शक्ति अभिनंदन अभियान दिखा रहा सतह पर प्रदर्शन, ढीमरखेड़ा महिला बाल विकास और पुलिस कर रही कलश पर कानून लिखकर जागरुक, अपराधो पर लगेगा अंकुश
शक्ति अभिनंदन अभियान दिखा रहा सतह पर प्रदर्शन, ढीमरखेड़ा महिला बाल विकास और पुलिस कर रही कलश पर कानून लिखकर जागरुक, अपराधो पर लगेगा अंकुश
ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग द्वारा शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर "शक्ति अभिनंदन अभियान" के रूप में एक सशक्त और प्रभावी जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा, और उनके विकास में सहयोग प्रदान करना है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को केंद्र में रखकर जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकें और समाज में अपनी मजबूत पहचान बना सकें। महिला बाल विकास विभाग की ओर से सभी सेक्टरों में पर्यवेक्षकों द्वारा कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और ग्रामीण महिलाओं के सहयोग से रैलियाँ निकाली जा रही हैं। इन रैलियों में महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। ढीमरखेड़ा क्षेत्र में कलश स्थापित कर रैली निकाली गई, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अभियान के तहत, महिला सुरक्षा से संबंधित नए कानूनों के बारे में जानकारी दी जा रही है। मुन्ना लाल करण, उप निरीक्षक ने महिलाओं को कानून के बारे में जागरूक किया और जघन्य अपराधों के प्रति सचेत किया। यह भी बताया गया कि प्रशासनिक प्रक्रिया में महिला पुलिस द्वारा ही महिलाओं के मामलों की जांच की जाती है, जिससे महिलाओं को घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार द्वारा महिला नेतृत्व आधारित विकास, महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह अभियान महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस 10 दिवसीय अभियान के अंतर्गत विद्यालयों और महाविद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें पेंटिंग प्रतियोगिता, कानूनों और महिला सुरक्षा पर चर्चा, और सायबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों को महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है। इस अभियान में बुजुर्ग महिलाओं (दादी-नानी) के सम्मान हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उनकी जीवन यात्रा और संघर्षों को प्रेरणादायक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इसके साथ ही पंचायत और वार्ड स्तर पर सेफ्टी वॉक का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भाग लेते हैं। "मिशन शक्ति" एक व्यापक पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को मजबूत करना है। इस अभियान के अंतर्गत महिलाओं को तत्काल सहायता, संरक्षण और पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाती है। हिंसा से प्रभावित महिलाओं को संकट की घड़ी में सहयोग और समर्थन देने के लिये "मिशन शक्ति" के मानदंड 1 अप्रैल, 2022 से लागू किए गए थे। इसके तहत महिलाओं के लिए एक गुणवत्ता तंत्र स्थापित किया गया है, जो उनकी सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करता है।
*हिंसा पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा पर कानून करेगा मदद*
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को तत्काल सहायता और पुनर्वास प्रदान करना है। इसमें संकटग्रस्त महिलाओं के लिए विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाती है, ताकि उन्हें आवश्यक सहयोग प्राप्त हो सके। महिलाओं और समाज को घरेलू हिंसा, दहेज, और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए कानूनों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। यह अभियान लिंग चयन के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के लिए बालिकाओं के अस्तित्व, उनके संरक्षण, शिक्षा और विकास को प्राथमिकता देता है। महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने के उद्देश्य से कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, और माइक्रोक्रेडिट तक पहुँच को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे महिला श्रम बल की भागीदारी में वृद्धि हो। सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिये सहयोगी वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
*महिला सशक्तिकरण में "शक्ति अभिनंदन अभियान" की महत्ता*
महिला सशक्तिकरण का यह अभियान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अभियान के माध्यम से न केवल महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी मजबूत किया जा रहा है।
*महिला बाल विकास की नज़र अभियान पर*
इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं की सक्रिय सहभागिता को सुनिश्चित किया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और विकास से संबंधित मुद्दों पर ग्राम पंचायतों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। महिला बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन, पंचायत समितियाँ, और ग्रामीण महिलाएं मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में जुटी हैं।
*साइबर सुरक्षा पर जागरूकता*
आज के समय में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन चुका है। महिलाओं को इस तरह के अपराधों से सुरक्षित रखने के लिये सोशल मीडिया सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराधों से बचने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसी बीच परियोजना अधिकारी आरती यादव, पर्यवेक्षक भावना साहू, मंजू मिश्रा, अंजना पटैल ,अनुराधा चौबे, मीना तिवारी, अनीता प्रधान, ब्लॉक समन्वयक रमाकांत मिश्रा, मुन्ना लाल करण उप निरीक्षक, दुर्गा शुक्ला आरक्षक एवं समस्त कार्यकर्ताओ की रही उपस्थिति।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें