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नायक फिल्म की तर्ज पर जनसेवक योगेन्द्र सिंह (दादा) ठाकुर विधायक के निर्देशन में पहुंचे पिपरिया शुक्ल, बाढ़ पीड़ितों को जो नोटिस मिला हैं उसको देखा और तत्काल विधायक को अवगत कराया जिसमें विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि पेशी में कोई नहीं जाएगा, पेशी में आपका विधायक जायेगा इतनी बाते सुनकर बाढ़ पीड़ितों के खुशी के आंसू झलक पड़े

 नायक फिल्म की तर्ज पर जनसेवक योगेन्द्र सिंह (दादा) ठाकुर विधायक के निर्देशन में पहुंचे पिपरिया शुक्ल, बाढ़ पीड़ितों को जो नोटिस मिला हैं उसको देखा और तत्काल विधायक को अवगत कराया जिसमें विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि पेशी में कोई नहीं जाएगा, पेशी में आपका विधायक जायेगा इतनी बाते सुनकर बाढ़ पीड़ितों के खुशी के आंसू झलक पड़े



ढीमरखेड़ा |  बाढ़ के प्राकृतिक प्रकोप ने पिपरिया शुक्ल सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिंदगियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। घरों, फसलों और रोज़गार को हुई क्षति ने बाढ़ पीड़ितों की आर्थिक स्थिति को गहरा आघात पहुँचाया है। ऐसी परिस्थिति में उनके प्रति सहानुभूति और सहयोग की भावना का होना अत्यंत आवश्यक है। इसी भावना को समझते हुए भाजपा मंडल उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह (दादा) ठाकुर ने विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में पिपरिया शुक्ल गाँव का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों को दिए गए नोटिस का जायजा लिया। उल्लेखनीय हैं कि योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर का संवेदनशील और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण देखने को मिला, जो नायक फिल्म के लोकप्रिय दृश्य की तरह प्रतीत हुआ। विधायक ने बाढ़ पीड़ितों को यह आश्वासन दिया कि किसी भी स्थिति में उन पर अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि पेशी में बाढ़ पीड़ित नहीं जाएंगे, बल्कि स्वयं विधायक उनके लिए पेशी में हाज़िर होंगे। विधायक के इस आश्वासन से लोगों के मन में भरोसा जगा और कई लोगों की आँखों में राहत और खुशी के आँसू आ गए। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को मिले नोटिस का गंभीरता से संज्ञान लिया और उन्हें भरोसा दिलाया कि किसी भी तरह की राशि वापस नहीं ली जाएगी। इस बात से स्पष्ट होता है कि विधायक अपने क्षेत्र की जनता के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं और उनकी समस्याओं को न केवल समझते हैं, बल्कि उनके समाधान के लिए तत्पर भी हैं। उनका यह बयान कि "किसी के ऊपर अन्याय नहीं होगा, सभी के साथ न्याय होगा," उनके समाज के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।

 *योगेंद्र सिंह (दादा) ठाकुर का सक्रिय योगदान*

भाजपा मंडल उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह (दादा) ठाकुर का इस प्रकरण में सक्रिय योगदान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करके वहाँ की स्थिति का अवलोकन किया और सभी समस्याओं को विधायक के समक्ष रखा। उनकी तत्परता और जनसेवा के प्रति समर्पण से यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में बल्कि एक जनसेवक के रूप में भी लोगों के हितों का ख्याल रखते हैं।

 *सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व का आदर्श रूप*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का यह कदम समाज में नेतृत्व का एक आदर्श रूप प्रस्तुत करता है। उन्होंने यह साबित किया कि एक सच्चे जनप्रतिनिधि का कर्तव्य सिर्फ नीतियों का निर्धारण करना नहीं होता, बल्कि जनता के साथ खड़े होकर उनके हर संकट में साथ देना भी होता है। उनका यह निर्णय कि बाढ़ पीड़ितों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और उनके साथ न्याय सुनिश्चित करेंगे, एक सशक्त और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरणादायक है।

 *बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक और मानसिक सहयोग*

बाढ़ पीड़ितों की स्थिति को समझते हुए विधायक ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी प्रकार से राशि वापस करने का डर नहीं होना चाहिए। इस घोषणा से लोगों के मन से आर्थिक बोझ का डर कम हुआ और उन्हें मानसिक शांति प्राप्त हुई। विधायक का यह कदम उनके मानसिक सहयोग और आर्थिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो जनहित में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

*विधायक का कहना कि क्षेत्र में होने नहीं दूंगा अन्याय*

विधायक का यह आश्वासन कि "मैं किसी के ऊपर अन्याय नहीं होने दूंगा," इस बात का प्रतीक है कि वे भविष्य में भी जनता के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें किसी भी प्रकार से अन्याय का सामना नहीं करने देंगे। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का यह बयान केवल उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण को नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता और नैतिक जिम्मेदारी को भी व्यक्त करता है।

 *जनता के दिलों में राज करने वाला विधायक खुद करेगा पेशी*

जनप्रतिनिधि के रूप में धीरेंद्र बहादुर सिंह का यह कदम जनसेवा की मिसाल प्रस्तुत करता है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का न केवल ध्यान रखा, बल्कि उनकी मदद करने का वचन देकर यह साबित किया कि राजनीति केवल सत्ता का साधन नहीं, बल्कि जनता की सेवा का माध्यम भी है। उनके इस निर्णय से जनता में उनके प्रति एक विश्वास पैदा हुआ है और उन्होंने यह सन्देश दिया कि यदि किसी जनप्रतिनिधि का कर्तव्यनिष्ठ और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण हो, तो वह हर संभव स्थिति में जनता के साथ खड़ा हो सकता है।

 *बाढ़ पीड़ितों को मिली राशि नहीं होगी वापस*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह और योगेंद्र सिंह ठाकुर का यह प्रयास न केवल बाढ़ पीड़ितों के मौजूदा संकट को हल करने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि यह भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के समय भी एक आदर्श उदाहरण बनेगा। विधायक का यह दृढ़ निश्चय कि बाढ़ पीड़ितों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे, आपदा प्रबंधन में एक सकारात्मक दृष्टिकोण को उजागर करता है।

 *पिपरिया शुक्ल में उम्मीद और साहस का संचार*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के इस कदम से न केवल बाढ़ पीड़ितों में बल्कि पूरे समाज में एक सकारात्मक संदेश का संचार हुआ है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि जब नेता ईमानदारी, संवेदनशीलता और न्याय के साथ कार्य करता है, तो समाज में उम्मीद और साहस का संचार होता है। विधायक का यह कदम समाज में अन्य नेताओं को भी प्रेरित करेगा कि वे इसी प्रकार जनहित में कार्य करें और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें।

 *क्षेत्र की जनता का विधायक पर बढ़ा विश्वास*

इस पूरे घटनाक्रम से क्षेत्र की जनता का विधायक पर विश्वास और अधिक बढ़ा है। विधायक के इस न्यायपूर्ण कदम ने न केवल बाढ़ पीड़ितों के प्रति उनके समर्पण को साबित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि एक सच्चा नेता कैसे अपने क्षेत्र की जनता के अधिकारों की रक्षा करता है। जनता में यह धारणा बन गई है कि जब भी किसी प्रकार का अन्याय होगा, तो विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह उनके साथ खड़े होंगे और उनके हितों की रक्षा करेंगे।

*समाज में विधायक और योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर की चर्चा गर्म*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का यह कदम समाज और प्रशासन के बीच विश्वास का एक पुल बनाने का कार्य भी करता है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे प्रशासन से जुड़े कार्यों में जनता की समस्याओं का संज्ञान लेकर, सही दिशा में उनका समाधान सुनिश्चित करेंगे। ऐसे में प्रशासनिक प्रक्रियाओं से होने वाले भय को समाप्त करने में यह कदम सहायक सिद्ध होगा और जनता को अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जिस प्रकार से बाढ़ पीड़ितों के साथ न्याय करने का वादा किया है, वह न केवल एक जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि समाज में न्याय और समानता की भावना को भी सुदृढ़ करता है। उनके द्वारा लिया गया यह कदम सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक मिसाल है, जो अन्य जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरणा प्रदान करेगा। विधायक ने यह सिद्ध कर दिया है कि एक सच्चा नेता वही होता है जो जनता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे और उनके हर दुख में उनके साथ खड़ा हो। उनके इस कार्य से जनता के मन में उनके प्रति एक अटूट विश्वास और सम्मान का भाव उत्पन्न हुआ है, जो आगे चलकर समाज को और भी सशक्त बनाएगा।

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