सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रात्रि के समय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह एवं जनसेवक योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर पहुंचे अचानक औचक निरीक्षण में छात्रावास

 रात्रि के समय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह एवं जनसेवक योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर पहुंचे अचानक औचक निरीक्षण में छात्रावास 



ढीमरखेड़ा | बड़वारा के विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह और जनसेवक योगेंद्र सिंह (दादा) ठाकुर ने रात के समय किए गए औचक निरीक्षण के दौरान आदिवासी बालक और कन्या छात्रावास में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया। रात के समय किए गए इस औचक निरीक्षण का उद्देश्य छात्रावासों में छात्रों को मिल रही सुविधाओं का मूल्यांकन करना और उनकी समस्याओं को समझना था। इस निरीक्षण के दौरान विधायक और जनसेवक योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने छात्रों से सीधा संवाद किया, जिससे बच्चों की समस्याओं और जरूरतों के बारे में उन्हें वास्तविक जानकारी मिल सकी। निरीक्षण के दौरान विधायक ने देखा कि छात्रावास की अधीक्षिका वहां उपस्थित नहीं थी, जो एक गंभीर चूक है। अधीक्षिका का छात्रावास में न होना दर्शाता है कि वह अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह हैं। बच्चों की सुरक्षा और उनके लिए समय पर आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति सुनिश्चित करना अधीक्षिका की जिम्मेदारी होती है। उनके न होने से यह सवाल खड़ा होता है कि छात्रावास की देखरेख कौन कर रहा है और क्या बच्चों को उचित देखरेख मिल रही है। छात्रावास में की गई बातचीत के दौरान बच्चों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधायक का ध्यान आकर्षित किया। बच्चों ने बताया कि उन्हें ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों की कमी हो रही है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। ठंड में गर्म कपड़े न होने के कारण बच्चे ठंड से बचाव नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, बच्चों ने यह भी बताया कि छात्रावास में नियमित रूप से बिजली की समस्या बनी रहती है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होती है और रात में ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। यह स्थिति उनके शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रही है और उन्हें अन्य छात्रों की तुलना में पीछे कर रही है।

*विधायक के प्रश्न और बच्चों की समस्याएं*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने बच्चों से उनके भोजन और पढ़ाई के बारे में सवाल किए। उन्होंने बच्चों से पूछा कि उन्हें भोजन कैसा मिलता है और क्या वह पर्याप्त होता है। बच्चों ने बताया कि भोजन की गुणवत्ता में कमी है, और कई बार उन्हें पौष्टिक भोजन नहीं मिलता है। पर्याप्त पोषण न मिलने के कारण बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बच्चों ने यह भी बताया कि उन्हें कोचिंग क्लास की आवश्यकता है, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें और उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यह समझना जरूरी है कि आदिवासी समुदाय से आने वाले इन बच्चों को अगर शिक्षा और अन्य सुविधाओं का समर्थन नहीं मिला तो उनका समुचित विकास नहीं हो सकेगा और वे अन्य छात्रों की तुलना में पिछड़ सकते हैं। विधायक ने बच्चों की समस्याओं को गहराई से समझा और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग को तुरंत इसकी जानकारी देकर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

*छात्रावासो में चल रहीं गड़बड़ी, कार्यवाही होना जरूरी*

छात्रावास में जिन समस्याओं का सामना विधायक को करना पड़ा, वे व्यवस्थागत कमी को दर्शाती हैं। अधीक्षिका की अनुपस्थिति, नियमित बिजली समस्या, गर्म कपड़ों की कमी, और उचित भोजन का अभाव - यह सभी समस्याएं प्रशासनिक स्तर पर ध्यान देने की मांग करती हैं। इसके अलावा, बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोचिंग क्लास जैसी सुविधाओं का प्रबंध करना भी अत्यावश्यक है।विधायक ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे छात्रावासों का मुख्य उद्देश्य आदिवासी बच्चों को उचित शिक्षा और सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि वे समाज में बराबरी से खड़े हो सकें। लेकिन जब बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं होंगी तो यह उद्देश्य अधूरा रह जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने बच्चों की इन समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

*बच्चों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी देखभाल की आवश्यकता*

यह निरीक्षण इस बात को दर्शाता है कि बच्चों की देखभाल के प्रति प्रशासन की उदासीनता उन्हें कई समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर कर रही है। बच्चों की समस्याओं को सुनने और उन्हें उचित सुविधाएं देने की आवश्यकता है। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने इस निरीक्षण के दौरान बच्चों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने यह महसूस किया कि बच्चों के लिए केवल छात्रावास में जगह प्रदान करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी ध्यान रखना अत्यावश्यक है। विधायक ने बच्चों को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रशासन से बात करेंगे और जल्द ही बिजली, भोजन, गर्म कपड़े, और कोचिंग की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रावास की व्यवस्थाओं को नियमित रूप से जांचा जाएगा ताकि बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

*योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर की पहल सराहनीय*

 योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर की इस पहल से यह उम्मीद है कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी आदिवासी छात्रावासों में बच्चों को प्रदान की जा रही सुविधाओं पर ध्यान देंगे और उनमें सुधार करेंगे। इस निरीक्षण से यह भी स्पष्ट हुआ है कि केवल बच्चों के आवास और भोजन की व्यवस्था ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें शिक्षा में मदद करने के लिए कोचिंग और अन्य शैक्षिक सहायता भी प्रदान की जानी चाहिए। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह और जनसेवक योगेंद्र सिंह (दादा) ठाकुर का यह औचक निरीक्षण बच्चों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उनके इस प्रयास से बच्चों की समस्याएं सामने आईं और अब इन पर कार्रवाई होने की संभावना बढ़ गई है। इस निरीक्षण से यह उम्मीद जगी है कि भविष्य में बच्चों की सुविधा के लिए आवश्यक सुधार होंगे और आदिवासी बच्चों को उचित सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज में बराबरी का स्थान प्राप्त कर सकें।

टिप्पणियाँ

popular post

उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

 उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं ढीमरखेड़ा | उमरियापान क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत हैं लेकिन यहां के लोग अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहरों से गहरे जुड़े हुए हैं। इस विवाह ने न केवल दो परिवारों को एक किया, बल्कि गाँव की सामाजिक स्थिति और सामूहिक उत्सवों की परंपरा को भी उजागर किया। आदित्य और जूही का विवाह एक ऐसे मिलन का प्रतीक था जो भविष्य में गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं । आदित्य, उमरियापान के सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र हैं। उनके पिता ने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आदित्य ने भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। वह एक मेहनती, ईमानदार, और समर्पित व्यक्ति हैं। वहीं, जूही एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवती हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व ने उन्हें समाज मे...

पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी

 पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी ढीमरखेड़ा | पिड़रई की निवासी वकील स्वाति तिवारी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का जज़्बा रखते हैं। बचपन से लेकर वकालत की शिक्षा पूरी करने तक, स्वाति तिवारी का सफर कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश की है। *संघर्षों से भरा बचपन* स्वाति तिवारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता। उनके पिता जिनकी आय इतनी नहीं थी कि परिवार की सभी जरूरतें पूरी कर सकें। बचपन में स्वाति को पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। किताबो के लिए पैसे जुटाना उनके लिए हमेशा एक चुनौती रही। लेकिन स्वाति ने कभी हार नहीं मानी। उनके दृढ़ निश्चय और पढ़ाई के प्रति जुनून ने उन्हें अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रखा। उनके शिक्षकों ने भी उनकी प्रतिभा और मेहनत को पहचाना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की। *शिक्षा और वकालत का सपना* स्वाति को बचप...

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े, बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े,  बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित ढीमरखेड़ा | धीरेंद्र बहादुर सिंह, जो वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हैं, ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने बच्चियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े वितरित किए और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उनके इस कदम ने न केवल बच्चियों को सर्दी से राहत दी, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया। इसके साथ ही, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने इन बच्चियों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए उनके पैर पड़कर आशीर्वाद लिया, जो उनके सरल और सच्चे दिल की भावना को दर्शाता है। विधायक ने इस दौरान बच्चियों से कहा कि "मैं विधायक नहीं, बल्कि आपका बड़ा भाई हूं", इस संदेश के साथ उन्होंने बच्चियों को विश्वास दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। उनके इस वक्तव्य ने बच्चियों के दिलों में एक नया आत्मविश्वास भरा और उनके सामने एक नायक का उदाहरण प्रस्तुत किया। व...