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ढीमरखेड़ा एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके एक बार फिर चर्चा में समय पर पहुंचकर बच्चो को दिलवाया उच्च चिकित्सा सुविधा ताकि बच्चे चंद घंटे में हों गए स्वस्थ्य एस.डी.एम. ढीमरखेड़ा विंकी सिंह मारे उइके की चारों तरफ हों रही प्रशंसा प्रसाद की बूंदी खाकर अस्वस्थ हुए गनियारी स्कूल के 24 छात्र उमरियापान अस्पताल से हुए डिस्चार्ज

 ढीमरखेड़ा एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके एक बार फिर चर्चा में समय पर पहुंचकर बच्चो को दिलवाया उच्च चिकित्सा सुविधा ताकि बच्चे चंद घंटे में हों गए स्वस्थ्य एस.डी.एम. ढीमरखेड़ा विंकी सिंह मारे उइके की चारों तरफ हों रही प्रशंसा प्रसाद की बूंदी खाकर अस्वस्थ हुए गनियारी स्कूल के 24 छात्र उमरियापान अस्पताल से हुए डिस्चार्ज  ढीमरखेड़ा | शासकीय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा और उनकी सेहत एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है, खासकर तब जब यह बच्चों के स्वास्थ्य और उनके जीवन से जुड़ा हो। ढीमरखेड़ा विकासखंड के गनियारी गांव में घटित एक ऐसी ही घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जहां प्रसाद के रूप में बूंदी खाने के बाद 24 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। जिसमें जिला प्रशासन ने त्वरित और समन्वित कार्रवाई कर बच्चों की जान बचाई, जिससे पूरे क्षेत्र में प्रशासन की प्रशंसा हो रही है। घटना सोमवार को दोपहर के समय घटित हुई, जब विकासखंड ढीमरखेड़ा के शासकीय हाईस्कूल गनियारी के परिसर में स्थित प्राथमिक स्कूल में प्रसाद के रूप में बूंदी का वितरण किया गया। यह प्रसाद स्कूल की रसोइया राजकुमारी सेन द्वारा वितरित किया गया था, जिस

दैंगवां महगवां में बचन सिंह परस्ते की मनमानी चरम पर स्व - सहायता समूह के द्वारा भोजन ख़राब बनवाकर बच्चों को दिलवा रहे ख़राब भोजन बचन सिंह परस्ते अपना खाता नंबर लगवाकर समूह के पैसों का कर रहे गबन अनुदान राशि 3 लाख रूपए का पता नहीं, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव करवाएंगे जांच, शिक्षक भी विद्यालय में पाए जाते हैं सोते

 दैंगवां महगवां में बचन सिंह परस्ते की मनमानी चरम पर स्व - सहायता समूह के द्वारा भोजन ख़राब बनवाकर बच्चों को दिलवा रहे ख़राब भोजन बचन सिंह परस्ते अपना खाता नंबर लगवाकर समूह के पैसों का कर रहे गबन अनुदान राशि 3 लाख रूपए का पता नहीं, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव करवाएंगे जांच, शिक्षक भी विद्यालय में पाए जाते हैं सोते ढीमरखेड़ा | दैंगवां महगवां में स्व-सहायता समूहों द्वारा चलाए जा रहे भोजन कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की समस्या गंभीर हो गई है। इस मामले में बचन सिंह परस्ते की भूमिका सवालों के घेरे में है। उन पर आरोप है कि उन्होंने स्व-सहायता समूहों द्वारा बच्चों के लिए बनवाए जा रहे भोजन को जानबूझकर खराब तरीके से तैयार करवाया, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा, बचन सिंह परस्ते पर यह भी आरोप है कि उन्होंने स्व-सहायता समूह के पैसों का गबन किया और अपने खाते का नंबर लगवाकर अनुदान राशि का दुरुपयोग किया है। *स्व-सहायता समूहों में अनियमितताएँ* स्व-सहायता समूहों का मुख्य उद्देश्य होता है ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। ये

कुछ शिक्षक विभाग के अंदर की जानकारी यहां - वहां करवाकर सीधे - शांत शिक्षको को करवाते हैं परेशान ऐसे शिक्षकों की जल्द होनी चाहिए जांच, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव करे इनको बर्खास्त

 कुछ शिक्षक विभाग के अंदर की जानकारी यहां - वहां करवाकर सीधे - शांत शिक्षको को करवाते हैं परेशान ऐसे शिक्षकों की जल्द होनी चाहिए जांच, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव करे इनको बर्खास्त  ढीमरखेड़ा |  शिक्षा विभाग किसी भी देश के विकास का एक स्तंभ है, जहां शिक्षकों की भूमिका समाज को ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करने में होती है। जब शिक्षकों से जुड़े मुद्दे सामने आते हैं, खासकर उन मामलों में जहां भ्रष्टाचार या अन्य अनुचित गतिविधियों का आरोप हो, तो यह समाज के लिए चिंता का विषय बन जाता है। विशेषकर जब कुछ शिक्षक विभाग के भीतर अंदरूनी जानकारियां यहां- वहां करके सीधे और शांतिप्रिय शिक्षकों को परेशान करते हैं। यह स्थिति न केवल शिक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, बल्कि उन शिक्षकों के मनोबल को भी तोड़ती है, जो पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। *खुद रहते हैं अनुपस्थित और दूसरे शिक्षकों की करवा रहे जांच* शिक्षा के क्षेत्र में यदि कुछ शिक्षक खुद को सत्ता के करीब पाते हैं और अपने लाभ के लिए सत्ता का दुरुपयोग करते हैं, तो इसका असर सीधे उन शिक्षकों पर पड़ता है जो केवल अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। कुछ

ढीमरखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में भाजपा सदस्यता अभियान में सबसे ज्यादा हुई सदस्यता , ढीमरखेड़ा क्षेत्र के अलग - अलग हिस्सों में की गई बैठकें , ढीमरखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी हमेशा जनता की मांग के अनुसार करते हैं कार्य इसलिए सबसे लोकप्रिय नेता में नाम हैं नरेंद्र त्रिपाठी का

 ढीमरखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में भाजपा सदस्यता अभियान में सबसे ज्यादा हुई सदस्यता , ढीमरखेड़ा क्षेत्र के अलग - अलग हिस्सों में की गई बैठकें , ढीमरखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी हमेशा जनता की मांग के अनुसार करते हैं कार्य इसलिए सबसे लोकप्रिय नेता में नाम हैं नरेंद्र त्रिपाठी का  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने अपने नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान में एक अद्वितीय सफलता हासिल की है। उनके प्रभावशाली और कर्मठ नेतृत्व में ढीमरखेड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में सदस्यता अभियान के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें की गईं, जिनका उद्देश्य न केवल भाजपा की सदस्य संख्या बढ़ाना था, बल्कि पार्टी के विचारों और आदर्शों को जमीनी स्तर तक पहुंचाना भी था। नरेंद्र त्रिपाठी का यह अभियान उनकी कुशल रणनीति, दृढ़ संकल्प, और जनता के प्रति उनकी निष्ठा का परिणाम है। उनके कार्यों को देखकर जिले के वरिष्ठ नेताओं का ध्यान भी इस ओर गया, जो इस बात का प्रमाण है कि उनका नेतृत्व न केवल ढीमरखेड़ा में, बल्कि पूरे जिले में प्रशंसा का पात्र है। नरेंद्र त्

तीसरी बार आन्या लेगी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग, क्षेत्र एवं माता - पिता का बढ़ाया मान

 तीसरी बार आन्या लेगी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग, क्षेत्र एवं माता - पिता का बढ़ाया मान  कटनी | 14 वर्षीय आन्या सिंह का नाम आज कटनी जिले और राज्यस्तर पर गर्व का विषय बन गया है। तैराकी में अपनी अद्वितीय प्रतिभा के चलते उसने न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। वह लगातार तीसरी बार राज्य स्तरीय अंडर-14 बालिका तैराकी प्रतियोगिता में चयनित हुई है। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उसकी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ने उसे यहाँ तक पहुँचाया है। इस उपलब्धि के पीछे न केवल आन्या की लगन है बल्कि उसके माता-पिता का भी अथक सहयोग और समर्पण है। आन्या का तैराकी के प्रति लगाव बचपन से ही था। जब उसने पहली बार तैराकी पूल में कदम रखा, तो उसे इस खेल में अद्वितीय आनंद मिला। आन्या की माता अंजली अजीत सिंह परिहार ने प्रारंभ में ही उसकी इस रुचि को पहचाना और उसे प्रोत्साहित करना शुरू किया। उनकी माँ ने उसे तैराकी में प्रशिक्षित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाए। आन्या ने स्वयं से तैराकी सीखने का निर्णय लिया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए एक साहसी कदम था। जब बच्चे सामान्य खेलों में रुचि लेते हैं, आन्य

ढीमरखेड़ा एस. डी. एम. विंकी सिंह मारे उइके ने बाढ़ आपदा में प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जमकर किया दौरा, हर समस्या के निदान के लिए प्रशासनिक तौर पर रहती हैं तैयार, उनके कार्य की उच्च अधिकारी तक करते हैं तारीफ

 ढीमरखेड़ा एस. डी. एम. विंकी सिंह मारे उइके ने बाढ़ आपदा में प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जमकर किया दौरा, हर समस्या के निदान के लिए प्रशासनिक तौर पर रहती हैं तैयार, उनके कार्य की उच्च अधिकारी तक करते हैं तारीफ  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा (एस.डी.एम.) विंकी सिंह मारे उइके ने बाढ़ आपदा के दौरान प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया, वह न केवल जनता की भलाई के लिए समर्पित प्रयास का उदाहरण है बल्कि प्रशासनिक दक्षता का एक अद्वितीय मॉडल भी प्रस्तुत करता है। उनके नेतृत्व में आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर गहन ध्यान दिया गया और हर समस्या का समाधान ढूंढने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तत्परता दिखाई गई। *बाढ़ आपदा के दौरान सक्रिय भूमिका* ढीमरखेड़ा में बाढ़ के हालात अत्यंत विकट थे। नदियाँ और नाले उफान पर थे, जिससे कई गाँवों का संपर्क शेष क्षेत्र से टूट गया था। ऐसी स्थिति में एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके ने खुद क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया और प्रशासनिक कार्यों की देखरेख की। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में व्यक्तिगत रूप से जाकर लोगों की समस्याओं को सुना और तत्काल समाधान के लिए कद

सरकार के द्वारा जितनी फ्री योजना दी जा रहीं हैं सबको बंद कर दिया जाए फ्री की योजना पाकर व्यक्ति कार्य करने की दक्षता को भूलता जा रहा हैं बल्कि फ्री की योजना की जगह पर हर व्यक्ति को अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि व्यक्ति फ्री की योजना लेने की जगह पर सरकार को खुद टैक्स दे

 सरकार के द्वारा जितनी फ्री योजना दी जा रहीं हैं सबको बंद कर दिया जाए फ्री की योजना पाकर व्यक्ति कार्य करने की दक्षता को भूलता जा रहा हैं बल्कि फ्री की योजना की जगह पर हर व्यक्ति को अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि व्यक्ति फ्री की योजना लेने की जगह पर सरकार को खुद टैक्स दे  ढीमरखेड़ा | सरकार द्वारा चलाई जा रही फ्री योजनाएं वर्तमान समय में लोगों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं, परंतु यह सत्य है कि लंबे समय तक ऐसी योजनाओं पर निर्भरता समाज और व्यक्ति के विकास के लिए एक चुनौती बन सकती है। फ्री योजनाएं जैसे मुफ्त राशन, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी आदि का उद्देश्य गरीब और वंचित वर्गों को राहत प्रदान करना है, ताकि वे जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। हालांकि, अगर इन योजनाओं का दुरुपयोग किया जाए या इन्हें स्थायी रूप से जारी रखा जाए, तो यह समाज की कार्यकुशलता और उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। *फ्री योजनाओं का प्रभाव, कार्य करने की दक्षता में कमी*  जब व्यक्ति को निरंतर मुफ्त सुविधाएं मिलती रहती हैं, तो उनमें काम करने की इच्छा कम हो सकती है। फ्री योजनाओं पर अत्यधिक

बिन शिक्षक के चल रहे सरकारी स्कूल कैसे आएंगी बच्चों में समझदारी, समझदारी न होने के कारण बच्चें जीवन जीने के रास्ते का नहीं कर पाते चयन ,दम तोड़ रही सरकारी शिक्षा व्यवस्था बिन शिक्षक - बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक लक्ष्य पाने के दिखाये जा रहे कोरे सपने

 बिन शिक्षक के चल रहे सरकारी स्कूल कैसे आएंगी बच्चों में समझदारी, समझदारी न होने के कारण बच्चें जीवन जीने के रास्ते का नहीं कर पाते चयन ,दम तोड़ रही सरकारी शिक्षा व्यवस्था बिन शिक्षक - बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक लक्ष्य पाने के दिखाये जा रहे कोरे सपने ढीमरखेड़ा | मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिला ब्लॉक में शिक्षा की स्थिति गंभीर रूप से चिंताजनक है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर एक बड़ा संकट गहराता जा रहा है। बच्चों को शिक्षित करने के लिए पर्याप्त साधन तो दूर, उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं हैं। इस भयावह स्थिति में सवाल उठता है कि जब सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नहीं होंगे, तो उन छात्रों का भविष्य कैसा होगा, जिन्हें देश का भविष्य माना जाता है? तहसील ढीमरखेड़ा की शिक्षा व्यवस्था पर जब दैनिक ताजा ख़बर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने नजर डाली, तो जो तस्वीर सामने आई, वह सरकार द्वारा घोषित निपुण भारत अभियान के लक्ष्यों से मेल नहीं खाती। निपुण भारत अभियान का उद्देश्य 2027 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करना है, परंतु जब सरकारी विद्यालय शिक्षक विहीन हो रहे हैं, तो ये लक्ष

ढीमरखेड़ा थाने में प्रधान आरक्षक के पद में पदस्थ कृष्णदत्त परौहा का शुगर के चलते हुआ निधन, ढीमरखेड़ा स्टॉप और रिश्तेदारों में शोक की लहर, नम आंखों से ग्रहग्राम दरौली में किया गया अंतिम संस्कार

 ढीमरखेड़ा थाने में प्रधान आरक्षक के पद में पदस्थ कृष्णदत्त परौहा का शुगर के चलते हुआ निधन, ढीमरखेड़ा स्टॉप और रिश्तेदारों में शोक की लहर, नम आंखों से ग्रहग्राम दरौली में किया गया अंतिम संस्कार ढीमरखेड़ा | कृष्णदत्त परौहा, जिनकी उम्र 58 वर्ष थी, एक अत्यंत कर्मठ और समर्पित प्रधान आरक्षक के पद में पदस्थ पुलिस कर्मचारी थे, जो ढीमरखेड़ा थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनके निधन ने न केवल उनके परिवार को शोकाकुल किया, बल्कि उनके साथी पुलिसकर्मियों और पूरे समुदाय में भी शोक की लहर दौड़ा दी। कुछ समय से वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, विशेष रूप से शुगर (मधुमेह) की बीमारी से। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, और अंततः 58 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। कृष्णदत्त परौहा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके जीवन में अनुशासन और कर्तव्यपरायणता की भावना बचपन से ही थी। उन्होंने अपने जीवन में समाज सेवा और अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदारी का महत्व समझा, जिसके कारण उन्होंने पुलिस विभाग में अपना करियर चुना। ढीमरखेड़ा थाने में प्रधान आरक्षक के रूप में उनका कार्यकाल बहुत ही

पुल तो अब ऐसे बनाएं जाते हैं ताकि बह जाएं, अंग्रेजो के समय की सड़क आज भी चल रहीं ढीमरखेड़ा क्षेत्र के अनेकों पुल और सड़क भ्रष्टाचार की गवाह

 पुल तो अब ऐसे बनाएं जाते हैं ताकि बह जाएं, अंग्रेजो के समय की सड़क आज भी चल रहीं ढीमरखेड़ा क्षेत्र के अनेकों पुल और सड़क भ्रष्टाचार की गवाह ढीमरखेड़ा | एक तरफ जहां अंग्रेजों द्वारा बनाए गए सड़कों और पुलों की मजबूती और टिकाऊपन को सराहा जाता है, वहीं आजकल के पुल और सड़कों के गुणवत्ता मानकों में गिरावट देखी जा रही है। वर्तमान समय में कई पुलों और सड़कों को ऐसा बनाया जा रहा है कि वे प्राकृतिक आपदाओं या सामान्य उपयोग में कुछ ही समय में खराब हो जाते हैं। अंग्रेजी शासनकाल के दौरान निर्मित सड़कें और पुल मुख्यतः इंजीनियरिंग के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए बनाए गए थे। इन निर्माण कार्यों में दीर्घकालिक उपयोगिता और मजबूती पर विशेष ध्यान दिया गया। उदाहरण के तौर पर, कई ऐसे मार्ग और पुल हैं जो लगभग 100 से अधिक वर्षों से उपयोग में आ रहे हैं। इन सड़कों का निर्माण प्राकृतिक सामग्रियों, जैसे कि पथरीले पत्थर और मजबूत सीमेंट से किया गया था, जिससे ये अत्यधिक टिकाऊ और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति प्रतिरोधी बने। अंग्रेजी शासनकाल के दौरान सड़कों और पुलों के निर्माण में दीर्घकालिक योजना और कड़े इंजीनियरिंग सिद्ध

जनपद शिक्षा केंद्र ढीमरखेड़ा के मॉडल विद्यालय में पांच दिवसीय एफ. एल. एन. प्रशिक्षण हुआ संपन्न

 जनपद शिक्षा केंद्र ढीमरखेड़ा के मॉडल विद्यालय में पांच दिवसीय एफ. एल. एन. प्रशिक्षण हुआ संपन्न  ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा के जनपद शिक्षा केंद्र में आयोजित पाँच दिवसीय एफ. एल. एन. (मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान) प्रशिक्षण का समापन हुआ। यह प्रशिक्षण कक्षा तीसरी और चौथी के विद्यार्थियों को साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान में दक्ष बनाने के उद्देश्य से किया गया था, जो भारत सरकार की नई शिक्षा नीति, निपुण भारत मिशन 2020 के तहत संचालित हो रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों में आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान को मजबूत करना प्राथमिक उद्देश्य था। निपुण भारत मिशन 2020 का उद्देश्य यह है कि कक्षा तीसरी तक के सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान में दक्षता प्राप्त हो। इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि शिक्षक नवीनतम शिक्षण विधियों और टीएलएम (शैक्षिक सामग्री) का इस्तेमाल करें, ताकि बच्चे इन विषयों को न केवल रट सकें बल्कि उसे समझकर इस्तेमाल कर सकें। इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान, बीआरसी प्रेम सिंह कोरी ने शिक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा की। इसमें आवधिक आकलन (पीरियॉडिक

भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर का राजनीति में कार्य करने का अलग अंदाज, सबसे ज्यादा सतह पर कर रहे हैं मेहनत, मेहनत ला रही हैं रंग जनता के चेहरे पर दिख रही है मुस्कान

 भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर का राजनीति में कार्य करने का अलग अंदाज, सबसे ज्यादा सतह पर कर रहे हैं मेहनत, मेहनत ला रही हैं रंग जनता के चेहरे पर दिख रही है मुस्कान  ढीमरखेड़ा | भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ठाकुर, जिन्हें दादा ठाकुर के नाम से भी जाना जाता है, अपने कार्यक्षेत्र में निरंतर सक्रियता और जनसेवा के कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने समाज के लिए जो कार्य किए हैं, उनमें से सबसे प्रमुख हैं ट्रांसफार्मर बदलवाना और नल-जल योजना को चालू करवाना। इन दोनों कार्यों ने गांवों और कस्बों के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। बिजली की कमी और खराब ट्रांसफार्मर के कारण न केवल लोगों को अंधेरे में जीवन व्यतीत करना पड़ता है, बल्कि इसका असर शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि पर भी पड़ता है। खराब ट्रांसफार्मर अक्सर बिजली आपूर्ति में बाधा डालते हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में जीवन कठिन हो जाता है। दादा ठाकुर ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और जगह-जगह पर खराब ट्रांसफार्मरों को बदलवाने का काम शुरू किया। योगेंद्र सिंह ठाकुर ने ना के

सिलौड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय और मंडल महामंत्री मनीष बागरी की पहल के कारण सिलौड़ी मंडल में जमकर लोगों ने ली भाजपा की सदस्यता , सिलौड़ी में दिखा भाजपा की सदस्यता अभियान का असर

 सिलौड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय और मंडल महामंत्री मनीष बागरी की पहल के कारण सिलौड़ी मंडल में जमकर लोगों ने ली भाजपा की सदस्यता , सिलौड़ी में दिखा भाजपा की सदस्यता अभियान का असर ढीमरखेड़ा | सिलौड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय और मंडल महामंत्री मनीष बागरी की पहल के कारण सिलौड़ी में भाजपा का सदस्यता अभियान एक ऐतिहासिक सफलता साबित हुआ है। दोनों नेताओं की मेहनत, रणनीति, और नेतृत्व ने लोगों के बीच भाजपा के प्रति विश्वास को और गहरा किया है। सिलौड़ी में भाजपा के सदस्यता अभियान का असर इतना व्यापक रहा कि यहां के नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाजपा की सदस्यता ली, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा का जनाधार इस क्षेत्र में लगातार मजबूत हो रहा है। *प्रशांत राय और मनीष बागरी का नेतृत्व* भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय और मंडल महामंत्री मनीष बागरी ने इस सदस्यता अभियान की रूपरेखा तैयार करने से लेकर उसे प्रभावी ढंग से लागू करने तक हर स्तर पर अहम भूमिका निभाई। प्रशांत राय के नेतृत्व में सिलौड़ी मंडल में भाजपा की जमीनी पकड़ पहले से ही मजबूत थी, लेकिन मनीष बागरी की संगठनात्मक कुशलता ने इस अभियान को न

नियमो को ताक में रखकर बन रही विकासखंड कटनी के ग्राम निवार में पीडब्ल्यूडी की सड़क बिजली के तार दे रहे दुर्घटना को आमंत्रित, भारी वाहनो का निकलना भी सड़क को करता हैं क्षतिग्रस्त नवरात्रि का पर्व भी हैं सामने लेकिन सड़क के न बनने से भक्तों को होगी दिक्कत, सड़क को खोदकर बननी चाहिए थी पीडब्ल्यूडी की सड़क लेकिन ठेकेदार की मनमानी चरम पर

 नियमो को ताक में रखकर बन रही विकासखंड कटनी के ग्राम निवार में पीडब्ल्यूडी की सड़क बिजली के तार दे रहे दुर्घटना को आमंत्रित, भारी वाहनो का निकलना भी सड़क को करता हैं क्षतिग्रस्त नवरात्रि का पर्व भी हैं सामने लेकिन सड़क के न बनने से भक्तों को होगी दिक्कत, सड़क को खोदकर बननी चाहिए थी पीडब्ल्यूडी की सड़क लेकिन ठेकेदार की मनमानी चरम पर कटनी |  कटनी तहसील के ग्राम निवार में पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित की जा रही सड़क को लेकर स्थानीय लोगों के बीच भारी असंतोष और नाराजगी का माहौल है। इस निर्माण में नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है, जिससे न केवल सड़क निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि यह सड़क दुर्घटनाओं को भी आमंत्रित कर रही है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि ठेकेदार द्वारा किए जा रहे इस कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे सड़क का निर्माण सही ढंग से नहीं हो पा रहा है और इससे लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्राम निवार में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई जा रही सड़क निर्माण के दौरान नियमों और मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। सड़क निर्माण की प्रक्रिया में जमी

भाजपा में सोनू गौतम जमकर कर रहे मेहनत, उनकी मेहनत की जनता करती हैं प्रशंसा , भाजपा में इनका बोलबाला

 भाजपा में सोनू गौतम जमकर कर रहे मेहनत, उनकी मेहनत की जनता करती हैं प्रशंसा , भाजपा में इनका बोलबाला ढीमरखेड़ा | सोनू गौतम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक ऐसे युवा नेता हैं, जिनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें पार्टी और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। भाजपा में उनकी कड़ी मेहनत और निष्ठा की चर्चा हर ओर हो रही है। अपने कर्मठ स्वभाव और सामाजिक कार्यों के कारण सोनू गौतम न केवल पार्टी के नेताओं बल्कि आम जनता के भी प्रिय बन चुके हैं। सोनू गौतम का राजनीतिक सफर साधारण शुरुआत से हुआ। बचपन से ही वे समाज सेवा के प्रति समर्पित रहे और अपनी शिक्षा पूरी करते हुए विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। उन्होंने युवाओं के मुद्दों को समझा और उन्हें दूर करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया। इसी दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं के संपर्क में आकर उन्हें राजनीति में अपना भविष्य बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने पार्टी की विचारधारा और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर भाजपा की सदस्यता ली और धीरे-धीरे पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भाजपा में सोनू गौतम ने संगठन के विभिन्न स

कटनी में एक बार फिर डेंगू के मरीजों में इज़ाफा, शहर में फिर बढ़ रहे डेंगू के मरीज,स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही नींद

 कटनी में एक बार फिर डेंगू के मरीजों में इज़ाफा, शहर में फिर बढ़ रहे डेंगू के मरीज,स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही नींद  ढीमरखेड़ा | कटनी जिले में डेंगू के मामलों में एक बार फिर से वृद्धि हो रही है, और यह स्थिति जिले की स्वास्थ्य सेवाओं और नगर निगम की लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। डेंगू जैसी गंभीर बीमारी, जो मच्छरों द्वारा फैलती है, पिछले कुछ सालों में देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर फैल चुकी है, और अब कटनी में भी यह विकराल रूप धारण कर रही है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अमित शुक्ला ने जिले में डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर कड़ा रुख अपनाया है और जिला प्रशासन की अव्यवस्थाओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। अमित शुक्ला ने अपने बयान में कहा है कि कटनी जिले में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और इस महीने में सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। विशेषकर आधार काप, एनकेजे, भट्टा मोहल्ला जैसे क्षेत्रों में डेंगू के अधिक मरीज मिल रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त उपाय नहीं किए जा रहे हैं। शुक्ला ने नगर निगम पर आरोप ल