एक ही खेल मैदान पूरे उमरियापान में वह भी सुरक्षित नहीं हॉस्पिटल बनने की तैयारी में खेल प्रेमियों में देखी जा रही हैं निराशा
एक ही खेल मैदान पूरे उमरियापान में वह भी सुरक्षित नहीं हॉस्पिटल बनने की तैयारी में खेल प्रेमियों में देखी जा रही हैं निराशा
ढीमरखेड़ा | उमरियापान का अधेली बाग खेल मैदान ढीमरखेड़ा और समूचे क्षेत्र के खेल प्रेमियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थल है, जो वर्षों से क्रिकेट और अन्य खेल गतिविधियों के लिए एक मंच प्रदान करता आ रहा है। इस मैदान से जुड़ी भावनाएँ और इसके ऐतिहासिक योगदान इस क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व हैं। हाल ही में यहां अस्पताल निर्माण की योजना ने खेल प्रेमियों के बीच निराशा पैदा की है, क्योंकि यह मैदान अब तक खेल गतिविधियों के केंद्र के रूप में काम करता रहा है। अधेली बाग खेल मैदान की नींव पूर्व राज्य सभा सदस्य शिवप्रसाद चमपुरिया द्वारा रखी गई थी। इस मैदान का निर्माण खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा गया था, क्योंकि यह उमरियापान जैसे छोटे से कस्बे में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। मैदान के विकास की दिशा में कई प्रमुख नेताओं ने अपना योगदान दिया, जिनमें पूर्व मंत्री श्रावण भाई पटेल ने मैदान की तीन तरफ की बाउंड्री का निर्माण करवाया। इससे मैदान को एक सुरक्षित और व्यवस्थित रूप मिला, जो खेल प्रेमियों और आयोजकों के लिए सुविधाजनक बना। इसके बाद, पूर्व विधायक निशिथ भाई पटेल ने इस मैदान में ड्रेसिंग रूम बनवाया, जो खिलाड़ियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। यह सुविधा खिलाड़ियों को खेल के दौरान आराम और तैयारी का मौका देती है। इसके अतिरिक्त, सांसद हिमाद्री सिंह ने खिलाड़ियों के ठहरने के लिए 20 लाख की लागत से सर्व-सुविधायुक्त कमरे बनवाने की पहल की, जो फिलहाल निर्माणाधीन हैं। यह सभी सुविधाएं उमरियापान के खेल मैदान को क्षेत्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए आकर्षक बनाती हैं।
*अधेली बाग खेल मैदान की नींव*
अधेली बाग खेल मैदान न केवल स्थानीय बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व रखता है। इस मैदान पर प्रतिवर्ष जनवरी माह में जिले की सबसे बड़ी क्रिकेट ट्रॉफी का आयोजन होता है, जिसे खेल प्रेमियों के बीच विशेष स्थान प्राप्त है। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के बाहर से भी क्रिकेट टीमें हिस्सा लेने आती हैं, जिससे इस मैदान का कद और भी ऊँचा हो जाता है। यह प्रतियोगिता खिलाड़ियों के लिए न केवल एक मंच प्रदान करती है, बल्कि स्थानीय युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित भी करती है। इस मैदान में संतोष बाजपेई मडेरा, जो नक्सलवाद से लड़ते हुए छत्तीसगढ़ में शहीद हुए थे, के नाम पर हर वर्ष "संतोष ट्रॉफी" खेली जाती है। यह ट्रॉफी शहीद संतोष बाजपेई की याद में खेली जाती है और इसमें लाखों रुपये का इनाम वितरित किया जाता है। इस तरह के आयोजनों से न केवल खेल के प्रति उत्साह बढ़ता है, बल्कि समाज के वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसके अलावा, इस मैदान में राजनीतिक सभाएँ और सामाजिक आयोजन भी होते हैं, जो इसे एक बहुउद्देश्यीय स्थल बनाते हैं। यहाँ पर अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो इस मैदान को समूचे ढीमरखेड़ा की आस्था से जोड़ते हैं। यह मैदान न केवल खेल प्रेमियों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है, जहाँ लोग अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।
*खेल मैदान की सुरक्षा पर चिंता*
हाल के दिनों में, अधेली बाग खेल मैदान पर अस्पताल निर्माण की योजना ने खेल प्रेमियों और स्थानीय निवासियों के बीच चिंता पैदा कर दी है। इस मैदान का बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नाम पर पंजीकरण है, जो कि क्षेत्रीय शैक्षणिक संस्थान के अंतर्गत आता है। लेकिन अब अस्पताल निर्माण की योजना से यह खेल मैदान खतरे में है, जो खेल गतिविधियों के लिए एकमात्र स्थल होने के कारण युवाओं के भविष्य के लिए अहम है। खेल प्रेमियों की यह मांग है कि इस मैदान को सुरक्षित रखा जाए और यहाँ अस्पताल का निर्माण न किया जाए। उनका मानना है कि अस्पताल के निर्माण से खेल गतिविधियाँ बाधित होंगी और इस ऐतिहासिक स्थल का महत्व समाप्त हो जाएगा। उमरियापान और ढीमरखेड़ा जैसे क्षेत्रों में पहले से ही खेल सुविधाओं की कमी है, और यदि यह मैदान भी खो दिया गया तो खेल प्रेमियों के पास अपनी प्रतिभा को निखारने का कोई मंच नहीं रहेगा।
*खेल मैदान से अनेकों महापुरुषों और क्षेत्र के लोगों का जुड़ाव*
खेल मैदान का भविष्य स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व की दूरदर्शिता पर निर्भर करता है। खेल प्रेमियों का यह मानना है कि अस्पताल के लिए किसी अन्य उपयुक्त स्थान का चयन किया जाना चाहिए, ताकि खेल मैदान सुरक्षित रह सके और यहाँ की खेल गतिविधियाँ जारी रह सकें। यदि अस्पताल का निर्माण यहाँ किया गया, तो यह खेल मैदान के साथ-साथ स्थानीय खेल संस्कृति के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। स्थानीय खेल प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मैदान को सुरक्षित रखा जाए और यहाँ अस्पताल न बने। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अस्पताल का निर्माण किसी अन्य स्थान पर किया जा सकता है, जबकि इस मैदान का स्थानांतरण संभव नहीं है। मैदान की भौगोलिक स्थिति और ऐतिहासिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए, इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। अधेली बाग खेल मैदान उमरियापान और समूचे ढीमरखेड़ा के खेल प्रेमियों के लिए एक आस्था का स्थल है। यह न केवल खेल प्रतियोगिताओं का केंद्र है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों का भी मंच है। इसके ऐतिहासिक महत्त्व और क्षेत्रीय योगदान को देखते हुए इसे संरक्षित किया जाना आवश्यक है। खेल प्रेमियों की यह मांग उचित है कि इस मैदान को सुरक्षित रखा जाए और यहाँ अस्पताल का निर्माण न किया जाए। अस्पताल के लिए अन्य स्थानों की उपलब्धता की जांच कर, प्रशासन को इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए ताकि खेल गतिविधियाँ निरंतर जारी रह सकें।
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