तीसरी बार आन्या लेगी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग, क्षेत्र एवं माता - पिता का बढ़ाया मान
कटनी | 14 वर्षीय आन्या सिंह का नाम आज कटनी जिले और राज्यस्तर पर गर्व का विषय बन गया है। तैराकी में अपनी अद्वितीय प्रतिभा के चलते उसने न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। वह लगातार तीसरी बार राज्य स्तरीय अंडर-14 बालिका तैराकी प्रतियोगिता में चयनित हुई है। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उसकी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ने उसे यहाँ तक पहुँचाया है। इस उपलब्धि के पीछे न केवल आन्या की लगन है बल्कि उसके माता-पिता का भी अथक सहयोग और समर्पण है। आन्या का तैराकी के प्रति लगाव बचपन से ही था। जब उसने पहली बार तैराकी पूल में कदम रखा, तो उसे इस खेल में अद्वितीय आनंद मिला। आन्या की माता अंजली अजीत सिंह परिहार ने प्रारंभ में ही उसकी इस रुचि को पहचाना और उसे प्रोत्साहित करना शुरू किया। उनकी माँ ने उसे तैराकी में प्रशिक्षित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाए। आन्या ने स्वयं से तैराकी सीखने का निर्णय लिया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए एक साहसी कदम था। जब बच्चे सामान्य खेलों में रुचि लेते हैं, आन्या ने तैराकी जैसे खेल को चुना, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृढ़ता भी मांगता है।
*लगातार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयन*
आन्या सिंह की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने तीन बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित होकर परिवार और जिले का मान बढ़ाया है। हर बार उसने न केवल अपने प्रदर्शन को बेहतर किया, बल्कि अन्य प्रतियोगियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी। पहली बार जब उसने प्रतियोगिता में भाग लिया, तो उसे एहसास हुआ कि मेहनत और समर्पण से कुछ भी संभव है। अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर उसने लगातार अपनी प्रदर्शन क्षमता में सुधार किया और अगली बार के लिए और भी बेहतर तैयारी की।
*अरिंदम होटल में कठिन प्रशिक्षण*
आन्या की तैराकी की यात्रा में उसकी माँ का योगदान अविस्मरणीय है। उसकी माँ ने अपनी बेटी के लिए हर संभव सुविधा जुटाई ताकि वह राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए पूरी तैयारी कर सके। अरिंदम होटल में प्रशिक्षण के दौरान, आन्या ने न केवल शारीरिक रूप से खुद को मजबूत किया बल्कि मानसिक रूप से भी इस कठिन यात्रा के लिए तैयार हुई। उसकी माँ ने हर रोज उसे प्रशिक्षण दिलवाया, और यह निरंतर प्रयास ही था जिसने उसे आज यहाँ तक पहुँचाया। कठिनाईयों का सामना करते हुए भी आन्या ने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही।
*सम्मान और पहचान*
आन्या की उपलब्धियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने उसे कई बार सम्मानित किया है। 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर उसे राज्य और जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। प्रशासन और जनता ने उसे और उसके परिवार को तैराकी में उसकी असाधारण क्षमता और समर्पण के लिए सराहा। यह सम्मान न केवल उसके लिए गर्व का विषय था बल्कि उसके माता-पिता के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि थी। अपनी बेटी की उपलब्धियों पर गर्व करते हुए, अजीत सिंह परिहार और अंजली अजीत सिंह परिहार ने इसे अपनी बेटी की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया।
*स्कूल में शिक्षकों का समर्थन*
दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्राचार्या और प्रबंधन ने भी आन्या की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया। स्कूल के अनुसार, आन्या उनकी एक होनहार छात्रा है, और उसने तैराकी के क्षेत्र में अपने स्कूल का नाम भी रौशन किया है। स्कूल प्रशासन ने उसे विशेष रूप से सम्मानित किया और कहा कि उसका समर्पण अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणादायक है। छोटे शहर से आकर राज्य स्तर पर तैराकी प्रतियोगिता में लगातार भाग लेना, किसी भी छात्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, और आन्या ने इसे संभव कर दिखाया है।
*माता-पिता का समर्पण*
आन्या के माता-पिता ने हमेशा उसकी इच्छाओं और सपनों को महत्व दिया। खासकर उसकी माँ अंजली अजीत सिंह परिहार, जो उसकी सबसे बड़ी प्रेरणा रही हैं। जब समाज में कई लोग यह सोचते हैं कि लड़कियों को केवल पढ़ाई या घरेलू कामों तक सीमित रखा जाए, अंजली ने अपनी बेटी के सपनों को उड़ान भरने का मौका दिया। उन्होंने कभी भी उसकी तैराकी के सपने को छोटा नहीं समझा और हर संभव मदद की। उन्होंने न केवल उसके लिए आर्थिक रूप से मदद की बल्कि मानसिक रूप से भी उसे मजबूती दी।
*क्षेत्र में एक नई पहचान*
आन्या सिंह की सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि कटनी जिले को भी एक नई पहचान दिलाई है। छोटे शहरों से उभरते हुए खिलाड़ी जब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाते हैं, तो यह पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात होती है। आन्या की निरंतर सफलता ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी बड़े शहर की मोहताज नहीं होती, बल्कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी ऊँचाइयाँ छू सकता है।
*समाज का समर्थन और बधाइयाँ*
आन्या की लगातार सफलताओं को देखकर समाज के विभिन्न तबकों से उसे और उसके परिवार को बधाइयाँ मिल रही हैं। उसकी सफलता को समाज ने एक सकारात्मक दिशा में देखा है, और लोगों ने उसकी सराहना की है। कई सामाजिक और प्रशासनिक हस्तियों ने भी उसकी उपलब्धियों पर बधाई संदेश भेजे हैं। इसके अलावा, आन्या के दोस्त और परिवार जन भी उसकी इस सफलता से बहुत खुश हैं। उनके समर्थन ने भी उसे इस मुकाम तक पहुँचने में मदद की है।
*मेहनत ही सफलता का राज हैं*
हालांकि आन्या ने अब तक तैराकी में कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं, लेकिन उसके सामने अब भी कई चुनौतियाँ हैं। लगातार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में चयनित होने के बाद अब उसका अगला लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना है। इसके लिए उसे और भी कठिन प्रशिक्षण और समर्पण की आवश्यकता होगी। साथ ही, प्रतियोगिताओं में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते उसे मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से और भी मजबूत होना होगा। आने वाले समय में आन्या को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल सकती है, अगर वह इसी तरह से मेहनत करती रही। उसके लिए अब यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित रखे और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर प्रयास करती रहे।कुमारी आन्या सिंह ने तैराकी के क्षेत्र में जो पहचान बनाई है, वह न केवल उसके लिए बल्कि पूरे कटनी जिले और राज्य के लिए गर्व का विषय है। उसकी लगातार तीन बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित होने की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उसके माता-पिता, विशेषकर उसकी माँ, ने जो समर्पण दिखाया है, वह प्रेरणादायक है। आन्या की यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है, बल्कि यह उसकी सफलता की शुरुआत है। अगर वह इसी तरह से मेहनत करती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन करेगी।
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