ठेकेदार के आलस्य रवैया के चलते नहीं हुआ पोड़ी फीटर का काम बिजली विभाग के जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान जिसका परिणाम भोग रहे 84 ग्राम
ठेकेदार के आलस्य रवैया के चलते नहीं हुआ पोड़ी फीटर का काम बिजली विभाग के जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान जिसका परिणाम भोग रहे 84 ग्राम ढीमरखेड़ा | विद्युत वितरण केन्द्र के अंतर्गत आने वाले 84 ग्राम ठेकेदार के आलस्य रवैया का परिणाम भोग रहे हैं लिहाज़ा बिजली की आपूर्ति किसी भी क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक विकास की धुरी होती है। यह न केवल रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि उद्योग, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं को भी सुचारु रूप से संचालित करती है। यदि किसी क्षेत्र में बिजली की समस्या होती है, तो यह क्षेत्र का विकास अवरुद्ध कर सकता है और लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसी परिप्रेक्ष्य में, पोड़ी फीटर का काम ठेकेदार के आलस्य रवैया और बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण अधूरा रह जाने की घटना एक गंभीर मुद्दा है, जिसका खामियाजा 84 गांवों के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। *ठेकेदार का आलस्य रवैया* इस समस्या की जड़ ठेकेदार का आलस्य रवैया है। एक ठेकेदार को अपने अनुबंधित कार्य को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करने की जिम्मेदारी होती है। जब