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पानी बना मौत का कहर, क्षेत्र में आम जनता को गरीबी ने तोड़ा, बारिश से बचाव के लिए आम जनता युद्ध करती रहीं , कई वर्षो में रहने के लिए आशियाना बनाया अब कई वर्ष लगेगे फिर से आशियाना बनाने में कौन करेगा मदद और कौन देगा आशियाना

 पानी बना मौत का कहर, क्षेत्र में आम जनता को गरीबी ने तोड़ा, बारिश से बचाव के लिए आम जनता युद्ध करती रहीं , कई वर्षो में रहने के लिए आशियाना बनाया अब कई वर्ष लगेगे फिर से आशियाना बनाने में कौन करेगा मदद और कौन देगा आशियाना 



ढीमरखेड़ा | बीते दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में हालात गंभीर है। यहां पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।नदी नाले उफान पर होने से चारों तरफ का आवागमन पूरी तरह से बाधित है, वहीं गांवों में जल प्लावन है। लोंगो के घरों में पानी घुस गया है। कई लोगों के कच्चे मकान गिर गए है। शासकीय भवनों में लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। वाहनों से लोग घर से गृहस्थी का सामान दूसरे स्थानों पर ले जा रहे है।गांवों में घुटने के ऊपर से पानी आ गया है। खेतों में पानी भर जाने से कई लोग खेतों और टीलों में फंसे हुए हैं।नदियों का पानी सड़कों के ऊपर आ गया है। जिससे बाढ़ जैसे हालात निर्मित है। 

*ग्राम -  बनेहरी के हाल बेहाल*

गर्राघाट के पुल से लगे एक किलोमीटर दूर बनेहरी गांव के एक हिस्से में बेलकुण्ड नदी का पानी आ गया।गांव तक पानी आ जाने से कई घरों के भीतर आ गया। स्कूल के समीप बने राधेलाल गडारी,तेजी लाल कोरी, शांति बाई चौधरी के मकान गिर गए।पेट्रोल पंप के समीप शिवदास कोल, आशीष कोल और अश्वनी कोल जबकि गर्राघाट पुल के ऊपर अशोक बर्मन, राजेश बर्मन और संतो बर्मन के कच्चे मकान गिरकर धराशायी हो गए। जिससे घरों में रखी सामाग्री और गृहस्थी का नुकसान हो गया। परिवार के लोगों ने दूसरों के घरों में गुजारा करने जगह तलाशी।वहीं विनोद पटेल, दीपक और प्रमोद पटेल के घरों में पानी घुसने से परिवार के लोग परेशान हुए।

*ढीमरखेड़ा की स्थिति दयनीय*

ढीमरखेड़ा में मौरी नदी का पानी सड़क के ऊपर आ गया। लोगों का आवागमन रुक गया।बस स्टैंड में बनी दुकानों में पानी भर गया। जिससे दुकानदारों को नुकसान पहुँचा है। ढीमरखेड़ा के वार्ड नं 4,5,6,7,8,9,11और 12 में लोंगो के घरों में पानी भर गया।यहाँ टापू जैसे हालात बन गए।स्कूल के पास रह रहे गोविंद कोल और देवी सिंह ठाकुर के कच्चे मकान गिर गए।वहीं बनगवां गांव में भी पानी भर जाने से लोंगों को परेशानी उठानी पड़ी।यहाँ भगवान दास विश्वकर्मा, राजेश बर्मन, परसराम पटेल, अशोक रजक, शीला बाई बर्मन, प्यारे लाल बर्मन, सुशील बर्मन और शीलू बर्मन के मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

*सिमरिया में मौत का तांडव*

सिमरिया गांव में सड़क के करीब 10 फुट ऊपर तक पानी भर गया। मुख्य मार्ग पर एक किलोमीटर की दूरी तक पानी ही पानी रहा।बस्ती के भीतर लोगों के घरों में पानी घुस गया।पानी कम होने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस लिया। गांव के वीरेंद्र सेन, कमलेश गौतम, महेश झारिया, सुभाष लखेरा, शरद असाटी के मकानों को क्षति पहुचीं। इतना ही नहीं यहाँ सड़क किनारे बने हनुमान मंदिर की छत के स्तर तक पानी आ गया। मंदिर में स्थापित भगवान की प्रतिमाएं डूब गई।गांव में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए। ग्रामीणों को ज्यादा समय तक परेशान होना पड़ा।

*पोंडी खुर्द के ग्रामीणों को गरीबी ने तोड़ा अब पानी का कहर बेघर किया*

बेलकुण्ड नदी के किनारे होने के कारण पोंडी खुर्द में जल प्लावन की ज्यादा समस्या है। यहाँ लोगों के मकान डूब गए। सड़कों पर खड़े वाहनों का पता नहीं। घर की छतों में फंसे चैनू चौधरी और कुँवर लाल बर्मन के परिवार के सदस्यों को रेस्क्यू टीम ने बाहर किया। नदिया टोला में रहने वाले आधा सैकड़ा लोगों को शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा में शिफ्ट किया गया। जिन लोगों के घर डूब गए है।उन्हें अन्य लोगों के घरों में रुकने की व्यवस्था बनाई गई है। जबकि आधा दर्जन ऐसे परिवार है, जिनके घर डूब गए हैं ,गृहस्थी नष्ठ हो गई है ऐसे लोगों को जनपद सदस्य एडवोकेट अटल बिहारी बाजपेयी ने अपने घर में रुकने और भोजन की व्यवस्था किया है। गांव के नरेंद्र पटेल,गरीबा पटेल, राजू पटेल, आशीष पटेल, राकेश पटेल, महेन्द्र आदिवासी, रामखिलावन पटेल, बारे आदिवासी, रन्नू अदिवासी,अमर सिंह ठाकुर, चरुवेंद्र बर्मन सहित ढाई तीन दर्जन लोगों के घर ढह गए हैं। गृहस्थी और उपयोगी सामाग्री बह गई है। हुकुम सिंह चौहान, सोनेलाल पटेल,धनंजय पटेल, विनोद आदिवासी, बंटी आदिवासी,रामकुमार पटेल, संदीप पटेल, प्रेमवती बर्मन, आंगनवाड़ी भवन और विजय पटेल की दुकान में पानी भरने से नुकसान हुआ है। यहाँ जनपद सदस्य अटल बिहारी बाजपेयी,समाजसेवी ब्रजेश पटेल, सुजश बाजपेयी अपने साथियों के लगातार लोगो की मदद करते रहे और प्रशासन को भी गांव की समस्या से अवगत कराया। गांव पानी के कारण चारों तरफ घिर गया है। गांव का लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। कई लोग घरों की दूसरी मंजिलों में गुजारा कर रहे हैं। यहाँ घरों में इस कदर पानी भर गया है कि छतों पर लगे बिजली उपकरण भी डूब गए हैं, हालांकि बिजली बंद होने से किसी प्रकार की घटना नहीं हुई है।

*पिपरिया शुक्ल में भी मौत का कहर*

बेलकुण्ड नदी का पानी पिपरिया शुक्ल से होकर निकलता है। इसलिए इस गांव का आधा हिस्सा पानी मे डूबा रहा। कच्चे मकान पानी में डूबकर ढह गए।जबकि पक्के घरों में पानी घुस गया।अन्य लोगों के घरों में लोगों ने रहने की व्यवस्था बनाई। कई घरों की छतों में बीते दो दिन से गुजारा कर रहे है। गांव के पन्ना लाल नामदेव,राममित्र पटेल, राजू पटेल, दुर्गा यादव, फूलचंद यादव, तेजी साहू के मकानों को क्षति पहुचीं। नदी किनारे गांव होने से यहाँ ग्रामीणों को ज्यादा परेशानी है।यहाँ भी डूब में फंसे लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित स्थान पर किया।

*ये नदी नाले रहे उफान पर रहे*

1- उमरियापान क्षेत्र में- बेलकुण्ड, कटकहरी,सिलपरा नदी

2- ढीमरखेड़ा क्षेत्र में- मौरी ,बेलकुण्ड नदी, कौभी और गहरा नाला

3- सिलौंडी क्षेत्र की- दतला, हिरण,लभेर, सुआ नदी और सूखा नाला 

*बारिश से ये मार्ग हुए प्रभावित*

उमरियापान से स्लीमनाबाद

उमरियापान से सिहोरा

उमरियापान से ढीमरखेड़ा

उमरियापान से सतधारा मझगवां

उमरियापान से परसेल

उमरियापान से टोला खलरी से मोहला

भनपुरा से धरवारा 

ढीमरखेड़ा से सिलौंडी

ढीमरखेड़ा से विलायत कला

ढीमरखेड़ा से ठिर्री

ढीमरखेड़ा से परसेल-कुम्ही सतधारा

सिलौंडी से कुंडम

सिलौंडी से सिहोरा

सिलौंडी से बीजापुरी

सिलौंडी से झिलमिला

सिलौंडी से गोपालपुर

*कछारगांव छोटा भी बारिश की चपेट में*

कछार गांव छोटा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही। यहाँ गांव में पानी घुसने के साथ घरों में भी पानी भर गया। दूसरे के घरों में लोग भागे। कई लोग घरों की छतों में फंसे रहे। गांव के करीब पांच सौ लोगों ने गांव छोड़ दिया।लोग किसी तरह बच्चों और कपड़े लेकर गांव के बाहर तक आ गए। जिन्हें उमरियापान के मंगल भवन में शिफ्ट किया गया जबकि कुछ लोग रिश्तेदारी में चले गए। भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंद सिंह,समाजसेवी जगदीश सोनी, विजय दुबे, राजेश चौरसिया, राजेश ब्यौहार, प्रदीप चौरसिया ने वाहनों ने लाने ले जाने और अल्पाहार कराया। प्रशासन और ग्राम पंचायत ने भी वाहनों और रुकने और भोजन की व्यवस्था बनाई। यहाँ मनोज बर्मन का घर बाढ़ में डूब जाने से परिवार के 6 लोग जान बचाने के चक्कर में पेड़ों के ऊपर चढ़ गए और देररात तक फंसे रहे। गांव का 80% हिस्सा अब भी पानी से डूबा हुआ है।यहाँ कई लोगों के मकान ढहकर बह गए जबकि कई घरों में अब भी पानी भरा है। गृहस्थी का सामान भी बह गया। बनेहरी स्थित पेट्रोल पंप परिसर में भी बाढ़ का पानी आ गया। जिससे कि डीजल पेट्रोल के टैंक में भी पानी पानी चला गया। जिससे संचालक को नुकसान हुआ है। बारिश थमने के बाद लोग डीजल पेट्रोल लेने पहुँचे, जिन्हें खाली वापस लौटना पड़ा। क्षेत्र में चारो तरफ के मार्ग बंद होने से वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा। हरदी के परसवारा गांव में बारिश का पानी  घरो में घुस गया है। लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। पानी के भीतर कमर तक घुसकर लोग घरों से बाहर निकले और अपने आपको सुरक्षित किया। उमरियापान सिहोरा मार्ग पर पकरिया के समीप सिलपरा नदी का पानी पुल के ऊपर होने पर मार्ग को बंद करने पीडब्ल्यूडी और ग्राम पंचायत के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई।उमरियापान थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय ने बताया कि ग्रामीणों,जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के माध्यम से लोगों के डूब में फंसे होने की जानकारी मिली। वरिष्ठ अधिकारियों की सूचना पर एनडीआरएफ टीम पहुचीं। जो पोंडी खुर्द, ठिर्री, देवरी मंगेला, मंगेली,घुघरी,घुघरा, कछार गांव छोटा पहुचीं और रेस्क्यू कर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला। एस. डी. एम. विंकी सिंह मारे उइके, ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान, सांसद हिमाद्री सिंह, सांसद प्रतिनिधि पद्मेश गौतम, भाजपा मण्डल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, मण्डल उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह ठाकुर, मण्डल उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी ने भी आम जनता को बचाने और सुरक्षित स्थान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के साथ कार्यकर्ता और जनपद सीईओ यजुवेंद्र कोरी, तहसीलदार आशीष अग्रवाल, नायब तहसीलदार अजय मिश्रा,थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय देररात उमरियापान के मंगल भवन पहुँचे।विधायक ने छोटा कछार गांव से यहाँ पहुँचे लोगों से चर्चा कर उनके हालात जाने। विधायक ने ग्रामीणों के रुकने, खाने पीने की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सभी जरूरतें पूरी की जाएगी। अन्य जो भी लोग डूब में फंसे हुए हैं।उन्हें सुरक्षित किया जाएगा।यहाँ मंडल अध्यक्ष गोविंद सिंह, जिला मंत्री विजय दुबे, राजेश चौरसिया, प्रदीप चौरसिया सहित अन्य लोग रहे, जो ग्रामीणों की जरूरतों में सहयोग करते रहे।बारिश के चलते भमका गांव में दीवार गिरने से वर्षा सिंह पति धन्नू सिंह (45) नीचे दब गई। परिजनों ने महिला को उपचार के लिए उमरियापान ले जाते।  लेकिन बारिश के चलते रास्ता बन्द होने से झिन्ना पिपरिया तक पहुँचे और रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। लिहाज़ा पोड़ी खिरवा के कॉलेज में भी लोगो के ठहरने की व्यवस्था की गई हैं जहां पर पोड़ी कला बी सरपंच जगदीश झारिया रोजगार सहायक सचिव अजय त्रिपाठी, स्मरण रहे कि सिमरिया सरपंच विनय ज्योतिषी, रोजगार सहायक सचिव मनोज शुक्ला पोड़ी कला बी के ग्रामीणों का अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ ऐसा विपदा की स्थिति में ग्रामीणों ने एक दूसरे का अच्छा सहयोग प्रदान किया। जनपद सदस्य अटल बिहारी बाजपेई का अच्छा सहयोग रहा लगातार अपनी जान को जोखिम में डालकर ग्रामीणों की मदद करते रहे। जनपद सदस्य श्रीकांत पटैल भी मदद का हाथ आगे बढ़ाकर मदद किया। वहीं पिपरिया शुक्ल के ग्रामीणों के रुकने और खाने की व्यवस्था बरही सरपंच के द्वारा की गई जिसकी पिपरिया शुक्ल के ग्रामीण प्रशंसा कर रहे हैं। वही छोटा कछारगांव सरपंच ने भी बचाव की पहल की। पिपरिया शुक्ल सरपंच सुषमा रमेश उरमलिया ने भी लगातार आमजन को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मंगल भवन उमरियापान में खाने और रुकने की व्यवस्था सरपंच अटल ब्यौहार सचिव सतीश गौतम , रोजगार सहायक सचिव अतुल चौरसिया, समिति प्रबंधक अश्वनी शुक्ला के द्वारा की गई। जिसकी आम जनता तारीफ कर रही हैं। वही सभी लोगो ने प्रशासन से मुआवजा की गुहार लगाई है।

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