खनिज विभाग नही दे रहा ध्यान चुनाव आचार - संहिता के विपरीत अधिक अवधि से जमे खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा क्यों बचा रहे हैं खदान संचालक को
बिना भू प्रवेश की अनुमति के हो रहा 5.50 हेक्टर में खनन, भू - स्वामी आदिवासी की जमीन पर कर रहे खनन -शिकायत के बावजूद खनिज विभाग नही दे रहा ध्यान चुनाव आचार - संहिता के विपरीत अधिक अवधि से जमे खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा क्यों बचा रहे हैं खदान संचालक को
ढीमरखेड़ा | बड़वारा के जमुनिया में बिना भू प्रवेश की अनुमति के खदान संचालक खनन कर रहे हैं। जिसको लेकर यहाँ तैनात किए गए खनिज निरीक्षक की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं कि वे अपनी देख रेख में अवैध खनन को पोषण खुराक क्यों दे रहे हैं l बिना भू प्रवेश की अनुमति के बडवारा तहसील के ग्राम जमुनिया के खसरा नंबर 6 ,7/ 2ग ,88/1घ, 88/1 च नया खसरा नंबर 10,127,128,129 रकवा 5.50 हेक्टर पर खनिपट्टाधारी प्रभाकर राव के द्वारा सरकारी जमीन सहित आदिवासी की जमीन पर किए जा रहे उत्खनन को बंद करते हुए खनिज पोर्टल को ब्लाक करते हुए खनिपट्टाधारी सहित खनन करने में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने संचालक तक शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। यह की बड़वारा तहसील के ग्राम जमुनिया के पुराना खसरा नंबर 6 ,7/ 2ग ,88/1घ, 88/1 च नया खसरा नंबर 10,127,128,129 रकवा 5.50 हेक्टर शासकीय और आदिवासियों की जमीन पर श्री प्रभाकर राव को खनिपट्टा खनिज साधन विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 5/12/1983 को तीन वर्ष के लिए स्वीकृत किया था जिस पर 5.50 हेक्टर की जगह सिर्फ एक हेक्टर पर खनन करने के लिए भू प्रवेश की अनुमति 20 जुलाई 1984 को जारी की गई थी जिसकी अवधि 20/7/1984 से 19/7/1984 तक थी उसके बाद इनके खनीपट्टा की अवधि खनिज साधन विभाग भोपाल ने दिनांक 11/6/1986 से तीन वर्ष की जगह 10 वर्ष कर दी जिससे इनकी पट्टे की अवधि 20/7/1984 से 19/7/1994 तक हो गई लेकिन भू प्रवेश की अनुमति सिर्फ एक हेक्टर की थी। उक्त खनिपट्टाधारी के प्रभाकर राव द्वारा भू प्रवेश की अनुमति के बिना सरकारी एवं आदिवासियों की जमीन पर डोलोमाइट खनिज का खनन कर रहे है जो अवैध उत्खनन खनिज अधिनियम की धारा 4,21 की परिधि में आता है वही म. प्र. भू राजस्व संहिता की धारा 165 (6), 247,248 का भी उलंघन किया जा रहा है।खनिपट्टाधारी के प्रभाकर राव द्वारा भू प्रवेश की अनुमति के बिना आदिवासियों की जमीन पर किए जा रहे खनन पर तत्काल रोक लगाते हुए खनिज पोर्टल को ब्लाक करना था लेकिन नही किया जिससे प्रतीत होता है कि खनिज निरीक्षक संरक्षण दे रहे हैं।
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