श्रेयश बागरी ने बढ़ाया माता - पिता का नाम, शिक्षको को किया गौरवान्वित
ढीमरखेड़ा । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कछारगांव बड़ा से कक्षा 10 वीं के छात्र श्रेयश बागरी पिता सुभाष बागरी ने 500 में से 474 अंक प्राप्त कर 94 प्रतिशत के साथ विद्यालय एवं अपने माता - पिता का नाम रोशन किया। छात्र श्रेयश के पिता सुभाष बागरी एवं मां रमा बागरी खुद शिक्षक हैं। आज के दौर में यह भी एक कटु सत्य है कि जिस तरह से शासकीय विद्यालयों की शिक्षा प्रणाली जर्जर हुई है उसे देख बहुत कम माता पिता ही हैं जो अपने बच्चों को निजी विद्यालयों कि जगह शासकीय विद्यालय में पढ़ा रहे हैं, जिसे देखते हुए यह साफ समझ में आ रहा है कि अगर सक्षम अधिकारी शिक्षक चाहें तो आज भी शासकीय विद्यालयों के सिस्टम में पूर्ण सुधार संभव है। श्रेयश बागरी का कहना है कि में सुबह उठकर ज्यादा पढ़ाई करता था क्यूंकि सुबह अच्छी पढ़ाई होने के साथ - साथ याद करने की क्षमता भी उन्नतिशील थीं। पढ़ाई में आलस्य को नहीं होना चाहिए। जो विद्यार्थी आलस्य का त्याग करेगा वहीं आगे बढ़ेगा। सबसे पहले परीक्षा को लेकर रणनीति होनी चाहिए हमको पुराने पेपरों को उठाकर देखना चाहिए कि किस - किस टॉपिक से प्रश्न पूछे जा रहे हैं फिर उसी टॉपिक में ज्यादा ध्यान आकर्षित करना चाहिए। लिहाज़ा हर विद्यार्थी को खुद के नोट्स बनाना चाहिए खुद के नोट्स बनाने से ये फायदा हैं कि हमारा लिखने का अभ्यास तो होता ही हैं साथ ही खुद के नोट्स जल्दी याद भी हों जाते हैं। जो शिक्षक स्कूल में किसी भी टॉपिक को समझाते हैं तो घर में आकर उसका अभ्यास बार - बार किया जाना चाहिए। इससे हमारी उस टॉपिक में पकड़ मजबूत बनती हैं। विद्यार्थी के लिए अभ्यास ही सबसे बड़ा गुरु हैं हम जितना अभ्यास करेगे वह हमारे लिए उतना फायदेमंद रहेगा।
सहसंपादक संदीप तिवारी 83599 86795
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