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बहुविवाह मामले में पूरे परिवार को बनाया अनावेदक, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

 बहुविवाह मामले में पूरे परिवार को बनाया अनावेदक, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब



 ढीमरखेड़ा । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बहुविवाह मामले में पति के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को परिवाद में अनावेदक बनाये जाने के संबंध में जवाब मांगा है। जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने अनावेदिका सतना निवासी मीनल कुशवाहा को नोटिस जारी किये है। सतना निवासी उमाकांत कुशवाहा, रंगलाल कुशवाहा, देवकी कुशवाहा सहित 11 लोगों लोगों ने बहुविवाह मामले में उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किये जाने को चुनौती देते हुए उक्त याचिका दायर की गयी थी। उनकी तरफ से एकलपीठ को बताया कि मीनल ने जिला अदालत सतना में एक परिवाद दायर कर अपने पति उमाकांत पर दूसरी शादी करने का आरोप लगाये थे। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की अदालत ने परिवाद पर संज्ञान लेते हुए परिवार के सभी 11 लोगों को समन जारी कर दिया है। उन्होंने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट ने बहुविवाह नियम के तहत गाइडलाइन जारी कर यह स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में केवल पति या पत्नी को ही आरोपी बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि परिवाद में उक्त गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पत्नी ने सास-ससुर, नंद-नंदोई सहित परिवार के कुल 11 सदस्यों को अनावेदक बनाया है,जो कि अनुचित है। नशे की लत दूर करने का प्रयास करेंगे तो जिंदगी खुशियों से भर जाएगी।

*विधिक जागरूकता अभियान अंतर्गत किया गया प्रेरित*

 आप अपने आसपास व परिवार के किसी भी व्यक्ति को नशे की लत दूर करने का प्रयास करेंगे तो उनकी जिंदगी में बहुत सी खुशियां आ जाएंगी। यह प्रेरणा जिला एवं सत्र न्यायालय जबलपुर के द्वितीय तल स्थित वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में नशा मुक्ति अभियान अंतर्गत विधिक जागरूकता शिविर में दी गई। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी के निर्देशानुसार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वीडी दीक्षित ने प्रेरित करते हुए कहा कि नशे के सेवन के बारे में जागरूकता बढ़ाकर नशे के सेवन को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से आज के नवयुवकों, किशोरों, बालकों व छात्रों में ड्रग तस्करी व दुरुपयोग की असाधारण वृद्धि की रोकथाम हेतु जागरूक करना चाहिए। नशा के सेवन से हमें खतरनाक बीमारी हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है। नशे की अवैध तस्करी और इससे होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। विशेष नशा मुक्ति अभियान व नालसा (नशा पीड़ितें को विधिक सेवाएं व नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं) योजना-2015 अंतर्गत आयोजित इस शिविर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरा द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही नशा-मुक्ति के सबंध में वीडियो-क्लिप दिखाई गई।

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