आम जनता और जनप्रतिनिधियों के द्वारा नदियों के सूखने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
ढीमरखेड़ा | तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा अंतर्गत बहने वाली नदियों से ग्रीष्म काल में अनैतिक जल दोहन सिचाई प्रयोजन में उपयोग किये जाने से उत्पन्न स्थितियों की वजह से नदियों के सूख जाने व प्रशासन द्वारा ठोस कार्यवाही न किये जाने के कारण क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों और आम जनता के द्वारा आंदोलनात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया गया। स्मरण रहे कि तहसील ढीमरखेड़ा में सदैव सदा बहने वाली नदियां जैसे बेलकुंड, मौरी व अन्य नदियां लगातार अवैध रेत उत्खनन व अवैध सिचाई किये जाने से प्रभावित होकर ग्रीष्म ऋतु में लगभग सूख गई है। जिस वजह से ग्रामो में भू जल का स्तर भी प्रभावित हुआ है साथ - साथ मवेशियों व वनचर प्राणियों को जल की सुगम सुलभता प्रभावित हुई है इसके साथ ही नल - जल योजना व हैंडपंप भी सूखने लगे है , लिहाज़ा समय से राजस्व में मैदानी अमले के सक्रिय न रहने से ठोस कार्यवाही न करने से नदी के अगल बगल मनचाही सिचाई में नदी के पानी का उपयोग करने से भी नदियों में पानी प्रभावित हुआ है।
विदित हैं कि नदियों के सूख जाने से तहसील क्षेत्र की एक बहुत बड़ी जन आबादी पशु, पक्षी वनचर प्राणी इस भीषण गर्मी में त्रासदी जैसा कष्ट भोगने को मजबूर है। तत्सम्बंध में पूर्व के वर्षों में प्रशासनिक कार्यवाही का सापेक्ष परिणाम भी मिला है किन्तु वर्तमान परिद्रश्य में प्रशासनिक उदासीनता उक्त नदियों के अस्तित्व पर भारी
है । अगर मामले को प्रशासन अपने अमल में नहीं लाता तो मजबूर होकर सभी जनप्रतिनिधि और आम जनता आन्दोलन करने को विवश होंगे।
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