गंदगी से बजबजा रही धौरेसर गांव की गलियां, सरपंच-सचिव को नहीं है सरोकार , हर माह सफाई के नाम पर निकाल रहे राशि लेकिन सफाई व्यवस्था चौपट
गंदगी से बजबजा रही धौरेसर गांव की गलियां, सरपंच-सचिव को नहीं है सरोकार , हर माह सफाई के नाम पर निकाल रहे राशि लेकिन सफाई व्यवस्था चौपट
ढीमरखेड़ा । ग्राम पंचायत बरौदा अंतर्गत आने वाले ग्राम धौरेसर में सफाई व्यवस्था चौपट है। हर माह सफाई व्यवस्था के नाम पर पंचायत के द्वारा राशि आहरित की जा रही है लेकिन गांव की दुर्दशा क्या है यह समाचार पत्र में प्रकाशित छायाचित्र से लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत बरौदा के अंतर्गत आने वाले ग्राम धौरेसर में पिछल्ले कई माह से सफाई नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों के द्वारा इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ढीमरखेड़ा को शिकायत सौंपकर समस्या निराकरण की मांग की गई है लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों की समस्या का समाधान अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच रतिराम कोल, रोजगार सहायक प्रकाश सेन के द्वारा जमकर अनियमित्ता बरती जा रही है। इस संबंध में अधिकारियों को भी समस्या से अवगत कराया गया लेकिन आज दिनांक तक सफाई नहीं हुई है।
*गंदगी से भरा नल, बीमार हो सकते है ग्रामीण*
वर्तमान में एक ओर जहां ढीमरखेड़ा तहसील में बीमारी का प्रकोप चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत बरौदा को कोई सरोकार नहीं है, ग्रामीणों ने शिकायत सौंपकर बताया कि गांव में नल के हाल बेहाल है। वर्तमान में बारिश का मौसम है जिस कारण से बीमारियां बढ़ सकती है।
*धौरेसर गांव की सफाई व्यवस्था की गंभीर स्थिति*
गांव धौरेसर, जो ग्राम पंचायत बरौदा के अंतर्गत आता है, वर्तमान में अत्यधिक गंदगी और खराब सफाई व्यवस्था के कारण गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। इस गांव की गलियां गंदगी से भरी हुई हैं और गांव की सफाई व्यवस्था लगभग चौपट हो चुकी है। हर माह सफाई के नाम पर पंचायत के द्वारा राशि आहरित की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद गांव की स्थिति बहुत ही दयनीय है। समाचार पत्रों में प्रकाशित छायाचित्रों से यह स्पष्ट होता है कि गांव की स्थिति कितनी बदतर है।
*पंचायत के कार्यों को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश*
गांव धौरेसर के ग्रामीणों ने सरपंच रतिराम कोल और रोजगार सहायक प्रकाश सेन पर जमकर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के इन अधिकारियों द्वारा सफाई के नाम पर राशि का आहरण तो किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में गांव की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ढीमरखेड़ा को कई बार शिकायत भी सौंपा है, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। अधिकारियों की निष्क्रियता और पंचायत के अधिकारियों की अनियमितताओं के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर जि़म्मेदार बेखबर*
गंदगी और साफ-सफाई की कमी के कारण धौरेसर गांव में स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ भी बढ़ रही हैं। वर्तमान में ढीमरखेड़ा तहसील में बीमारी का प्रकोप चल रहा है, जो गंदगी के कारण और भी बढ़ सकता है। विशेष रूप से बारिश के मौसम में, जब जलभराव और गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, तो बीमारियों का फैलना निश्चित हो जाता है। ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि गांव के नल भी गंदगी से भरे हुए हैं, जिससे साफ पानी की कमी हो रही है और बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।
*ग्रामीणों को जीते जी नरक का हो रहा अहसास*
गांव के लोग इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई महीनों से गांव में सफाई नहीं हुई है, जिससे उनकी दैनिक जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं। गंदगी के कारण गांव की सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक है, क्योंकि वे संक्रमण और अन्य बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
*प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल*
मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत सौंपने के बावजूद भी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही के कारण ग्रामीणों का प्रशासन पर विश्वास कम हो गया है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।गांव के लोग अब खुद इस समस्या के समाधान के प्रयास कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने मिलकर गांव की सफाई के लिए स्वयं ही पहल करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह उपाय स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन अस्थायी रूप से गंदगी की समस्या से राहत पाने का एक प्रयास है। इसके अलावा, ग्रामीणों ने पंचायत अधिकारियों और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई है, ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके और समस्या का समाधान हो सके। धौरेसर गांव की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है।पंचायत के अधिकारियों की अनियमितताएँ और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था के नाम पर राशि का आहरण तो हो रहा है, लेकिन वास्तविकता में कोई सुधार नहीं हो रहा है। गांव की गंदगी और साफ-सफाई की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ भी बढ़ रही हैं। ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो गांव की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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