पटवारी घर - घर जाकर कर रहे मुआवजे की पेशकश
ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा क्षेत्र में हाल ही में आई बाढ़ ने कई ग्रामों को प्रभावित किया है, जिनमें शुक्ल पिपरिया, पोड़ी खुर्द, पोड़ी कला का नदिया टोला, बिहरिया, सिमरिया, ठिर्री कछार गांव छोटा, घुघरा, घुघरी आदि शामिल हैं। इस आपदा की घड़ी में स्थानीय प्रशासन और राजस्व अमला पूरी तत्परता और समर्पण के साथ राहत कार्यों में जुटा है। एस. डी. एम. विंकी सिंह मारे उइके के नेतृत्व में तहसीलदार आशीष अग्रवाल, नायब तहसीलदार अजय मिश्रा और दिनेश असाटी ने राहत कार्यों का मार्गदर्शन किया। प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में प्रभावित परिवारों के लिए भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था की गई है। स्थानीय पटवारी गणों ने बाढ़ से प्रभावित गांवों में जाकर क्षति का सर्वेक्षण किया, जिससे कि प्रभावित परिवारों को सही सहायता दी जा सके। इन सर्वेक्षणों का मुख्य उद्देश्य बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन करना और प्रभावित परिवारों की सहायता करना है। प्रभावित परिवारों को आवश्यक राशन और कपड़े प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। इस प्रक्रिया का नेतृत्व एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके कर रही हैं, जिनके साथ तहसीलदार आशीष अग्रवाल, नायब तहसीलदार अजय मिश्रा और दिनेश असाटी ने मिलकर मुआवजे की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
*प्रशासनिक टीम की भूमिका*
एस.डी.एम. विंकी सिंह मारे उइके ने प्रशासनिक टीम का नेतृत्व किया और उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचे। उनकी देखरेख में तहसीलदार आशीष अग्रवाल और नायब तहसीलदार अजय मिश्रा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय निवासियों की समस्याओं को समझा। दिनेश असाटी ने इस प्रक्रिया में प्रशासनिक समर्थन प्रदान किया और टीम के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मुआवजे की प्रक्रिया को सुचारू बनाने का प्रयास किया।
*पटवारी टीम की सक्रियता*
पटवारी टीम जिसमें अशोक बागरी, महेंद्र त्रिपाठी, आनंद डेहरिया, विश्वनाथ बागरी, मृगेंद्र शुक्ला, निहारिका, मनीषा, मनीष दाहिया, महेंद्र थूल, सुधीर कुलस्ते, रामनाथ बुनकर, राहुल चौरसिया, और अनिल सोनी शामिल थे, ने घर-घर जाकर प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मुआवजे की पेशकश के बारे में जानकारी दी और प्रभावित लोगों की समस्याओं को दर्ज किया। यह टीम सुनिश्चित कर रही थी कि कोई भी व्यक्ति मुआवजे से वंचित न रह जाए।
*मुआवजे की पेशकश के लिए पटवारी घूम रहे घर - घर*
प्रशासनिक टीम द्वारा किए गए प्रयासों का स्थानीय जनता ने स्वागत किया। कई लोगों ने प्रशासन की तत्परता और उनकी मदद करने के प्रयासों की सराहना की। मुआवजे की पेशकश ने प्रभावित लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी, क्योंकि यह उनके लिए एक नई शुरुआत करने का अवसर प्रदान करता है। कई लोगों ने इसे सरकार की संवेदनशीलता और जनहितैषी नीति का परिणाम माना।
*मुआवजे की प्रक्रिया और पारदर्शिता*
प्रशासनिक टीम ने मुआवजे की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी प्रभावित लोगों को मुआवजा मिले और इसके लिए उन्होंने कई स्तरों पर जांच और सत्यापन की व्यवस्था की। टीम ने यह भी सुनिश्चित किया कि मुआवजा केवल पात्र व्यक्तियों को ही दिया जाए, जिससे कोई भी अनुचित लाभ न उठा सके।
*प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ में जमकर की मेहनत*
हालांकि प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, फिर भी कुछ चुनौतियाँ सामने आईं। जैसे कि कुछ दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचने में कठिनाई, जहां बाढ़ ने संचार को प्रभावित किया था। इसके बावजूद, प्रशासनिक टीम ने इन चुनौतियों का सामना किया और सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति तक मदद पहुंचे। बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवजे की पेशकश एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने स्थानीय लोगों को राहत प्रदान की। प्रशासनिक टीम ने इस प्रक्रिया को कुशलता और पारदर्शिता से संचालित किया, जिससे जनता के विश्वास में वृद्धि हुई। इस घटना ने दिखाया कि कैसे एक संवेदनशील और प्रतिबद्ध प्रशासनिक व्यवस्था संकट के समय में जनता के साथ खड़ी होती है और उन्हें नई उम्मीद देती है।
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