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भाजपा जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के पुत्र के सागौन के खेत में दबंगो ने लगाई आग

 भाजपा जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के पुत्र के सागौन के खेत में  दबंगो ने लगाई आग 



ढीमरखेड़ा । तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली उपतहसील सिलौड़ी के अंतर्गत आने वाली ग्राम नेगई निवासी दबंग रामलाल काछी ने भाजपा जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के पुत्र के सागौन के खेत में आग लगा दी। जिसके कारण लगभग 1600 सागौन के पौधे पूरी तरह जलकर खाक हो गये। जिसमें लगभग 15 से 20 लाख रूपये का नुकसान हो गया। पुलिस ने घटनास्थल में पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। स्मरण रहे कि जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के द्वारा बताया गया कि आज सुबह मेरे फॉर्म हाऊस के कर्मचारी ने फोन लगाकर बताया की रामलाल काछी ने सागौन के खेत में कब्जा करने के उद्देश्य से सागौन के खेत में आग लगा दी। जिसके कारण मेरा 15 से 20 लाख का नुकसान हो गया है। दबंग भूमाफिया रामलाल काछी ने मेरे पुत्र के नाम की 2 एकड़ भूमि एवं सरकारी 10 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है । नेगई में अनेको जगह पर सरकारी जमीन में कब्जा किया गया है, सरकारी जगह में बाउंड्री बनाकर बोर किया है। उसके नाम पर कोई जमीन नहीं है। प्रशासन ने अनेको बार बेदखली की कार्यवाही भी किया है। प्रशासन की सख्ती नही होने से उसकें हौसले बुलंद है। जिस वजह से ग्रामीणों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त है, ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ हैं कि ज़ब उक्त व्यक्ति एक जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा कर सकता है तो आम जनता के साथ तो कुछ भी आसानी से कर सकता है। पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दबंग भूमाफिया ने जो सरकारी और बगैर सरकारी जमीनों मे कब्ज़ा कर रखा है,उन सभी भूमि को कब्ज़ा मुक़्त कराया जाये तथा आग़ लगने से जिला पंचायत सदस्य को जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई अति शीघ्र करवाई जाए एवं अपराधी क़ो कड़ी से कड़ी सजा मिले यदि प्रशासन मौन बैठा रहा तो ग्रामवासियों के द्वारा इस दबंग भूमाफिया के विरुद्ध उग्र प्रदर्शन एवं चक्का जाम जैसे हालात पैदा होगे जिसकी समस्त जबावदेही शासन प्रशासन की होगी।

*कार्यवाही ना होने से हौसले बुलंद*

स्मरण रहे कि जिस तरह की घटना को  भूमाफिया रामलाल काछी अंजाम दे रहा है उससे साफ़ सिद्ध होता हैं कि खुली चुनौती वो प्रशासन को दे रहा है कि अपराध करने के बाद भी मेरा प्रशासन कुछ नहीं कर लेगा ऐसा उसके कार्यों से प्रतीत होता हैं। जहां प्रशासन के द्वारा मुहिम चलाकर लगातार वृक्ष लगाने की अपील की जा रही हैं वही रामलाल काछी के द्वारा प्रशासन की मुहिम में पानी फेरने का कार्य किया जा रहा है।

*साजिश के तहत सरकारी ज़मीन में कर लेता हैं कब्जा*

विदित है कि भूमाफिया रामलाल काछी साज़िश के तहत जगह - जगह सरकारी जमीनों में कब्जा कर लेता हैं। उसी घटना को जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के बेटे के खेत में कर रहा हैं सागौन के वृक्षों को जलाकर साजिश के तहत खेत में कब्जा करना चाहता है लिहाज़ा उसके हौसले इस तरह परवान चढ़ रहे हैं कि खेत में आगजनी जैसी घटना को अंजाम दे दिया जिसका खामियाजा यह हुआ कि खेत में लगे सागौन के वृक्ष जल गए और लाखो का नुक़सान जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज के पुत्र को हों गया।

 *सरकारी ज़मीन में कब्जा करने पर तीन महीने की कैद का हैं प्रावधान*

भू-राजस्व अधिनियम की धारा-91 के मुताबिक यदि पटवारी की मौका रिपोर्ट के आधार पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण पाया जाता है तो पहली बार में अतिक्रमी के खिलाफ नियमानुसार बेदखली की कार्रवाई की जाती है। यदि तीसरी बार अतिक्रमण करने की पुष्टि होती है तो अतिक्रमी को तीन माह की साधारण सजा हो सकती है। इस मामले में तहसीलदार और नायब तहसीलदार को धारा 91 के तहत यह अधिकार है। बहरहाल भूमाफिया रामलाल काछी के द्वारा जिस तरह से सरकारी ज़मीन में कब्जा किया गया है तो धारा 91 के तहत कार्यवाही होनी चाहिए अगर कार्यवाही नहीं होती तो फील्ड में अनदेखी होने पर पटवारी भी जिम्मेदार हैं अब तक सख्ती के अभाव के कारण किसी को नहीं मिली सजा जिसके कारण भूमाफिया रामलाल काछी के हौसले बुलंद हैं।

*इनको माना जाएगा अतिक्रमण की श्रेणी में*

सरकारी जमीन पर किसी ने फसल की बुवाई कर, बाड़ लगाकर, पत्थर का पाटा लगाकर, कंटीली झाडिय़ां लगाकर या मकान बनाकर कब्जा किया हो तो वह अतिक्रमण की श्रेणी में आता है। सरकारी भूमि पर अनाधिकृत कब्जों की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को कठोरता से रोका जाना चाहिए ताकि भूमाफिया रामलाल काछी के जैसे लोगों के हौसलो में लगाम कसी जा सकें। धारा 91 के तहत यदि कोई व्यक्ति राजकीय भूमि पर बिना विधिसंगत प्राधिकार के कब्जा करता है या कर रखा है तो तहसीलदार ऐसे गैर कानूनी कब्जों को हटाने हेतु सक्षम है। ऐसे प्रत्येक कृषि वर्ष के लिए जिसमें पूरे साल या उसके भाग में अतिक्रमी रहा हो, तो वह प्रथम कृत्य के लिए वार्षिक लगान का 50 गुना तक जुर्माना देने का जिम्मेदार होगा। अगर नियमों को धत्ता दिखाता हैं तो तीन महीने जेल का प्रावधान है।

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