नदियों के अस्तित्व पर निर्भर है मानव जीवन - मंत्री श्री पटेल जीवन और प्रकृति के संरक्षण के लिए नदियों को अविरल और पवित्र रखना ज़रूरी कटनी एवं केन नदी के उद्गम स्थल पर की पूजा - अर्चना कटनी नदी के उद्गम स्थल पर किया पौधारोपण
नदियों के अस्तित्व पर निर्भर है मानव जीवन - मंत्री श्री पटेल जीवन और प्रकृति के संरक्षण के लिए नदियों को अविरल और पवित्र रखना ज़रूरी कटनी एवं केन नदी के उद्गम स्थल पर की पूजा - अर्चना कटनी नदी के उद्गम स्थल पर किया पौधारोपण
ढीमरखेड़ा | पीढियों से जिन नदियों से हम सब अपने परिवार और समाज की प्रसन्नता एवं संपन्नता प्राप्त कर रहे है, लेकिन समाज ने नदियों के उद्गम स्थल के स्वरूप की सुध नहीं ली। वास्तव में यदि नदियों के उद्गम स्थल में स्त्रोंत होगा तो ही नदियों का अस्तित्व होगा और तभी जीवन संभव है। नदियां सदैव से हमारी संस्कृति और जीवन शैली रही है। एक नदी के सूखने पर एक संस्कृति नष्ट हो जाती है, जीवनशैली समाप्त हो जाती है। यह बात जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत रविवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत भूला के ग्राम जजनगरा में कटनी नदी और रीठी के ग्राम घनिया में केन नदी के उद्गम स्थल पर आयोजित जनसंवाद के दौरान ग्रामीणों से कही। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थल पर कलश यात्रा के साथ और कन्या पूजन और पूजा - अर्चना किया और ग्रामीण से जनसंवाद किया। श्री पटेल ने कटनी नदी के उद्गम स्थल के समीप पौधारोपण भी किया।इस अवसर पर विधायक मुड़वारा संदीप जायसवाल, विधायक बहोरीबंद प्रणय प्रभात पाण्डेय, विधायक बड़वारा धीरेन्द्र बहादुर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, जिला भाजपा अध्यक्ष दीपक टंडन सोनी, जनपद अध्यक्ष ढीमरखेड़ा सुनीता संतोष दुबे, जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय, जनपद पंचायत रीठी के अध्यक्ष अर्पित अवस्थी, जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत, जनअभियान परिषद के बालमुकुंद मिश्रा व अरविंद शाह सहित कार्यपालन यंत्री आरईएस जीएस खटीक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और बडी संख्या मंे ग्रामीण जन मौजूद रहे।
*नदियों को अविरल और पवित्र रखना जरूरी*
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कटनी जिले मे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत उनकी आज की यात्रा को मिलाकर वे अब तक प्रदेश की 32 नदियों के उद्गम स्थल तक पहुंचने की मानस यात्रा पूरी कर चुके है। इस दौरान उद्गम स्थल पर जन-संवाद करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने कहा कि नदियों के उद्गम पर जाकर ऐंसा लगता है कि प्रकृति ने मानवीय सभ्यता को जीवित रखकर उन्हें जीवन देने की हर कोशिश की है। मनुष्य ने इन नदियों के प्रति जो उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाया है, वह बहुत ही खतरनाक है। हमें अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए इन्हें जीवंत बनाना होगा। नदी का उद्गम जन्म स्थान है। बचपन, यौवन और संगम के साथ एकाकार होना उसका सत्य है, लेकिन नदी कुछ लेती नहीं सदैव देती है। इसलिए वह मां के समान है। नदियों का संरक्षण कर हम आने वाली पीढ़ी को धरोहर संजोकर दे रहे हैं। प्रकृति और जीवन का वैंसा ही संबंध है, जैंसे संतान का और मां का। यदि हम प्रकृति और नदियों की उपेक्षा करेंगे तो हमारा जीवन भी निर्जल होगा। हमें अपने जीवन के लिए नदियों को अविरल और पवित्र रखना होगा।
*ग्रामीणों को किया जागरूक*
मंत्री श्री पटेल ने ग्रामीणजनों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हर नदी एक जीवन शैली सभ्यता का रास्ता दिखलाती है। जल गंगा संवर्धन अभियान केवल प्रदेश सरकार का नहीं है, यह प्रत्येक नागरिक का भी अभियान है। जन सहभागिता ही इस अभियान को सफल बना सकती है।
*पौधारोपण से पुर्नजीवित होंगी नदियां*
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए हमे सौ पौधे नहीं बल्कि एक पौधा लगाना होगा लेकिन उसे जीवित और सुरक्षित रखना होगा। उन्होंने कहा कि वृक्ष है तो, जल है, जल है तो जीवन है। उन्होंने कहा कि उद्गम स्थल पर व्यापक पैमाने पर पौधारोपण किया जाना चाहिए लेकिन पौधे की देखभाल और उसे पानी देने की जिम्मेदारी भी पंचायतों को उठानी होगी। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि समाज को पौधे काटने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए रचनात्मक व सकारात्मक और मानवीय पहलुओं पर भी विचार करना होगा। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि यदि नदियों के उद्गम स्थल पर खाली पड़ी जमीन मे पौधारोपण किया जाये तो ये सूखे जलस्त्रोत पुर्नजीवित हो सकते है। विकासखण्ड रीठी के ग्राम घनिया मे केन नदी के उद्गमस्थल पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक बहोरीबंद प्रणय पाण्ंडेय ने श्री पटेल के केन्द्र में मंत्री रहने के दौरान रीठी और कटनी के 159 गांव के लिए पवई -2 जल प्रदाय योजना स्वीकृत करने में भागीरथ प्रयास के योगदान के लिए क्षेत्र की जनता की ओर से मंत्री श्री पटैल के प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए आभार जताया।
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