ग्राम पंचायत पहरुआ में स्टॉप डेम में के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की गई है अधिकारी लेते हैं कमीशन ऐसा आरोप हैं सरपंच शारदा महोबिया का जिला पंचायत सीईओ तक लेते हैं पैसा
ग्राम पंचायत पहरुआ में स्टॉप डेम में के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की गई है अधिकारी लेते हैं कमीशन ऐसा आरोप हैं सरपंच शारदा महोबिया का जिला पंचायत सीईओ तक लेते हैं पैसा
ढीमरखेड़ा | ग्राम पंचायत पहरुआ में स्टॉप डेम के निर्माण में अनियमितताओं का आरोप गंभीर हैं। सरपंच शारदा महोबिया ने अधिकारियों पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है। यह आरोप ग्रामीण विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर करता है।
*स्टॉप डेम के निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार*
स्टॉप डेम का निर्माण आमतौर पर जल संरक्षण और कृषि सिंचाई के उद्देश्यों से किया जाता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण होता है। पहरुआ में स्टॉप डेम का निर्माण भी इन्हीं उद्देश्यों से शुरू किया गया होगा। इसके लिए योजना, डिजाइन, और निर्माण कार्य का सही तरीके से निष्पादन आवश्यक होता है। स्टॉप डेम के निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे सीमेंट, रेत, और कंक्रीट की गुणवत्ता में कमी की शिकायतें सामने आई हैं। निर्माण कार्य की समयसीमा में देरी, जिसकी वजह से परियोजना की लागत में वृद्धि होती है और लाभार्थियों को समय पर फायदा नहीं मिल पाता। सरपंच शारदा महोबिया के अनुसार, निर्माण कार्य में शामिल अधिकारियों ने कमीशन के रूप में रिश्वत ली है, जिससे परियोजना की गुणवत्ता और समयसीमा प्रभावित हुई है। बजट में अनियमितता, जैसे फंड का गलत उपयोग या फर्जी बिलिंग, जो परियोजना की लागत को बढ़ा देती है।सरपंच शारदा महोबिया ने यह आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य के दौरान अधिकारियों ने कमीशन लिया, जिससे परियोजना की गुणवत्ता प्रभावित हुई। उनका कहना है कि यदि सही तरीके से निर्माण कार्य किया जाता, तो ग्रामीणों को अधिक लाभ होता। यह आरोप स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती है। भ्रष्टाचार से परियोजना की कुल लागत में वृद्धि होती है, जिससे सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। इसके अलावा, ग्रामीणों को अपने करों के पैसे का सही उपयोग नहीं हो पाता। भ्रष्टाचार से ग्रामीणों का प्रशासन और सरकार पर विश्वास कम होता है। इससे भविष्य की परियोजनाओं में भी ग्रामीणों का सहयोग कम हो सकता है। यदि स्टॉप डेम का निर्माण सही तरीके से नहीं होता, तो जल संरक्षण और कृषि सिंचाई में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ सकता है। भ्रष्टाचार के कारण विकास कार्यों में देरी और अनियमितता होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास प्रभावित होता है। निर्माण कार्यों की सख्त निगरानी और समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए। इससे अनियमितताओं को रोका जा सकता है। परियोजना के सभी चरणों में पारदर्शिता होनी चाहिए। इसके लिए स्थानीय समुदाय और पंचायती राज संस्थाओं को शामिल किया जाना चाहिए। ग्रामीणों के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली होनी चाहिए, जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और उनका समाधान समय पर हो।
*अधिकारियों को कड़ी सजा होनी चाहिए*
अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। ग्राम पंचायत पहरुआ में स्टॉप डेम के निर्माण में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर हैं। सरपंच शारदा महोबिया द्वारा उठाए गए मुद्दे ग्रामीण विकास कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। इस मामले में उचित जांच और कार्रवाई जरूरी है, ताकि ग्रामीणों को विकास के लाभ मिल सकें और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। प्रशासन और सरकार को इस दिशा में तत्परता से कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और ग्रामीण विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें