सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर



ढीमरखेड़ा |  विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा अजीत सिंह परिहार, एपीओ (असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर) जनपद ढीमरखेड़ा के स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए लिखा गया पत्र, क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण बिना किसी ठोस कारण के ढीमरखेड़ा से कर दिया गया है, जबकि उनकी कार्यप्रणाली अच्छी रही है और उन्हें क्षेत्र के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में, विधायक ने जिला कटनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संबंध किसी भी क्षेत्र में प्रशासनिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण ऐसे समय में हुआ है जब उनकी सेवाएं ढीमरखेड़ा क्षेत्र में व्यापक रूप से सराही जा रही थीं। उनका कार्यकाल क्षेत्र में विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने और ग्रामीण जनता की समस्याओं का निवारण करने के लिए सरपंचों और अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा काफी प्रशंसनीय माना गया था।

*विधायक का पत्र और उनके विचार*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया है कि अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण अकारण किया गया है। उनके अनुसार, इस स्थानांतरण से क्षेत्रीय विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि अजीत सिंह परिहार की कार्यशैली और उनके अनुभव के कारण क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और सरपंच उनके साथ काम करने में सहज महसूस करते थे। विधायक का कहना है कि स्थानांतरण के पीछे कोई उचित कारण नहीं है, और इसे जल्द से जल्द निरस्त किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित न हों।

*जनप्रतिनिधियों का समर्थन*

अजीत सिंह परिहार को ढीमरखेड़ा क्षेत्र के सभी सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है। सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि परिहार की कार्यशैली पारदर्शी और प्रभावी है, जिससे उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने में मदद मिली है। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की गई हैं, और उनका स्थानांतरण इन योजनाओं की प्रगति को बाधित कर सकता है। जनप्रतिनिधियों का मानना है कि उनके जैसा अधिकारी, जो क्षेत्र की समस्याओं को गहराई से समझता है और उन पर ठोस कदम उठाता है, का स्थानांतरण अनुचित है।प्रशासनिक अधिकारियों का स्थानांतरण एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक संतुलन बनाए रखना होता है। हालांकि, कुछ स्थानांतरण विवादास्पद हो सकते हैं, विशेषकर तब जब अधिकारी का कार्यकाल सफल और प्रभावी माना जाता हो। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का पत्र यह दर्शाता है कि इस स्थानांतरण को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में असंतोष है। अक्सर, स्थानांतरण नीति का उद्देश्य अधिकारी की क्षमताओं का विभिन्न क्षेत्रों में लाभ उठाना होता है, लेकिन जब स्थानांतरण के पीछे स्पष्ट कारण नहीं होते हैं, तो यह प्रशासनिक स्थिरता और स्थानीय विकास को प्रभावित कर सकता है। इस मामले में, विधायक और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का मानना है कि अजीत सिंह परिहार की सेवाओं की ढीमरखेड़ा में आवश्यकता है, और उनका स्थानांतरण इस समय अनुचित है।

*विकास हो सकते हैं प्रभावित, साजिश के तहत हों गया स्थानांतरण*

विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने हमेशा क्षेत्रीय विकास और जनता की समस्याओं के समाधान को अपनी प्राथमिकता में रखा है। उनके द्वारा लिखा गया यह पत्र यह दर्शाता है कि वे क्षेत्रीय विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सक्रिय हैं। उनका मानना है कि अजीत सिंह परिहार जैसे अधिकारियों की उपस्थिति विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है। विधायक का यह कदम उनके संवेदनशील और जिम्मेदार नेतृत्व को दर्शाता है। वे अपने क्षेत्र के लोगों की आवश्यकताओं और समस्याओं को गहराई से समझते हैं, और यही कारण है कि उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा है।

*विधायक के पत्र का प्रभाव*

यदि अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण निरस्त नहीं किया जाता है, तो इसका असर ढीमरखेड़ा के विकास कार्यों पर पड़ सकता है। कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ, जिनमें ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्य शामिल हैं, प्रभावित हो सकती हैं।जनप्रतिनिधियों की चिंताओं के अनुसार, परिहार की उपस्थिति इन कार्यों को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। दूसरी ओर, यदि विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का अनुरोध स्वीकार किया जाता है और स्थानांतरण निरस्त किया जाता है, तो इससे न केवल क्षेत्र में प्रशासनिक स्थिरता बनी रहेगी, बल्कि जनप्रतिनिधियों और जनता में यह संदेश जाएगा कि उनके हितों का ध्यान रखा जा रहा है। यह विधायक की छवि को और मजबूत करेगा और उनकी लोकप्रियता को बढ़ावा देगा।अंततः, यह मामला एक प्रशासनिक निर्णय से कहीं अधिक है, यह जनता और प्रशासन के बीच के संबंधों को दर्शाता है, जहां एक प्रभावी अधिकारी की कार्यप्रणाली को पहचानते हुए उसे उचित मंच दिया जाना चाहिए। अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को लेकर उठाए गए इस मुद्दे में जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रीय नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण है, और इसके समाधान का प्रभाव ढीमरखेड़ा के भविष्य के विकास पर सीधे पड़ेगा।विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का यह कदम यह भी दिखाता है कि वे अपने क्षेत्र के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्रीय विकास में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

टिप्पणियाँ

popular post

पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को

 पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को  ढीमरखेड़ा | अवध दुबे, एक पुलिस कर्मचारी, अपने साहस, निष्ठा और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी छवि एक ऐसे अधिकारी की है, जो कभी भी किसी भी तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करते हैं। पुलिस बल में उनके कार्यों ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है, और उनकी उपस्थिति मात्र से अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। अवध दुबे ने जिस भी थाने में अपनी सेवाएँ दी हैं, वहां अपराध की दर में न केवल गिरावट आई है, बल्कि आम लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है।अवध दुबे का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, जहाँ से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। बचपन से ही उनमें न्याय और ईमानदारी के प्रति एक विशेष प्रकार का झुकाव था। उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद पुलिस सेवा में भर्ती होने का निर्णय लिया। उनके जीवन का यह फैसला उनके परिवार और समाज के प्रति उनके दायित्व को महसूस कर

ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम

 ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम ढीमरखेड़ा |  सरपंच फ़ोरम के अध्यक्ष महेश कुमार यादव, उपाध्यक्ष संकेत लोनी, सचिव दीनू सिंह ठाकुर एवं ढीमरखेड़ा जनपद के समस्त सरपंचों ने मिलकर कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया, जिसमें डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है। सरपंच फ़ोरम का मानना है कि डॉक्टर अजीत सिंह एक ईमानदार, जिम्मेदार और मिलनसार अधिकारी हैं जिन्होंने न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बरती है, बल्कि ग्रामीण जनता के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को सुलझाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। फ़ोरम का कहना है कि डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण से ढीमरखेड़ा क्षेत्र के विकास कार्यों में अवरोध पैदा हो सकता है, क्योंकि उन्होंने अनेक ऐसे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की थी, जिन्हें पूरा करने में समय और प्रशासनिक अनुभव की आवश्यकता है। उनके स्थानांतरण से इन कार्यों की गति धीमी हो सकती है, और साथ ही, क्षेत्र की जनता को भी नुकसान हो सकता है, जो उनकी सेवाओं से काफी संतुष्ट थी। फ़ो