सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खुद के ही उलट चल रहा जगत नियंता महाप्रभु का कालचक्र

 *खरी - अखरी* 


खुद के ही उलट चल रहा जगत नियंता महाप्रभु का कालचक्र !



*लगता है इन दिनों जगत नियंता महाप्रभु का कालचक्र ठीक नहीं चल रहा है तभी तो कोई मंदबुद्धि उन्हें नाशवान प्राणी का भक्त बता रहा है तो कोई उनके मंदिर को ही न्यायालय में चुनौती दे रहा है। अभी हाल ही में उड़ीसा के जगन्नाथ धाम पुरी में एक भाजपाई नेता संबित पात्रा ने महाप्रभु, जिनके बारे में जग जाहिर कहा जाता है "जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ", को दो टके नाशवान मनुष्य नरेन्द्र मोदी का भक्त बता दिया तो मध्यप्रदेश के कटनी जिले के मुख्यालय में सदी पुराने श्री जगदीश (जगन्नाथ) स्वामी मंदिर को ही उच्च न्यायालय मुख्य पीठ जबलपुर में चुनौती दे दी गई ।*


*पहले तो श्री महाकाल सरकार सेवा नामक समिति के अध्यक्ष सत्य प्रकाश द्विवेदी पिता महावीर प्रसाद ने हाई कोर्ट में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका (क्रमांक 30708/2023) दाखिल कर श्री जगदीश स्वामी मंदिर ट्रस्ट कमेटी को कटघरे में खड़ा किया। जिसमें कलेक्टर कटनी को भी पार्टी बनाया गया। जिसे जस्टिस जी एस अहलूवालिया ने 02 जनवरी 2024 को प्रारंभिक सुनवाई में ही खारिज कर दिया था ।*


*इसके बाद शहर के 12 लोगों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट पिटीशन (क्रमांक 12096/2024) फाइल की गई। रिट पिटीशन फाइल करने वालों में 4 एडवोकेट - आशीष कछवाहा पिता चमन लाल, मयंक नगरिया पिता राजेन्द्र, रविन्द्र कुमार गुप्ता पिता देवेन्द्र कुमार, संदीप जायसवाल पिता शिव कुमार, 5 व्यापारी - प्रहलाद सोनी पिता घनश्याम दास, सतेन्द्र निषाद पिता शंकरलाल, सुनील साहू पिता रमेश कुमार, सुनील दत्त मिश्रा पिता गुरुदत्त, अजय कांत सोनी पिता प्रकाश चंद, 2 नौकरीपेशा - राकेश विश्वकर्मा पिता खुन्नू लाल, हरिवंश प्रसाद सोनी पिता नंद कुमार, एक शिक्षार्थी - अनमोल जायसवाल पिता कृष्णा शामिल है।*


*इस रिट पिटीशन (12906/2024) को भी जस्टिस जी एस अहलूवालिया ने 20 मई 2024 को प्रारंभिक सुनवाई में ही खारिज कर दिया है* _W. P. No. 30708/2023 WAS ALSO FILED BY Ms. DOLLY SONI, ADVOCATE AND THIS PETITION HAS ALSO BEEN FILED BY THE SAME COUNSEL. THE COUNSEL WAS UNABLE TO SATISFY THE COURT AND THE MATTER WAS DISMISSED, THEREFORE, THE SECOND PETITION FOR THE SIMILAR RELIEFS IS NOT MAINTAINABLE. THE PETITION FAILS AND IS HEREBY DISMISSED_


*इस संबंध में श्री जगदीश स्वामी मंदिर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद सरावगी ने चर्चा के दौरान बताया कि उन्हें तो दो रिट पिटीशन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उन्हें न्यायालय से आज तक कभी भी कोई नोटिस वगैरह नहीं मिला है। जब उनसे पूछा गया कि रिट पिटीशन खासतौर पर इस बात को लेकर दाखिल की गई थी कि श्री जगदीश स्वामी मंदिर ट्रस्ट कमेटी अनरजिस्टर्ड है और कमेटी पदाधिकारियों द्वारा मंदिर की आय को निजी सम्पत्ति बतौर उपयोग किया जाता है। इस पर प्रमोद सरावगी का कहना था कि मंदिर फर्म एंड सोसाइटी से रजिस्टर्ड और मंदिर की सम्पत्ति का उपयोग मंदिर कमेटी द्वारा मंदिर और जनहित में किया जाता है। उसका आडिट भी कराया जाता है। कलेक्टर कटनी मंदिर के संरक्षक हैं। प्रमोद सरावगी का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है जिसे खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा भव्य एवं विशाल जगन्नाथ रसोई का निर्माण कराया जा रहा है। अवैध कब्जाधारियों द्वारा मंदिर ट्रस्ट के ईश्वरोचित कार्यों में बाधा डालने के लिए अनावश्यक कोर्ट केस दायर किए गए हैं।*


*अश्वनी बडगैया अधिवक्ता* 

_स्वतंत्र पत्रकार_

टिप्पणियाँ

popular post

उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

 उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं ढीमरखेड़ा | उमरियापान क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत हैं लेकिन यहां के लोग अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहरों से गहरे जुड़े हुए हैं। इस विवाह ने न केवल दो परिवारों को एक किया, बल्कि गाँव की सामाजिक स्थिति और सामूहिक उत्सवों की परंपरा को भी उजागर किया। आदित्य और जूही का विवाह एक ऐसे मिलन का प्रतीक था जो भविष्य में गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं । आदित्य, उमरियापान के सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र हैं। उनके पिता ने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आदित्य ने भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। वह एक मेहनती, ईमानदार, और समर्पित व्यक्ति हैं। वहीं, जूही एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवती हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व ने उन्हें समाज मे...

पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी

 पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी ढीमरखेड़ा | पिड़रई की निवासी वकील स्वाति तिवारी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का जज़्बा रखते हैं। बचपन से लेकर वकालत की शिक्षा पूरी करने तक, स्वाति तिवारी का सफर कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश की है। *संघर्षों से भरा बचपन* स्वाति तिवारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता। उनके पिता जिनकी आय इतनी नहीं थी कि परिवार की सभी जरूरतें पूरी कर सकें। बचपन में स्वाति को पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। किताबो के लिए पैसे जुटाना उनके लिए हमेशा एक चुनौती रही। लेकिन स्वाति ने कभी हार नहीं मानी। उनके दृढ़ निश्चय और पढ़ाई के प्रति जुनून ने उन्हें अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रखा। उनके शिक्षकों ने भी उनकी प्रतिभा और मेहनत को पहचाना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की। *शिक्षा और वकालत का सपना* स्वाति को बचप...

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े, बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े,  बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित ढीमरखेड़ा | धीरेंद्र बहादुर सिंह, जो वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हैं, ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने बच्चियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े वितरित किए और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उनके इस कदम ने न केवल बच्चियों को सर्दी से राहत दी, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया। इसके साथ ही, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने इन बच्चियों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए उनके पैर पड़कर आशीर्वाद लिया, जो उनके सरल और सच्चे दिल की भावना को दर्शाता है। विधायक ने इस दौरान बच्चियों से कहा कि "मैं विधायक नहीं, बल्कि आपका बड़ा भाई हूं", इस संदेश के साथ उन्होंने बच्चियों को विश्वास दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। उनके इस वक्तव्य ने बच्चियों के दिलों में एक नया आत्मविश्वास भरा और उनके सामने एक नायक का उदाहरण प्रस्तुत किया। व...