथ होता है। यह पार्टी और विवाह समारोह उमरियापान के लोगों के लिए हमेशा एक यादगार और प्रेरणादायक अवसर रहेगा। आदित्य और जूही का यह विवाह न केवल उनके परिवारों के लिए, बल्कि पूरे उमरियापान के लिए खुशी का कारण बना, और उनके इस नए जीवन की शुरुआत में पूरे गाँव ने उनका साथ दिया। इस भव्य विवाह समारोह ने उमरियापान के सामाजिक ताने-बाने को और भी मजबूत किया है, और आने वाले समय में यह विवाह और पार्टी दोनों ही लोगों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ने में सफल रहे।

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