सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के जबलपुर संभाग में सचिव पद पर नियुक्त हुए राहुल पाण्डेय

 मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के जबलपुर संभाग में सचिव पद पर नियुक्त हुए राहुल पाण्डेय



कटनी | राहुल पाण्डेय जो हाल ही में मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के जबलपुर संभाग में सचिव पद पर नियुक्त हुए हैं, एक प्रतिष्ठित और सम्मानित पत्रकार हैं। उनकी कलम और लेखनी की ताकत के कारण वे पूरे क्षेत्र में चर्चित हैं। उनकी साहित्यिक और पत्रकारिता कौशल ने उन्हें अद्वितीय पहचान दिलाई है। राहुल पाण्डेय ने पत्रकारिता में अपना करियर एक छोटे समाचार पत्र से शुरू किया। उनके लेखन की गहराई और व्यापकता ने जल्दी ही उन्हें प्रमुख समाचार पत्रों और मीडिया संस्थानों में मान्यता दिलाई। उन्होंने न केवल सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक रिपोर्टिंग की, बल्कि उनकी लेखनी में साहित्यिक दृष्टिकोण का भी समावेश था, जिसने उन्हें आम जनमानस से जोड़ दिया। उनके लेखों में सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, और विकास के मुद्दों पर गहन विचार और शोध देखा जा सकता है। वे हमेशा जनता की आवाज़ बनने का प्रयास करते हैं और उनके लेखों में आम आदमी की परेशानियों और समस्याओं का सजीव चित्रण होता है। उनकी शैली सरल, सटीक, और प्रभावशाली है, जिससे उनके विचार सीधे पाठकों तक पहुंचते हैं।राहुल पाण्डेय की लेखनी में उनके व्यक्तिगत अनुभव और गहन अध्ययन की झलक भी मिलती है। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ जुड़कर उनके मुद्दों को समझा और उसे अपनी कलम के माध्यम से समाज के सामने रखा। उनकी रिपोर्टिंग में निष्पक्षता और सच्चाई की झलक होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता की मर्यादा को हमेशा ऊँचा रखा है। उनकी साहित्यिक प्रतिभा केवल पत्रकारिता तक सीमित नहीं रही। उन्होंने कविता, कहानियों, और निबंधों में भी अपना योगदान दिया है। उनकी साहित्यिक रचनाएं समाज की गहरी समझ और संवेदनशीलता का प्रतीक हैं। उनकी कविताओं में मानवीय संवेदनाओं की गहराई और सच्चाई का अहसास होता है, जबकि उनकी कहानियाँ समाज की सच्चाइयों को उजागर करती हैं। राहुल पाण्डेय की नियुक्ति के बाद जबलपुर संभाग में पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नया उत्साह और उमंग देखा जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों के हितों की रक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्व में संघ ने पत्रकारों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाई है और उन्हें एकजुट करने का प्रयास किया है। उनकी लोकप्रियता और आदर का एक और कारण उनकी सादगी और ईमानदारी है। वे हमेशा सच्चाई के पक्ष में खड़े रहते हैं और कभी भी किसी तरह के दबाव में नहीं आते। उनका मानना है कि पत्रकारिता एक सेवा है और इसे निष्पक्ष और ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने अपनी इस सोच को अपने कार्यों और लेखनी में हमेशा दर्शाया है। राहुल पाण्डेय का जीवन और कार्य न केवल पत्रकारों के लिए बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी लेखनी ने समाज के कई मुद्दों को उठाया और उन्हें सुलझाने में मदद की। उनकी सच्चाई, ईमानदारी, और समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने उन्हें एक सच्चे पत्रकार के रूप में स्थापित किया है।उनकी प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें जबलपुर संभाग में सचिव पद पर नियुक्त किया, और अब उनसे उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। उन्होंने हमेशा समाज की भलाई और पत्रकारिता की मर्यादा को बनाए रखने का प्रयास किया है और यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने नए पद पर भी इसी तरह कार्य करते रहेंगे। इस प्रकार, राहुल पाण्डेय की कहानी केवल एक सफल पत्रकार की नहीं है, बल्कि एक सच्चे और निष्ठावान समाजसेवी की भी है। उनकी कलम और लेखनी ने समाज को नई दिशा दी है और उनके कार्यों ने उन्हें जनमानस का प्रिय बना दिया है। उनकी यात्रा अभी जारी है और वे अपने लेखन और कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते रहेंगे।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

popular post

पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को

 पुलिस कर्मचारी अवध दुबे जीता जागता बब्बर शेर, जिसके चलते ही अनेकों अपराधी कांपते हैं, जहां - जहां पदस्थ रहे अवध दुबे अपराधियों को छोड़ा नहीं, किया ऐसी कार्यवाही कि आज भी याद करते हैं अपराधी अवध दुबे को  ढीमरखेड़ा | अवध दुबे, एक पुलिस कर्मचारी, अपने साहस, निष्ठा और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी छवि एक ऐसे अधिकारी की है, जो कभी भी किसी भी तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करते हैं। पुलिस बल में उनके कार्यों ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है, और उनकी उपस्थिति मात्र से अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। अवध दुबे ने जिस भी थाने में अपनी सेवाएँ दी हैं, वहां अपराध की दर में न केवल गिरावट आई है, बल्कि आम लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है।अवध दुबे का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, जहाँ से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। बचपन से ही उनमें न्याय और ईमानदारी के प्रति एक विशेष प्रकार का झुकाव था। उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद पुलिस सेवा में भर्ती होने का निर्णय लिया। उनके जीवन का यह फैसला उनके परिवार और समाज के प्रति उनके दायित्व को महसूस कर

ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम

 ढीमरखेड़ा सरपंच फोरम ने डॉक्टर अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण निरस्त करने को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र, अपने नायक के पक्ष में सरपंच फ़ोरम ढीमरखेड़ा |  सरपंच फ़ोरम के अध्यक्ष महेश कुमार यादव, उपाध्यक्ष संकेत लोनी, सचिव दीनू सिंह ठाकुर एवं ढीमरखेड़ा जनपद के समस्त सरपंचों ने मिलकर कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया, जिसमें डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है। सरपंच फ़ोरम का मानना है कि डॉक्टर अजीत सिंह एक ईमानदार, जिम्मेदार और मिलनसार अधिकारी हैं जिन्होंने न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बरती है, बल्कि ग्रामीण जनता के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को सुलझाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। फ़ोरम का कहना है कि डॉक्टर अजीत सिंह के स्थानांतरण से ढीमरखेड़ा क्षेत्र के विकास कार्यों में अवरोध पैदा हो सकता है, क्योंकि उन्होंने अनेक ऐसे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की थी, जिन्हें पूरा करने में समय और प्रशासनिक अनुभव की आवश्यकता है। उनके स्थानांतरण से इन कार्यों की गति धीमी हो सकती है, और साथ ही, क्षेत्र की जनता को भी नुकसान हो सकता है, जो उनकी सेवाओं से काफी संतुष्ट थी। फ़ो

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद ढीमरखेड़ा के एपीओ अजीत सिंह परिहार के स्थानांतरण को निरस्त करने को लेकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला कटनी को लिखा पत्र , विधायक का पत्र नहीं विधायक के पत्र के रुप में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर ढीमरखेड़ा |  विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा अजीत सिंह परिहार, एपीओ (असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर) जनपद ढीमरखेड़ा के स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए लिखा गया पत्र, क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण बिना किसी ठोस कारण के ढीमरखेड़ा से कर दिया गया है, जबकि उनकी कार्यप्रणाली अच्छी रही है और उन्हें क्षेत्र के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में, विधायक ने जिला कटनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संबंध किसी भी क्षेत्र में प्रशासनिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। अजीत सिंह परिहार का स्थानांतरण