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दीपावली पर्व में मचेगी धूम, हर घर जलेंगे दीपक, हर व्यक्ति के जीवन से अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर लेकर जाएंगी दीपावली

 दीपावली पर्व में मचेगी धूम, हर घर जलेंगे दीपक, हर व्यक्ति के जीवन से अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर लेकर जाएंगी दीपावली  ढीमरखेड़ा | दीपावली का पर्व, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह पर्व न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है, जहां भी भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रभाव है। यह पर्व मुख्यतः अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली का त्यौहार कई धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारणों से महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें हमारे पारंपरिक मूल्यों, संस्कृति और समाज की असलियत से जोड़ता है, जो हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। दिवाली का पर्व मुख्यतः भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चौदह वर्षों का वनवास और रावण का वध करके जब भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया। इसी खुशी को हर वर्ष दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा, यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध क

खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं पेंशनर्स निराश और नाराज - मुख्यमंत्री तत्काल घोषित करें मंहगाई राहत का आदेश

 खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं पेंशनर्स निराश और नाराज - मुख्यमंत्री तत्काल घोषित करें मंहगाई राहत का आदेश *मध्यप्रदेश के पेंशनर्स एसोसिएशनों का मानना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साबित कर दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की माफिक उनकी नजर में भी पेंशनर्स की कोई अहमियत नहीं है। गत दिवस मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सरकारी अधिकारियों - कर्मचारियों को जनवरी 2024 से 4 फीसदी मंहगाई भत्ता देने का ऐलान किया है जिसे दीवाली तोहफे की तरह पेश किया जा रहा है। जबकि कर्मचारी संगठन (रेगुलर - पेंशनर्स) महीनों पहले से 4 फीसदी मंहगाई भत्ता और मंहगाई राहत बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसी बीच केंद्रीय सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को जुलाई 2024 से 3 फीसदी मंहगाई भत्ते और मंहगाई राहत दिये जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसका मतलब यह है कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 7 फीसदी मंहगाई भत्ता और मंहगाई राहत दिये जाने का आदेश जारी किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया है। अब एक बार फिर कर्मचारी संगठन सरकार के आगे 3 फीसदी के लिए गिडगिडायेंगे।* *खास बात यह है कि मुख्यमंत्री मोहन

पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को

 पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को  ढीमरखेड़ा | अवध दुबे, एक पुलिस कर्मचारी, अपने साहस, निष्ठा और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी छवि एक ऐसे अधिकारी की है, जो कभी भी किसी भी तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करते हैं। पुलिस बल में उनके कार्यों ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है, और उनकी उपस्थिति मात्र से अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। अवध दुबे ने जिस भी थाने में अपनी सेवाएँ दी हैं, वहां अपराध की दर में न केवल गिरावट आई है, बल्कि आम लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है।अवध दुबे का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, जहाँ से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। बचपन से ही उनमें न्याय और ईमानदारी के प्रति एक विशेष प्रकार का झुकाव था। उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद पुलिस सेवा में भर्ती होने का निर्णय लिया। उनके जीवन का यह फैसला उनके परिवार और समाज के प्रति उनके दायित्व को महसूस कर

जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने लिखा पत्र, पचपेढ़ी, पकरिया खेल मैदान को उमरियापान खेल मैदान में संलग्न करने पर उठे विरोध के स्वर ग्राम पंचायत पचपेढ़ी ने एसडीएम के समक्ष लगाई आपत्ति , ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी

 जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने लिखा पत्र, पचपेढ़ी, पकरिया खेल मैदान को उमरियापान खेल मैदान में संलग्न करने पर उठे विरोध के स्वर ग्राम पंचायत पचपेढ़ी ने एसडीएम के समक्ष लगाई आपत्ति , ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी ढीमरखेड़ा |  उमरियापान खेल मैदान से जुड़ा विवाद और इसका स्थानीय स्तर पर व्यापक विरोध, पचपेढ़ी के ग्रामीणों में खेल मैदान को लेकर गहरी नाराजगी को दर्शाता है। प्रशासन द्वारा अंधेलीबाग में अस्पताल निर्माण की योजना और पकरिया खेल मैदान को उमरियापान खेल मैदान में संलग्न करने के प्रस्ताव ने ग्रामीणों और क्रिकेट प्रेमियों के बीच असंतोष को जन्म दिया है। इस प्रस्ताव का विरोध विशेष रूप से ग्राम पंचायत पचपेढ़ी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा के समक्ष किया गया है। इसमें जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे का भी समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने अलग से पत्र भेजकर इस मामले में आपत्ति दर्ज की है। *खेल मैदान के महत्व और इसके लिए उठे विरोध के स्वर* पचपेढ़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला पकरिया खेल मैदान कई गांवों के लिए खेल गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ हर वर्ष क्रिकेट ट्रॉफी का आयोज

श्रमजीवी पत्रकार संघ ढीमरखेड़ा इकाई ने क्षेत्रीय सांसद हिमाद्री सिंह से पत्र के माध्यम से किया पत्रकार भवन की मांग, पत्रकारों को विश्वास कि हिमाद्री सिंह पत्रकार भवन को लेकर करेगी अपना ध्यान आकर्षित

 श्रमजीवी पत्रकार संघ ढीमरखेड़ा इकाई ने क्षेत्रीय सांसद हिमाद्री सिंह से पत्र के माध्यम से किया पत्रकार भवन की मांग, पत्रकारों को विश्वास कि हिमाद्री सिंह पत्रकार भवन को लेकर करेगी अपना ध्यान आकर्षित  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा क्षेत्र के पत्रकारों के लिए एक पत्रकार भवन का निर्माण अत्यंत आवश्यक है, और इसे लेकर श्रमजीवी पत्रकार संघ ढीमरखेड़ा इकाई ने क्षेत्रीय सांसद हिमाद्री सिंह का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। पत्रकार भवन की मांग का समर्थन करते हुए यह कहा जा सकता है कि यह भवन न केवल पत्रकारों के कार्यस्थल की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहाँ वे अपने विचारों को साझा कर सकेंगे और सामूहिक रूप से अपने पेशे के उत्थान के लिए काम कर सकेंगे। ढीमरखेड़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत पत्रकार अक्सर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं। उन्हें संवाद, चर्चा और मीटिंग्स के लिए एक स्थान की कमी रहती है, जिससे उनके कार्य की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता है। पत्रकार भवन का निर्माण एक ऐसा स्थान प्रदान करेगा जहाँ वे स्वतंत्र रूप से बैठकें कर सकते हैं, अपने विचार साझा कर सक

पूंजीपतियो ने राजनीति को खरीद रखा हैं, आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग राजनीति में कर रहे गुलामी, जितनी मेहनत वो दूसरो के लिए कर रहे हैं अगर वो उतनी मेहनत अपने लिए कर ले तो वो खुद पूंजीपती हों जाएंगे, छत छीनकर कंबल दान करने की कला को ही राजनीति कहते हैं

 पूंजीपतियो ने राजनीति को खरीद रखा हैं, आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग राजनीति में कर रहे गुलामी, जितनी मेहनत वो दूसरो के लिए कर रहे हैं अगर वो उतनी मेहनत अपने लिए कर ले तो वो खुद पूंजीपती हों जाएंगे, छत छीनकर कंबल दान करने की कला को ही राजनीति कहते हैं   ढीमरखेड़ा | आज राजनीति का स्वरूप तेजी से बदल रहा है, और यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि पूंजीपतियों ने राजनीति पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग इस स्थिति का शिकार बनते हुए खुद को राजनीतिक गुलामी की स्थिति में पा रहे हैं। जो मेहनत ये लोग दूसरों के लिए करते हैं, अगर वही अपने विकास के लिए करें तो वे भी एक सशक्त और समर्थ वर्ग के रूप में उभर सकते हैं। आज के दौर में पूंजीपतियों का राजनीतिक पार्टियों में आर्थिक समर्थन बहुत प्रभावशाली बन गया है। वे अपनी आर्थिक ताकत के बल पर न केवल नीतियों और योजनाओं को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि अपने हितों को साधने के लिए नेताओं को अपनी उंगलियों पर नचाने का काम कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, राजनीति का मकसद अब जनता की भलाई की जगह पूंजीपतियों के हितों की रक्षा बन गया है। *आर्थिक रूप से

एक ही खेल मैदान पूरे उमरियापान में वह भी सुरक्षित नहीं हॉस्पिटल बनने की तैयारी में खेल प्रेमियों में देखी जा रही हैं निराशा

 एक ही खेल मैदान पूरे उमरियापान में वह भी सुरक्षित नहीं हॉस्पिटल बनने की तैयारी में खेल प्रेमियों में देखी जा रही हैं निराशा  ढीमरखेड़ा |  उमरियापान का अधेली बाग खेल मैदान ढीमरखेड़ा और समूचे क्षेत्र के खेल प्रेमियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थल है, जो वर्षों से क्रिकेट और अन्य खेल गतिविधियों के लिए एक मंच प्रदान करता आ रहा है। इस मैदान से जुड़ी भावनाएँ और इसके ऐतिहासिक योगदान इस क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व हैं। हाल ही में यहां अस्पताल निर्माण की योजना ने खेल प्रेमियों के बीच निराशा पैदा की है, क्योंकि यह मैदान अब तक खेल गतिविधियों के केंद्र के रूप में काम करता रहा है। अधेली बाग खेल मैदान की नींव पूर्व राज्य सभा सदस्य शिवप्रसाद चमपुरिया द्वारा रखी गई थी। इस मैदान का निर्माण खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा गया था, क्योंकि यह उमरियापान जैसे छोटे से कस्बे में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। मैदान के विकास की दिशा में कई प्रमुख नेताओं ने अपना योगदान दिया, जिनमें पूर्व मंत्री श्रावण भाई पटेल ने मैदान की तीन तरफ की बाउंड्री का निर्माण करवाया।

सट्टा खिलवा रहा पत्रकार नमूना बनी दुकान शाहडार के जंगलों में जुआ में भी पकड़ा गया था अपने आपको समझ रहा बहुत बड़ा ज्ञानी पत्रकारिता को कर रहा बदनाम पत्रकारिता केवल आड़ के लिए आड़ में काट रहा सट्टा में झाड़, विवादों से इसका गहरा नाता, यह पत्रकारिता नही यह तो सट्टागिरी है

 सट्टा खिलवा रहा पत्रकार नमूना बनी दुकान शाहडार के जंगलों में जुआ में भी पकड़ा गया था अपने आपको समझ रहा बहुत बड़ा ज्ञानी पत्रकारिता को कर रहा बदनाम पत्रकारिता केवल आड़ के लिए आड़ में काट रहा सट्टा में झाड़, विवादों से इसका गहरा नाता, यह पत्रकारिता नही यह तो सट्टागिरी है  ढीमरखेड़ा |  सट्टा और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों का समाज पर गहरा नकारात्मक प्रभाव होता है। यह न केवल व्यक्तिगत रूप से लोगों के जीवन को बर्बाद करता है बल्कि समुदाय और समाज की नैतिकता को भी गिरावट की ओर ले जाता है। जब पत्रकार जैसे जिम्मेदार पेशे से जुड़े व्यक्ति इन अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं, तो यह और भी अधिक चिंता का विषय बन जाता है, क्योंकि पत्रकारों की जिम्मेदारी होती है कि वे समाज के हित में सत्य और न्याय की आवाज़ उठाएं। दुर्भाग्य से, आजकल कुछ पत्रकार पत्रकारिता का आड़ लेकर ऐसे घृणित कार्यों में संलिप्त हो रहे हैं, जिससे न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत की साख पर बुरा असर पड़ रहा है। *सट्टा खिलाने वाले पत्रकार का मामला बटोर रहा सुर्खियां, दूसरो को बांट रहा ज्ञान* आप जिस पत्रकार के बारे मे

एक आदमी को देखने के लिए अनेकों आदमियों की भीड़ एकजुट होती हैं जिला कलेक्टर का रुतबा आज भी ऐसा कि सब लोग समस्या के साथ देखने के लिए रहते हैं तैयार UPSC जैसी परीक्षा को पास करके IAS के पद पर मनोनीत होते हैं, भारत के सबसे कठिन परीक्षा में से एक हैं UPSC

 एक आदमी को देखने के लिए अनेकों आदमियों की भीड़ एकजुट होती हैं जिला कलेक्टर का रुतबा आज भी ऐसा कि सब लोग समस्या के साथ देखने के लिए रहते हैं तैयार UPSC जैसी परीक्षा को पास करके IAS के पद पर मनोनीत होते हैं, भारत के सबसे कठिन परीक्षा में से एक हैं UPSC  ढीमरखेड़ा | दैनिक ताजा ख़बर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय का कहना है कि आज के समय में भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का आकर्षण और सम्मान बरकरार है। भारतीय समाज में IAS अधिकारी का रुतबा किसी भी अन्य सरकारी सेवा से कहीं ऊंचा माना जाता है। एक IAS अधिकारी को समाज में न केवल एक उच्च स्थान प्राप्त होता है, बल्कि वे जनता के विभिन्न मुद्दों को सुलझाने में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसमें उनकी निर्णय लेने की क्षमता, प्रशासनिक दक्षता, और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी संवेदनशीलता प्रमुख होती है। यह मान्यता आज भी कायम है कि जब एक जिला कलेक्टर किसी स्थान पर पहुंचता है, तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो जाते हैं। जिला कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक ढांचे में सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक है। एक जिला कलेक्टर का मुख्य कार्य अपने जिले की सम

भैंसो के रुप में आजीविका मिशन ने स्व. सहायता समूह के गले में लटका दिया फांसी का फंदा, चना की भाजी जैसे खोट - खोट खा रहे आजीविका मिशन वाले, एक योजना के खोटते ही दूसरी योजना आ जाती हैं , भैस खरीदी में आजीविका मिशन का भ्रष्टाचार, समूहों को झूठ बोलकर थमा दी भैसें 40 हजार की भैंस देकर वसूल रहे 80 हजार समूहों ने सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को की शिकायत दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग

 भैंसो के रुप में आजीविका मिशन ने स्व. सहायता समूह के गले में लटका दिया फांसी का फंदा, चना की भाजी जैसे खोट - खोट खा रहे आजीविका मिशन वाले, एक योजना के खोटते ही दूसरी योजना आ जाती हैं , भैस खरीदी में आजीविका मिशन का भ्रष्टाचार, समूहों को झूठ बोलकर थमा दी भैसें 40 हजार की भैंस देकर वसूल रहे 80 हजार समूहों ने सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को की शिकायत दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग ढीमरखेड़ा | आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उनके जीवन में सुधार लाना है। लेकिन ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत के स्व-सहायता समूहों द्वारा की गई शिकायतों ने इस मिशन की पारदर्शिता और कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, जहां अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कर ग्रामीणों को धोखे में रखा और उन्हें कम दूध देने वाली भैंसें उपलब्ध कराई, लिहाज़ा शासन की नीतियों और योजनाओं को बर्बाद करने की मंशा रखने वाले अधिकारियों की कार्यप्रणाली को उजागर किया है। *भ्रष्टाचार का स्वरूप देखने योग्य* ढीमरखेड़ा जनपद के अंतर्ग

मध्यप्रदेश में जिला पंचायत सदस्य की श्रेणी में जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय प्रथम और कटनी जिला में महिलाओं मे प्रथम स्थान सदस्यता अभियान में

 मध्यप्रदेश में जिला पंचायत सदस्य की श्रेणी में जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय प्रथम और कटनी जिला में महिलाओं मे प्रथम स्थान सदस्यता अभियान में ढीमरखेड़ा |  भारतीय जनता पार्टी द्वारा कटनी जिले में संगठन पर्व में चलाए जा रहे प्राथमिक सदस्यता अभियान में जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। अब सक्रिय सदस्यता में भी उत्साह सदस्य बनाने का क्रम जारी है। जिले में सदस्यता रफ्तार की सफलता इसी से जानी जा सकती है कि प्रदेश में रेफरल कोड के माध्यम से सदस्यता कराने में जिला पंचायत सदस्य की श्रेणी में पूरे मध्य प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय मध्य प्रदेश में प्रथम पर हैं। कटनी जिले में अब तक महिलाओं में सदस्यता अभियान प्रथम स्थान पर है । जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय ने बताया कि सदस्यता अभियान में पूरे सिलौड़ी क्षेत्र के हर गांव हर घरेलू से कामकाजी ग्रहणी महिला, श्रमिक, कृषक से लेकर मध्यमवर्गीय और उच्चवर्गीय लोगों अर्थात हर स्तर पर लोगों ने बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिया तथा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की । संगठन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से चलाए गए सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर ढीमरखेड़ा |  विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा अजीत सिंह परिहार, एपीओ (असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर) जनपद ढीमरखेड़ा के स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए लिखा गया पत्र, क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण बिना किसी ठोस कारण के ढीमरखेड़ा से कर दिया गया है, जबकि उनकी कार्यप्रणाली अच्छी रही है और उन्हें क्षेत्र के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में, विधायक ने जिला कटनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संबंध किसी भी क्षेत्र में प्रशासनिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण

शुशांक (शैंकी ) सुभाष चौरसिया युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष उमरियापान के द्वारा भाजपा में जमकर की जा रही हैं मेहनत इनके कारण ही भाजपा सतह पर दिखा रहीं हैं कमाल, भाजपा संगठन के लिए हमेशा रहते हैं तैयार, इनकी कार्यप्रणाली से बड़े से बड़े नेता होते हैं प्रभावित

 शुशांक (शैंकी ) सुभाष चौरसिया युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष उमरियापान के द्वारा भाजपा में जमकर की जा रही हैं मेहनत इनके कारण ही भाजपा सतह पर दिखा रहीं हैं कमाल, भाजपा संगठन के लिए हमेशा रहते हैं तैयार, इनकी कार्यप्रणाली से बड़े से बड़े नेता होते हैं प्रभावित ढीमरखेड़ा |  शुशांक (शैंकी) सुभाष चौरसिया, जो कि युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष, उमरियापान के रूप में कार्यरत हैं, भाजपा संगठन के लिए अपने समर्पण और अथक परिश्रम के लिए जाने जाते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता, जुझारूपन, और निस्वार्थ सेवा भावना के कारण वह भारतीय जनता पार्टी के संगठन के लिए एक अनमोल धरोहर साबित हो रहे हैं।शुशांक चौरसिया की मेहनत और समर्पण के कारण भाजपा का प्रभाव सतह पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। शुशांक चौरसिया का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, जहाँ उन्होंने बचपन से ही समाज सेवा और राजनीति के प्रति गहरी रुचि दिखाई। उनके परिवार में भी राजनीतिक जागरूकता थी, लेकिन शुशांक ने खुद को विशेष रूप से युवा मोर्चा के माध्यम से राजनीति में कदम रखा।भाजपा के आदर्शों और सिद्धांतों से प्रभावित होकर, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ही अपना राजन

जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को लिखा पत्र पुराने क्षतिग्रस्त भवनों की बुलवाई सूची, क्षतिग्रस्त भवनों की नीलामी में चल रहा गोलमाल, शासन को लग रहा चूना अब बैठेगी उच्च स्तरीय जांच तो खुलेंगे राज

 जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को लिखा पत्र पुराने क्षतिग्रस्त भवनों की बुलवाई सूची, क्षतिग्रस्त भवनों की नीलामी में चल रहा गोलमाल, शासन को लग रहा चूना अब बैठेगी उच्च स्तरीय जांच तो खुलेंगे राज  ढीमरखेड़ा |  ढीमरखेड़ा क्षेत्र में शाला भवनों की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय रही है। कई विद्यालय भवन इतने पुराने हो गए हैं कि उनकी मरम्मत संभव नहीं थी, और वे छात्रों और शिक्षकों के लिए सुरक्षा खतरा उत्पन्न कर रहे थे। इस कारण से, कई भवनों को ध्वस्त करना पड़ा। जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने इस संदर्भ में एक विस्तृत जांच और सभी प्रक्रियाओं के रिकॉर्ड को संकलित करने के लिए शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है। पत्र में उन सभी प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं की सूची मांगी गई है जो वर्ष 2022 से लेकर अब तक ढीमरखेड़ा क्षेत्र में संचालित थीं और जिनके भवन पुराने और जीर्ण-शीर्ण हो चुके थे। इस सूची में उन सभी भवनों का उल्लेख होना चाहिए जिन्हें अधिकारियों द्वारा ध्वस्त किया गया। *ध्वस्त किए गए भवनों की तिथि और अनुमति* पत्र में यह जानने की इच्छा प्रकट की गई है कि इन भवनों को ध्वस्

ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम

 ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम ढीमरखेड़ा |  सरपंच फ़ोरम के अध्यक्ष महेश कुमार यादव, उपाध्यक्ष संकेत लोनी, सचिव दीनू सिंह ठाकुर एवं ढीमरखेड़ा जनपद के समस्त सरपंचों ने मिलकर कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया, जिसमें डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है। सरपंच फ़ोरम का मानना है कि डॉक्टर अजीत सिंह एक ईमानदार, जिम्मेदार और मिलनसार अधिकारी हैं जिन्होंने न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बरती है, बल्कि ग्रामीण जनता के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को सुलझाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। फ़ोरम का कहना है कि डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण से ढीमरखेड़ा क्षेत्र के विकास कार्यों में अवरोध पैदा हो सकता है, क्योंकि उन्होंने अनेक ऐसे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की थी, जिन्हें पूरा करने में समय और प्रशासनिक अनुभव की आवश्यकता है। उनके स्थानांतरण से इन कार्यों की गति धीमी हो सकती है, और साथ ही, क्षेत्र की जनता को भी नुकसान हो सकता है, जो उनकी सेवाओं से काफी संतुष्ट थी। फ़ो

धान की फसल हुई पैरा में तब्दील सूखा रोग से हुआ नुकसान अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके को किसानों ने सौपा ज्ञापन

 धान की फसल हुई पैरा में तब्दील सूखा रोग से हुआ नुकसान अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके को किसानों ने सौपा ज्ञापन  ढीमरखेड़ा | धान की फसल में सूखा रोग एक प्रकार की बीमारी है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'ब्लास्ट' (Blast) कहा जाता है। इस रोग का प्रभाव पौधे की पत्तियों, तनों और दानों पर होता है, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं और धान का उत्पादन कम हो जाता है। जब इस रोग का प्रसार तेजी से होता है, तो फसलें सूखने लगती हैं और उत्पादन में भारी गिरावट आ जाती है। सूखा रोग कई कारणों से होता है, जिनमें प्रतिकूल मौसम, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, जल की अनुपलब्धता, और फसल की देखभाल में कमी प्रमुख हैं। *प्रभावित क्षेत्र और नुकसान* ढीमरखेड़ा और सिलौड़ी क्षेत्र के कई गाँवों जैसे गोपालपुर, गूंडा, अतरसूमा, घाना, बम्हौरी, दशरमन, गनियारी, मुरवारी, और पिड़रई में धान की फसल सूखा रोग से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। किसानों के अनुसार सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी धान की फसल का 60 से 80 प्रतिशत तक हिस्सा खराब हो चुका है। यह संकट बहुत बड़ा है क्योंकि इन गाँवों में ज्यादातर किसान ध

उपयोग मत होहिएं, उपयोगी बनिएं, हमेशा वो मत देखो जो दिखाया जा रहा हैं वो देखो जो छुपाया जा रहा हैं शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पिएगा वो दहाड़ेगा, तुम्हारे पैरों में जूते भले न हो, लेकिन तुम्हारे हाथों में किताबें होनी चाहिए

 उपयोग मत होहिएं, उपयोगी बनिएं, हमेशा वो मत देखो जो दिखाया जा रहा हैं वो देखो जो छुपाया जा रहा हैं शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पिएगा वो दहाड़ेगा, तुम्हारे पैरों में जूते भले न हो, लेकिन तुम्हारे हाथों में किताबें होनी चाहिए ढीमरखेड़ा |  दैनिक ताजा ख़बर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय का यह मानना कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो इसे ग्रहण करेगा वह समाज में एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली स्थान प्राप्त करेगा, हमारे समाज में शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट करता है। यह कथन हमें यह बताता है कि शिक्षा केवल ज्ञान और जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शक्ति, आत्मविश्वास, और स्वतंत्रता का स्रोत है। शिक्षित व्यक्ति अपने अधिकारों को पहचानता है, अपनी समस्याओं का समाधान निकालता है, और समाज में एक सक्रिय भूमिका निभाता है। शिक्षा हमें न केवल बौद्धिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि यह हमारी सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और समाज में योगदान करने की भावना को भी प्रबल करती है। एक शिक्षित व्यक्ति सही और गलत के बीच अंतर कर सकता है, और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। *उपयोगी बनने का महत्व* राहुल प

ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान के नेतृत्व में अवैध शराब व्यापारी पर सिलौड़ी चौकी प्रभारी का शिकंजा, अवैध कारोबारियों पर ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान के नाम की दहशत

 ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान के नेतृत्व में अवैध शराब व्यापारी पर सिलौड़ी चौकी प्रभारी का शिकंजा, अवैध कारोबारियों पर ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान के नाम की दहशत  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा थाना अंतर्गत सिलौड़ी चौकी पुलिस ने अवैध शराब व्यापार पर बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के निर्देश पर की गई, जिन्होंने जिले में नशे पर सख्त अंकुश लगाने और नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। इस विशेष अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया और अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश गौर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा के नेतृत्व में 15 अक्टूबर 2024 को 34 (2) आबकारी एक्ट के तहत 57.6 लीटर अवैध शराब के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब 14 अक्टूबर 2024 को थाना ढीमरखेड़ा में एक सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम दशरमन के समीप बहादुर चक्रवर्ती के खेत में दो व्यक्ति अवैध शराब के साथ मौजूद हैं और विक्रय के लिए ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। मुखबिर की इस सूचना के आधार पर पुलिस ने